घर में होता है विष्णु सहस्रनाम का पाठ तो जरूर ध्यान में रखें ये नियम

आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें घर में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के नियमों के बारे में। 

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विष्णु सहस्रनाम एक प्राचीन स्तोत्र है जिसका शाब्दिक अर्थ भगवान विष्णु के एक हजार नामों से है। महाकाव्य महाभारत के एक भाग के रूप में विष्णु सहस्रनाम है जो संस्कृत विद्वान ऋषि व्यास द्वारा लिखा गया है। हमारी जो परंपरा है उसमे तीन देवताओं को मुख्य रूप से पूजा जाता है। ब्रह्मा जी को सृष्टि का निर्माता, शिव को विध्वंसक के रूप में जाना जाता है और भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालक माना जाता है। विष्णु भगवान को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में जाना जाता है। इसलिए उनकी पूजा- उपासना से आपका जीवन काफी सहज एवं आसान हो जाता है।

ऐसी मान्यता है कि जो आपका पालन कर रहा है उसकी पूजा करने से जीवन का निर्वाह करना और उसे आगे बढ़ा पाना बहुत आसान हो जाता है। इसलिए भगवान विष्णु की उपासना करने के कई तरीके हैं जिसमे विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं उनके हर काम बनने लग जाते हैं और ये आपके कई लाख कष्टों को हर लेता है। लेकिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के कई नियम बनाए गए हैं और उन्हें ध्यान में रखकर ही इसका पाठ करना चाहिए, जिससे भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त हो सके।

विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के नियम

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सूर्योदय के समय करें पाठ

वैसे तो आप विष्णु सहस्रनाम का पाठ नियमित रूप से किसी भी समय सुविधानुसार कर सकते हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसे सूर्योदय के समय पढ़ना सर्वोत्तम होता है। इसलिए घर में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय हमेशा साफ़ तन और मन से सूर्योदय का समय चुनें और पूरी श्रद्धा भाव से विष्णु जी का माता लक्ष्मी समेत आह्वान करते हुए इसका पाठ शुरू करें। सूर्योदय के समय इसका पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा घर के सभी सदस्यों में बनी रहती है।

कलश स्थापित करके करें पाठ

विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करते समय, मंदिर या पूजा क्षेत्र में ‘जल कलश’ या एक गिलास पानी अवश्य रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जल कलश रखे बिना इसका पाठ संपूर्ण नहीं होता है। आप कलश के ऊपर नारियल और आम के पत्ते रखें और पाठ शुरू करें। विधिवत पूजा करने और पाठ संपन्न होने के बाद भगवान को पीले प्रसाद का भोग अवश्य लगाएं। विष्णु जी को पीली वस्तु का भोग भी अत्यंत प्रिय है। पाठ करने के बाद भगवान विष्णु की आरती के साथ विष्णु सहस्रनाम का समापन करें और सभी में भोग का वितरण करें।

विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय पीले वस्त्र पहनें

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ऐसा माना जाता है कि पीला रंग भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय है। इसलिए आप जब भी घर में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें उस समय इस बात को जरूर ध्यान में रखें कि इसके पाठ के समय स्वच्छ पीले रंग के वस्त्र धारण करें। ऐसी मान्यता है कि पीले वस्त्र धारण करके किया गया विष्णु सहस्रनाम का पाठ अत्यंत फलदायी होता है और व्यक्ति पर विष्णु जी समेत माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है।

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सही उच्चारण से करें पाठ

जब भी आप विष्णु सहस्रनामका पाठ कर रहे हैं तो इसका सही उच्चारण बहुत जरूरी है। चूंकि यह पाठ संस्कृत भाषा में है इसलिए इसका पाठ करना थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन भगवान विष्णुजी की कृपा दृष्टि पाने के लिए सही उच्चारण के साथ ही इसका पाठ करना चाहिए। यदि समय कम हो या संस्कृत पढ़ने में कोई कठिनाई हो तो आप इसे सुन भी सकते हैं। इसे रोजाना सुनने मात्र से भी मानसिक शांति मिल जाती है। यह हमारे मन और शरीर को तनावमुक्त रखने में अत्यंत प्रभावकारी है।

vishnu sahasrnamam rules by Dr.Aarti Dahiya

विष्णु सहस्रनाम का महत्व

  • विष्णु सहस्रनाम में भगवान के सहश्र नामों यानी हजार नामों का उल्लेख है। इसमें जो श्लोक है वो व्यक्ति के लिए बड़े ही प्रभावी हैं। उनके हजार नामों का ध्यान व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त करता है।
  • ऐसा माना जाता है कि यदि किसी लड़के या लड़की का विवाह नहीं हो पा रहा है तो विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से अवश्य लाभ होता है। इसके पाठ से योग्य जीवन साथी मिलने में मदद मिलती है।
  • इसका नियमित पाठ व्यक्ति के मन से भय और तनाव को दूर करता है।
  • इसके नियमित पाठ से कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
  • इसके अद्भुत श्लोक से हर ग्रह, नक्षत्र को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • बृहस्पति की पीड़ा दूर करने के लिए इसका पाठ करना अति फलदायी है।
  • यदि बुध भी आपको परेशान करे तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ आपके लिए अचूक होता है। यदि व्यक्ति को बुध से संबंधित कोई समस्या है या बृहस्पति से परेशानी है तो नियमित रूप से इसका पाठ करें।
  • जिन लोगों का गुरु नीच का हो या राहु के साथ विराजमान हो उन्हें विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए।
  • यदि कुंडली में गुरु 6, 7 या 12 में हो तब भी इसका पाठ करने की सलाह दी जाती है।
  • इसके नियमित पाठ से वित्तीय परेशानियां ख़त्म होती हैं और आपके लिए धन के मार्ग खुलते हैं।
  • विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ने से मन शांत रहता है। घर में संतानहीनता से पीड़ित लोगों को प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।

यहां बताई गयी बातों को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें, आपको जीवन में सफलता जरूर मिलेगी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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Image Credit: freepik and wallpapercave.com

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