सिनेमा जगत में अपनी प्रतिभा और इंप्रेसिव स्क्रीन प्रजेंस से दर्शकों का दिल जीत लेने वाले बॉलीवुड के चार्मिंग एक्टर ऋषि कपूर 67 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए। ऋषि कपूर लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे। मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसें लीं। ऋषि कपूर ने बॉलीवुड में 50 साल से भी ज्यादा समय तक काम किया। ऋषि कपूर उस कपूर खानदार से ताल्लुक रखते थे, जिसका इतिहास फिल्म इंडस्ट्री में 100 साल से भी ज्यादा पुराना था। पृथ्वीराज कपूर के पोते और शोमैन राजकपूर के बेटे ऋषि कपूर ने कपूर परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बेहतरीन फिल्में कीं। उनकी रोमांटिक छवि और सदाबहार गाने आज भी दर्शकों के जेहन में ताजा हैं। बचपन में अपने पिता राज कपूर की फिल्मों में काम करने से लेकर यंग एज में रोमांस, नीतू कपूर के साथ शादीशुदा जिंदगी और कैंसर से जूझने तक उन्होंने एक लंबा सफर तय किया, आइए उनकी लाइफ जर्नी के बारे में जानते हैं-
ऋषि कपूर का जन्म 4 सितंबर 1952 में मुंबई के चेंबूर इलाके में हुआ था। मां कृष्णा राज कपूर और पिता राज कपूर के लाडले बेटे ऋषि कपूर को सभी लोग प्यार से चिंटू कहा करते थे। रणधीर कपूर और राजीव कपूर उनके भाई थे। प्रेम नाथ, राजेंद्र नाथ, नागेंद्र नाथ उनके मामा थे, प्रेम चोपड़ा उनके मौसाजी थे, वहीं शशि कपूर, शम्मी कपूर उनके चाचा थे और ये सभी जाने-माने कलाकार थे। ऋतु नंदा और रीमा जैन के वह भाई थे। ऋषि कपूर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैंपियन स्कूल से की। कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने अजमेर के मेयो कॉलेज से पूरी की।
फिल्मों से पहला परिचय ऐसे हुआ
राजकपूर की फिल्म 'श्री 420' का गाना 'प्यार हुआ इकरार हुआ' बॉलीवुड के आईकॉनिक सॉन्ग्स में गिना जाता है। इस गाने के एक सीन में राजकपूर बारिश में भीगते हुए 3 छोटे बच्चों के साथ नजर आए थे और ये तीनों उन्हीं के बच्चे थे- ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और ऋतु कपूर। इस सीन में शामिल होने के लिए नरगिस ने उन्हें चॉकलेट देकर मनाया था।
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'मेरा नाम जोकर' से की फिल्मी सफर की शुरुआत
राज कपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में ऋषि कपूर ने अपने पिता का बचपन का किरदार निभाया था। बड़े होने पर वह पहली बार 'बॉबी' फिल्म में बतौर हीरो नजर आए थे। इस फिल्म में उनके साथ डिंपल कपाड़िया ने काम किया था। यह टीनेज लव स्टोरी अपने समय की सबसे बड़ी हिट हुई थी। इस फिल्म में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की रोमांटिक कैमिस्ट्री दर्शकों के सिर चढ़कर बोली थी। फिल्म के गाने लोग आज भी गुनगुनाना पसंद करते हैं। ऋषि कपूर को एक्टिंग के गुण विरासत में मिले, यही वजह थी कि वह बहुत अपीलिंग लगते थे।
