विष्णु सहस्रनाम एक प्राचीन स्तोत्र है जिसका शाब्दिक अर्थ भगवान विष्णु के एक हजार नामों से है। महाकाव्य महाभारत के एक भाग के रूप में विष्णु सहस्रनाम है जो संस्कृत विद्वान ऋषि व्यास द्वारा लिखा गया है। हमारी जो परंपरा है उसमे तीन देवताओं को मुख्य रूप से पूजा जाता है। ब्रह्मा जी को सृष्टि का निर्माता, शिव को विध्वंसक के रूप में जाना जाता है और भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालक माना जाता है। विष्णु भगवान को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में जाना जाता है। इसलिए उनकी पूजा- उपासना से आपका जीवन काफी सहज एवं आसान हो जाता है।
ऐसी मान्यता है कि जो आपका पालन कर रहा है उसकी पूजा करने से जीवन का निर्वाह करना और उसे आगे बढ़ा पाना बहुत आसान हो जाता है। इसलिए भगवान विष्णु की उपासना करने के कई तरीके हैं जिसमे विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं उनके हर काम बनने लग जाते हैं और ये आपके कई लाख कष्टों को हर लेता है। लेकिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के कई नियम बनाए गए हैं और उन्हें ध्यान में रखकर ही इसका पाठ करना चाहिए, जिससे भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त हो सके।
वैसे तो आप विष्णु सहस्रनाम का पाठ नियमित रूप से किसी भी समय सुविधानुसार कर सकते हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसे सूर्योदय के समय पढ़ना सर्वोत्तम होता है। इसलिए घर में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय हमेशा साफ़ तन और मन से सूर्योदय का समय चुनें और पूरी श्रद्धा भाव से विष्णु जी का माता लक्ष्मी समेत आह्वान करते हुए इसका पाठ शुरू करें। सूर्योदय के समय इसका पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा घर के सभी सदस्यों में बनी रहती है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करते समय, मंदिर या पूजा क्षेत्र में ‘जल कलश’ या एक गिलास पानी अवश्य रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जल कलश रखे बिना इसका पाठ संपूर्ण नहीं होता है। आप कलश के ऊपर नारियल और आम के पत्ते रखें और पाठ शुरू करें। विधिवत पूजा करने और पाठ संपन्न होने के बाद भगवान को पीले प्रसाद का भोग अवश्य लगाएं। विष्णु जी को पीली वस्तु का भोग भी अत्यंत प्रिय है। पाठ करने के बाद भगवान विष्णु की आरती के साथ विष्णु सहस्रनाम का समापन करें और सभी में भोग का वितरण करें।
ऐसा माना जाता है कि पीला रंग भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय है। इसलिए आप जब भी घर में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें उस समय इस बात को जरूर ध्यान में रखें कि इसके पाठ के समय स्वच्छ पीले रंग के वस्त्र धारण करें। ऐसी मान्यता है कि पीले वस्त्र धारण करके किया गया विष्णु सहस्रनाम का पाठ अत्यंत फलदायी होता है और व्यक्ति पर विष्णु जी समेत माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है।
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जब भी आप विष्णु सहस्रनामका पाठ कर रहे हैं तो इसका सही उच्चारण बहुत जरूरी है। चूंकि यह पाठ संस्कृत भाषा में है इसलिए इसका पाठ करना थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन भगवान विष्णुजी की कृपा दृष्टि पाने के लिए सही उच्चारण के साथ ही इसका पाठ करना चाहिए। यदि समय कम हो या संस्कृत पढ़ने में कोई कठिनाई हो तो आप इसे सुन भी सकते हैं। इसे रोजाना सुनने मात्र से भी मानसिक शांति मिल जाती है। यह हमारे मन और शरीर को तनावमुक्त रखने में अत्यंत प्रभावकारी है।
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यहां बताई गयी बातों को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें, आपको जीवन में सफलता जरूर मिलेगी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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