Sam Bahadur: प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कुछ इस अंदाज में बात करते थे सैम मानेकशॉ ,जानें दोनों से जुड़े रोचक किस्से

सैम मानेकशॉ इंदिरा गांधी से बातचीत के दौरान काफी कूल और कैजुअल रहते थे। साल 2022 में उन्होंने खुद अपने पोते को दिए इंटरव्यू में कई रोचक किसन पर चर्चा की है।

  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2023-12-01, 13:10 IST
indira gandhi and sam manikshaw

बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल की मोस्ट अवेटेड फिल्म सैम बहादुर आज यानी की 1 दिसंबर को सिनेमाघर में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म भारत के सबसे फेमस युद्ध जनरल और फील्ड मार्शल सैम मानिकशॉ की बायोपिक है। यह वही सैम मानिकशॉ हैं जिन्हें 1971 में इंडो पाक युद्ध का हीरो कहा जाता है। सैम मानिकशॉ ऐसे सिपाही थें जो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बात काटने का भी दम रखते थे। विस्तार से जानते हैं कौन हैं सैम बहादुर

सैम बहादुर कौन थे?

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सैम होर्मूसजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ,इन्हें दुनिया सैम बहादुर के नाम से जानती है। उनका जन्म 3 अप्रैल 1914 को ब्रिटिश भारत के अमृतसर में एक पारसी परिवार में हुआ था वह 1932 में भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में शामिल हुए और ठीक 2 साल बाद 4/12 फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट में भर्ती हुए। मानिकशॉ को 59 साल की उम्र में फील्ड मार्शल की उपाधि से नवाजा गया। 1972 में उन्हें पद में विभूषण से सम्मानित किया गया, जिसके 1 साल बाद वह 1973 में सेवा प्रमुख के पद से रिटायर हो गए। सैम को 8 गोरखा राइफल के सैनिकों द्वारा सैम बहादुर नाम दिया गया था।

इंदिरा गांधी और सैम मानिकशॉ से जुड़े रोचक किस्से

कहा यह भी जाता है कि दोनों के बीच खूब जमती भी थी।सैम मानिकशॉ इंदिरा गांधी से बातचीत के दौरान काफी कूल और कैजुअल रहते थे। साल 2022 में उन्होंने खुद अपने पोते को दिए इंटरव्यू में कई रोचक किसन पर चर्चा की है।

अपने पोते को दिए गए इंटरव्यू में मानिकशॉ कहते हैं कि शाम 4:00 बजे का वक्त था और मैं चाय पी रहा था। उस वक्त मिसेज गांधी का फोन आया, उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं बिजी हूं? मैंने जवाब दिया कि मैडम एक आर्मी की हमेशा बिजी रहता है। मगर इतना भी व्यस्त नहीं रहता कि अपने प्रधानमंत्री से बात ना कर सके। उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैनें एडीसी से कहा कि लड़की बुला रही है, गाड़ी निकालो। आगे मानिकशॉ कहते हैं कि लोग जानते थे कि मैं मिसेज गांधी से ऐसे ही बात करता हूं।

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क्या सच में सैम मानिकशॉ तख्तापलट करना चाहते थे?

सैम मैनिकशॉ आगे कहते हैं कि मैं उनके कार्यालय पहुंचा तो इंदिरा गांधी अपने सिर पर हाथ रखे बैठी थी। मैंने उनसे कहा कि हेलो प्राइम मिनिस्ट आप कैसी हैं? तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं परेशान हूं। मैंने कहा कोई परेशानी है तो मेरे कंधे पर सर रखकर रो लो। क्या परेशानी है मुझे बताओ? उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा कि मेरी सारी परेशानी तुम हो। तब मानिकशॉ ने जवाब दिया कि मैने क्या कर दिया?तब इंदिरा गांधी ने कहा कि लोग चर्चा कर रहे हैं कि तुम ताख्ता पलट करना चाहते हो ? मैंने उनसे सवाल किया कि क्या आपको भी लगता है कि मैं ऐसा करने वाला हूं? इस पर इंदिरा गांधी ने साफ कहा कि तुम तख्ता पलट नहीं कर सकते हो।

मानिकशॉ ने इंदिरा गांधी को ऐसे दिलाया भरोसा

आगे मानिकशॉ ने कहा कि आपको मुझ पर इतना भरोसा क्यों है कि मैं तख्ता पलट नहीं कर सकता हूं? क्या मैं इस काबिल नहीं हूं? इंदिरा गांधी ने कहा कि मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं था मुझे बस इतना मालूम है कि तुम तख्ता पलट कर ही नहीं सकते। मानिकशॉ बताते हैं कि मेरी और उनकी नाक लंबी थी मैं अपनी नाक उनके करीब ले गया और कहा कि जब तक मैं अपनी आर्मी को बिना किसी हस्तक्षेप के कमांड कर रहा हूं मेरा राजनीति में आने का कोई भी इरादा नहीं है और ना हीताख्ता पलट करने का इरादा है।
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Image Credit- Freepik
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