'बॉबी' फिल्म के हिट होने के बाद ऋषि कपूर के पास बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं के ऑफर आने लगे। ऋषि कपूर ने अपने दौर की कई रोमांटिक फिल्मों में काम किया और इंडस्ट्री में वह चॉकलेटी हीरो के तौर पर पहचाने जाने लगे। दिलचस्प बात ये है कि ऋषि ने अपने फिल्मी करियर में साल 1973 से लेकर 2000 तक लगभग 92 फिल्मों में रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया।
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ये थीं अहम फिल्में
ऋषि कपूर अपने दौर के सबसे कामयाब एक्टर के रूप में पहचाने गए। 'कभी-कभी' फिल्म में नीतू सिंह के साथ उनकी कैमिस्ट्री की बात करें या फिर, कर्ज में उनके बदले की, प्रेम रोग में पद्मिनी कोल्हापुरी के साथ उनके प्रेम की बात करें या फिर 'अमर अकबर एंथनी' में अकबर इलाहाबादी के दिलचस्प अंदाज की, अपने इन सभी किरदारों में ऋषि कपूर ने दर्शकों का जबरदस्त एंटरटेनमेंट किया। इसके अलावा भी वह 'यादों की बारात', 'बारूद', 'लैला मजनू', 'रंगीला रतन', 'दूसरा आदमी', 'नया दौर', 'पति पत्नी और वो', 'बदलते रिश्ते', 'फूल खिले है गुलशन-गुलशन', 'झूठा कही का', 'सलाम मेमसाब', 'सरगम', 'धन दौलत', 'आप के दीवाने', 'दो प्रेमी', 'नसीब', 'जमाने को दिखाना हैं', 'प्रेम रोग', 'ये वादा रहा', 'दीदार', 'दुनिया', 'नसीब अपना-अपना', 'चाँदनी', 'हिना', 'बोल राधा बोल' , 'दीवाना', 'प्रेम ग्रन्थ', 'दामिनी', 'साधना' जैसी फिल्मों में नजर आए। नए दौर की फिल्मों में वह 'फना', 'ओम शांति ओम' 'नमस्ते लंदन','पटियाला हॉउस', 'जब तक है जान', 'अग्निपथ', 'सनम रे', 'मुल्क', 'कपूर एंड संस' जैसी फिल्मों में भी अहम किरदारों में नजर आए।
अगर कपूर एंड सन्स की बात करें तो उसमें वह एक 80 साल के बूढ़े के किरदार में नजर आए। इस लुक के लिए उन्होंने प्रोस्थेटिक मेकअप का सहारा लिया था। इस दौरान अपने सीन्स के लिए तैयार होने में उन्हें 12-13 घंटे लग जाते थे। अपनी हालिया फिल्म '102 नॉट आउट' में वह अमिताभ बच्चन के साथ 27 साल बाद नजर आए थे। इन अलग तरह के किरदारों के जरिए ऋषि कपूर ने अपनी वर्सेटेलिटी बखूबी जाहिर की थी।
नहीं पसंद थे अपने गाने
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ऋषि कपूर की फिल्मों के साथ-साथ उनके गाने भी दर्शकों को काफी पसंद आते थे। 'मैं शायर तो नहीं', 'खुल्लमखुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों', 'एक हसीना थी', 'डफली वाले' जैसे गानों से ऋषि कपूर को जबरदस्त पॉपुलेरिटी मिली थी, लेकिन खुद उन्हें अपने गाने नहीं पसंद थे। ऋषि कपूर ने खुद ये बात कबूल की थी कि उन्हें अपने गाने पसंद नहीं थे। ऋषि कपूर ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया था कि जब बोनी कपूर ने उनके साथ ओम शांति ओम गाने की शूटिंग की थी, तो वे काफी एक्साइटेड थे, लेकिन मुझे यह गाना बहुत ज्यादा अच्छा नहीं लगा था और मैंने कहा था कि लक्ष्मीकांत प्यारेलाल मेरे लिए इस तरह का गाना कैसे लिख सकते हैं?'
