घर पर सत्यनारायण स्वामी जी की पूजा है, तो इस तरह करें मंदिर का डेकोरेशन

सत्यनारायण स्वामी जी की पूजा के आयोजन पर घर के मंदिर को इस तरह से करें डेकोरेट। जानें विधि और देखें तस्‍वीरें। 

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हिंदू धर्म में भगवान श्री विष्णु को जगत पिता कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि श्री हरी नारायण ही इस सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में उनके सत्यनारायण स्वरूप की पूजा हर घर में एकादशी या फिर पूर्णिमा के दिन की जाती है। इस पूजा में सत्यनारायण स्वामी जी का व्रत भी रखा जाता है और घर पर कथा के साथ हवन भी किया जाता है।

सत्यनारायण स्वामी जी की कथा या पूजा का आयोजन जिस घर में भी होता है, वहां विशेष सजावट भी की जाती है। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप घर में सत्यनारायण स्वामी जी की कथा करवा रहे हैं , तो आपको घर के मंदिर की सजावट कैसी करनी चाहिए।

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केले के पत्तों से करें डेकोरेशन

केले के पत्तों को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना गया है। इस वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है। केले के पत्तों का प्रयोग सत्यनारायण स्वामी जी की पूजा में अनिवार्य होता है क्योंकि भगवान विष्णु को केले के फल का भोग, केले का फूल आदि अर्पित किया जाता है और केले के पत्‍तों का मंडप तैयार करके ही श्री हरी विष्णु भगवान की पूजा की जाती है।

  • आप केले के पत्तों से अपने घर के मंदिर को कई तरह से सजा सकती हैं। चलिए हम आपको कुछ टिप्स देते हैं।
  • अगर आपके घर के मंदिर में 4 खम्ब हैं, तो आप चारों खम्ब में एक-एक केले का पत्ता कलावे की मदद से बांध दें।
  • आप मंदिर के पीछे की दीवार पर 4 केले के पत्तों को चिपका सकती हैं।
  • आप केले के 4 पत्तों से मंडप तैयार कर सकती हैं। इस मंडप के मध्य में मंदिर को स्थापित कर सकती हैं।
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अशोक के पत्तों से करें सजावट

केले के पत्तों की तरह अशोक के वृक्ष के पत्तों को भी बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु अनुसार घर में अशोक का वृक्ष लगाना बहुत ही लाभकारी होता है। यदि आप घर में वृक्ष नहीं लगा सकते हैं, तो अशोक के वृक्ष के पत्तों का बंदनवार घर के प्रवेश द्वार पर लगाएं। अशोक के पत्ते गृह क्लेश को कम करने के उपायों (गृह क्लेश को दूर करने के आसान उपाय ) में सबसे सरल और प्रभावकारी उपाय है। यह घर से दुख और दरिद्रता को भी दूर करता है और घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है। ऐसे में सत्यनारायण स्वामी की कथा के दौरान मंदिर को आप अशोक के पत्तों से भी डेकोरेट कर सकती हैं। चलिए हम आपको कुछ टिप्स देते हैं।

  • अशोक के पत्ते और गेंदे के फूल से डिजाइनर बंदनवार बनाएं।
  • अशोक के पत्तों और गेंदे के फूल की रंगोली भी बनाई जा सकती है।
  • आप कलश में भी अशोक के पत्तों को रख कर उसे डेकोरेट कर सकती हैं।

गेंदे के फूल से सजाएं मंदिर

भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है और इसलिए उनकी पूजा में गेंदे के फूल का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। अगर आपके घर में भी सत्यनारायण स्वामी जी की पूजा हो रही है, तो आपको भी आपने घर के मंदिर को गेंदे के फूल से जरूर सजाना चाहिए। चलिए हम आपको कुछ टिप्‍स देते हैं-

  • आप गेंदे के फूल से मंदिर वाले कमरे की दीवारों को डेकोरेट कर सकती हैं।
  • गेंदे के फूल के साथ आप गुलाब के फूल या सफेद रंग के फूलों की माला बना कर मंदिर को सजा सकती हैं।
  • गेंदे के फूल का गुलदस्ता बना कर भी आप मंदिर को सजा सकती हैं।
  • आप गेंदे के फूल से मंदिर के आगे रंगोली भी बना सकती हैं।
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मंदिर में बनाएं रंगोली

भारतीय संस्कृति में रंगोल को बहुत महत्व दिया गया है। हर तीज-त्योहार पर घर में रंगोली बनाने की परंपरा है। ऐसी मान्‍यता है कि रंगोली बनाने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। आप देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी रंगोली बना सकती हैं। चलिए हम आपको रंगोली बनाने के कुछ टिप्‍स देते हैं-

  • गेहूं के आटे से बनाएं 'चौक वाली रंगोली'। यह रंगोली बनाने का सबसे प्राचीन तरीका है।
  • फूलों की रंगोली से सजाएं मंदिर। इसके लिए आप गेंदे और गुलाब के फूल का इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • सत्यनारायण स्वामी जी की पूजा में चावल और काले तिल का विशेष महत्व है। आप इन दोनों की मदद से भी रंगोली तैयार कर सकती हैं। केवल चावल के लेप से आप अल्‍पना भी तैयार कर सकती हैं।

तुलसी के पत्तों का करें इस्तेमाल

हिंदू धर्म में तुलसी के पत्तों का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। इन पत्तों के सेवन से सेहत को भी लाभ पहुंचता है और घर में तुलसी का पौधा होने से सुख और समृद्धि का भी वास होता है। भगवान विष्णु को भी तुलसी अति प्रिय है, क्योंकि तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। चलिए हम आपको बताते हैं कि आप घर के मंदिर को सजाने के लिए तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल कैसे कर सकती हैं।

  • तुलसी की पत्ती की माला बनाएं और उससे मंदिर को सजाएं।
  • आप सत्यनारायण स्वामी को भी भी तुलसी की माला अर्पित कर सकती हैं।

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Image Credit: Shutterstock

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