मशहूर रहे रोमांस के किस्से
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ऋषि कपूर अपने समय के सबसे ज्यादा खूबसूरत और हैंडसम एक्टर्स में शुमार थे। अपनी फिल्मों के साथ-साथ ऋषि कपूर अपनी रोमांटिक लव स्टोरीज को लेकर भी काफी चर्चित रहे। अपने करियर के शुरूआती दौर में ऋषि कपूर एक पारसी लड़की यास्मीन मेहता को डेट कर रहे थे। दोनों एक-दूसरे से बेशुमार प्यार करते थे। लेकिन 'बॉबी' फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच की दूरियां बढ़ने लगीं। इसी बीच उस समय की पॉपुलर मैगजीन स्टारडस्ट में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की लव स्टोरी के बारे में खबर छपी और इसी वजह से यास्मीन ने उनसे ब्रेकअप कर लिया। हालांकि ऋषि कपूर ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। सूत्रों के अनुसार ऋषि डिंपल कपाड़िया को भी पसंद करने लगे थे और उन्हें प्रपोज करना चाहते थे, लेकिन पिता राज कपूर ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया और ऋषि कपूर अपने पिता के खिलाफ नहीं जाना चाहते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नीतू कपूर के अलावा अपने से आधी उम्र की एक्ट्रेसेस के साथ भी उनकी रोमांस की खबरें सुनने को मिलीं। इनमें जूही चावला और दिव्या भारती जैसी एक्ट्रेसेस शामिल थीं।
नीतू कपूर को 5 साल डेट करने के बाद की शादी
ऋषि कपूर और नीतू सिंह की पहली मुलाकात 'जहरीला इंसान' के सेट पर हुई थी। नीतू उन्हें पहली ही नजर में भा गई थीं। दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे। इसी वक्त में उनकी गर्लफ्रेंड उनसे रूठी हुई थीं और उन्होंने उसे टेलीग्राम भेजने के लिए नीतू कपूर से मदद ली थी। वक्त के साथ ऋषि कपूर अपनी गर्लफ्रेंड को भूलने लगे और नीतू कपूर का साथ उन्हें अच्छा लगने लगा। जब 'जहरीला इंसान' की शूटिंग के बाद वह दूसरे प्रोजेक्ट्स के सिलसिले में यूरोप टूर पर गए तो वहां उन्होंने नीतू सिंह को बहुत मिस किया। इसी दौरान उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि वह नीतू सिंह के बिना नहीं रह सकते। ऋषि कपूर ने नीतू सिंह को कई बार टेलीग्राम भेजा और उसमें लिखा, 'तुम्हारे बिना मुझे अच्छा नहीं लग रहा।' 5 साल तक नीतू कपूर को डेट करने के बाद साल 1980 में उन्होंने नीतू से शादी की। दिलचस्प बात ये है कि नीतू कपूर और ऋषि कपूर की जोड़ी पर्दे पर भी खूब पसंद की गई। दोनों कई फिल्मों में साथ नजर आए। ऋषि कपूर और नीतू कपूर के बेटे रणबीर कपूर बॉलीवुड के पॉपुलर एक्टर हैं, वहीं बेटी रिद्धिमा कपूर भी जानी-मानी फैशन डिजाइनर हैं।
नाकामी के दौर में नीतू सिंह पर दोष मढ़ने के लिए हुए थे शर्मिंदा
हर कलाकार की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं और ऋषि कपूर ने भी वह दौर देखा, जब उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम होने लगीं। इससे ऋषि कपूर काफी ज्यादा परेशान हो गए और डिप्रेशन में चले गए। वह इतना ज्यादा परेशान रहने लगे कि अपनी नाकामी के लिए नीतू सिंह को कसूरवार ठहराने लगे। ऋषि कपूर ने अपनी किताब खुल्लमखुल्ला में लिखा है, 'नीतू उस वक्त प्रेग्नेंट थीं और रिद्धिमा होने वाली थी और मैं बहुत नाजुक दौर में था। आखिरकार मैं सहारा देने वाले कलीग्स, परिवार और दोस्तों के सपोर्ट से इससे उबर सका, लेकिन सिर्फ मैं इस बात की कल्पना कर सकता हूं कि यह वक्त नीतू के लिए कितना मुश्किल रहा होगा।'
नीतू सिंह के साथ कई बार हुई तकरार
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ऋषि कपूर अपनी पत्नी नीतू सिंह को लेकर काफी सख्त थे। वह नीतू सिंह का देर रात बाहर रहना बर्दाश्त नहीं करते थे, जबकि उनके रोमांस के किस्से हर तरफ सुनाई देते थे। रिद्धिमा कपूर के होने के बाद जब ऋषि कपूर स्ट्रेस से जूझ रहे थे, तब वह बहुत ज्यादा शराब पीने लगे थे, जिसकी वजह से उनकी मैरिटल लाइफ में काफी प्रॉब्लम्स आने लगी थीं। इसी से परेशान होकर एक बार नीतू सिंह ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था।
इसी दौर में नीतू कपूर ऋषि कपूर से अलग रहने लगी थीं और खर्चा चलाने के लिए एक सलून भी खोला था। लेकिन बाद में इनकी कड़वाहटें मिटीं और दोनों फिर से साथ रहने लगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस वक्त में नीतू कपूर और ऋषि कपूर के बीच प्रॉब्लम्स आईं, उस वक्त में रणबीर कपूर खुद को अपने पिता के करीब नहीं महसूस करते थे, जबकि मां के साथ उनका रिश्ता बहुत ज्यादा मजबूत है।
नीतू सिंह पर ज्यादती की बात मानी
ऋषि कपूर ने अपनी किताब 'खुल्लमखुल्ला' में माना कि वह पुरुषवादी सोच के थे और उन्होंने नीतू के साथ ज्यादती की। उन्होंने अपनी किताब में लिखा, 'यह नीतू का फैसला था कि वह शादी के बाद काम नहीं करेंगी। मैंने उन पर दबाव नहीं डाला था। हम इस बात के लिए राजी हुए थे कि बच्चे होने के बाद हममें से एक परिवार के लिए कमाएगा और दूसरा बच्चों की देखभाल करेगा। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी भी उन्हें दोबारा काम करने के लिए इंस्पायर नहीं किया। मेरे भीतर पुरुषवादी सोच थी, जो इस बात की इजाजत नहीं देती थी कि मेरी पत्नी बाहर जाकर काम करे। शादी से पहले मैं चाहता था कि नीतू फिल्मों से जुड़े अपने सारे कमिटमेंट पूरे कर ले। अपने बचाव में मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि अब मेरी सोच बदल गई है।'
कई विवादों से रहा नाता
ऋषि कपूर का कंट्रोवर्सीज के साथ चोली-दामन का साथ रहा। ऋषि कपूर ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में यह कहकर तहलका मचा दिया था कि उन्होंने अपनी फिल्म बॉबी के लिए अवॉर्ड खरीदा था। इस बारे में उन्होंने कहा था, 'मुझे इस बात के लिए शर्मिंदगी है। मैं 20-21 साल का था और अचानक मैं बड़ा स्टार बन गया था। कुछ ने मुझसे कहा कि तुम्हें यह अवॉर्ड मिल सकता है। क्या तुम चाहते हो?, मैंने कहा, हां बिल्कुल, तब उन्होंने बताया कि तुम्हें 30,000 रुपये देने होंगे। उस वक्त में 30,000 रुपये एक बड़ी रकम हुआ करती थी और मैंने कहा, क्यों नहीं।' इससे जाहिर होता है कि ऋषि कपूर कितने बेबाक थे।
सोशल मीडिया पर भी ऋषि कपूर काफी एक्टिव रहते थे। वह अपने विचार खुलकर सोशल मीडिया में जाहिर करते थे, इसी वजह से कई बार वे आलोचना के शिकार भी हुए। साल 2015 में जब महाराष्ट्र में गोहत्या पर पाबंदी लगी थी थी, तब उसका विरोध करते हुए ऋषि कपूर ने एक ट्वीट में लिखा था, 'कोई क्या खाता है, इससे उसके धर्म को क्यों जोड़ा जा रहा है? मैं हिंदू हूं और बीफ खाता हूं, क्या ऐसा करने से मैं कम धार्मिक हो जाऊंगा।'। इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें लोगों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा।
अपनी ऑटोबायोग्रापी 'खुल्लमखुल्ला' में उन्होंने ऐसी बहुत सी बातें कहीं हैं, जिन्हें कहने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है। ऋषि कपूर ने अपनी इस किताब में अपने पिता के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स का जिक्र किया। ऋषि कपूर ने बहुत ईमानदारी से माना कि उनके पिता दूसरी महिलाओं के साथ थे, जबकि कृष्णा कपूर उनकी पत्नी थीं। उनके शब्दों में, 'जब नरगिस के साथ उनका (राज कपूर) अफेयर था, तब मैं बहुत छोटा था। इस बात का हम पर कोई फर्क नहीं पड़ा था, लेकिन जब मेरे पिता वैजंतीमाला के साथ थे, तब मेरी मां हमें लेकर मरीन ड्राइव के नटराज होटल में चली गईं थीं। मेरी मां ने इस पर विरोध दर्ज करने की ठान ली थी। हम दो महीने के लिए चित्रकूट के एक अपार्टमेंट में रहे थे। मेरे पिता ने मां और हमारे लिए वह अपार्टमेंट खरीद लिया था। मेरे पिता ने मां को बनाने के सारी कोशिशें कर डालीं, लेकिन वह तब तक नहीं मानीं, तब तक उन्होंने अपनी जिंदगी का वह चैप्टर क्लोज नहीं कर दिया।'
कैंसर से पीड़ित होने के बाद बदल गई जिंदगी
जब ऋषि कपूर को कैंसर होने का पता चला तो उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। उन्होंने फिल्मों से कुछ समय के लिए ब्रेक ले लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैं कुछ वक्त के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए अमेरिका जा रहा हूं। मैं अपने शुभचिंतकों से निवेदन करता हूं कि वे मुझे लेकर परेशान ना हों। फिल्मों में मैं 45 साल से ज्यादा समय तक रहा हूं। आप सभी लोगों के प्यार और दुआओं के साथ मैं जल्द लौटूंगा।' अमेरिका में लगभग 8 महीने इलाज के बाद जब ऋषि कपूर लौटे तो उन्होंने बताया था कि वह कैंसर मुक्त हो गए हैं और यह उनके परिवार वालों और उनके शुभचिंतकों के साथ की वजह से मुमकिन हुआ है। कैंसर के इलाज के दौरान नीतू कपूर ने ऋषि कपूर का पूरा साथ दिया। ऋषि कपूर ने इस पर मीडिया में दिए इंटरव्यू में कहा था. 'नीतू मेरा साथ चट्टान की तरह खड़ी रहीं। जहां तक मेरे खानपान और बाकी चीजों का सवाल है, मुझे हैंडल करना काफी मुश्किल है। मेरे बच्चों रणबीर और रिद्धिमा ने भी मेरा पूरा साथ दिया है।' लेकिन कुछ महीने ठीक रहने के बाद वह फिर से बीमार रहने लगे।
दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म 'द इंटर्न' के रीमेक में करने वाले थे काम
इसी साल जनवरी में घोषणा हुई थी वार्नर ब्रदर्स की तरफ से चर्चित इंग्लिश फिल्म 'द इंटर्न' की रीमेक बनाई जाएगी। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण और ऋषि कपूर साथ काम करने वाले थे। मूल फिल्म में Anne Hathaway और Robert De Niro ने काम किया था। इस फिल्म में मानवीय रिश्तों को खूबसूरती के साथ दर्शाया गया था। इस फिल्म को लेकर दीपिका पादुकोण और ऋषि कपूर, दोनों काफी उत्साहित थे, लेकिन अफसोस अपनी बीमारी के चलते उनका ये प्रोजेक्ट अधूरा रह गया।
ऋषि कपूर भले ही हमें अलविदा कह गए हों, लेकिन फिल्मों में अपने बेमिसाल अभिनय और अपनी जिंदादिली के लिए वह लंबे समय तक याद किए जाएंगे।
Image Courtesy: Pallav Paliwal, Instagram(@rishi_kapoor_rk)
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