herzindagi
do  and  dont  in  shradh

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में मांगलिक कार्य क्यों वर्जित हैं? जानिए इसके पीछे का बड़ा धार्मिक कारण

यदि आपको भी पितृ पक्ष के दिनों से जुड़े अपने कुछ भ्रमों को दूर करना है, तो एक्‍सपर्ट द्वारा बताई गई इन बातों को जरूर पढ़ें। 
Editorial
Updated:- 2025-09-08, 01:05 IST

पितृ पक्ष का समय फिलहाल चल रहा है, जो 7 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर को समाप्त होगा। इस 15 दिवसीय अवधि में लोग कई ऐसे कार्यों से दूरी बना लेते हैं, जिन्हें वे सामान्य दिनों में खुशी-खुशी करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने से पितरों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।

अधिकांश लोग इस धारणा से सहमत भी होते हैं। इतना ही नहीं, कई लोग पितृ पक्ष में पहनावे, कपड़ों के रंग, भोजन की चीज़ें और यहां तक कि शॉपिंग तक में भी विशेष परहेज बरतते हैं। हालांकि, इस विषय पर ग्लोबल फाउंडेशन ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस की चेयरपर्सन और जानी-मानी एस्ट्रोलॉजर डॉ. शेफाली गर्ग की राय थोड़ी अलग है।

डॉक्‍टर शेफाली कहती हैं, 'पितृ पक्ष के समय कहा जाता है कि यम देव भी पितरों को अपने परिवार वालों से मिलने से नहीं रोक पाते हैं और किसी न किसी रूप में हमारे पूर्वज हम से मिलने आते हैं। जाहिर है, हमारे पूर्वज हमसे प्रेम करते हैं, तब ही वह हमसे मिलने आते हैं। ऐसे में वे हमें शोक मनाता देख ज्यादा खुश होंगे या फिर हमें खुशहाल देख कर उनकी आत्मा शांत होगी। इसमें अधिक सोचने वाली कोई बात ही नहीं है। पितरों की आत्मा तब ही शांत रहेगी जब वह अपने परिवार के लोगों को खुश देखेंगे।'

इसे जरूर पढ़ें: Expert Tips: पितरों को तर्पण देने का महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त जानें

शेफाली जी की बातों से यह बात साफ जाहिर हो जाती है कि पितृ पक्ष को लेकर कुछ मिथ हैं और कुछ सच्चाई है। ऐसे में आज हम आपको यह बताएंगे कि आखिर क्यों पितृ पक्ष के समय कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। 

Keep  these  things  in  mind  during  Shradh

पितृ पक्ष के समय क्यों नहीं होते हैं मांगलिक कार्य 

इस विषय पर शेफाली जी कहती हैं, 'देवशयनी एकादशी पर सभी देव सो जाते हैं और फिर देवोत्थानी एकादशी (देवोत्थानी एकादशी का महत्‍व जानें) पर सभी देव जाग जाते हैं। यह अवधि 4 महीने की होती है। कभी-कभी यह लंबी भी हो सकती है। इस बीच कोई भी मांगलिक कार्य इसलिए नहीं किया जाता है क्योंकि सितारे डूबे हुए होते हैं और इस अवस्था में कोई शुभ मुहूर्त नहीं निकल पाता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। विशेष तौर पर शादी, गृह प्रवेश, मकान का निर्माण आदि कुछ ऐसे काम होते हैं, जो शुभ मुहूर्त में ही किए जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि पितृ पक्ष में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।' 

इसे जरूर पढ़ें: Pitru Paksha 2021: पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात न होने पर कब करें उनका श्राद्ध, एस्ट्रोलॉजर से जानें

pitru  paksha  rules in hindi

पितृ पक्ष को लेकर मिथ 

पितृ पक्ष को लेकर सबसे बड़ा मिथ तो यही है कि इस दौरान आपको खाने में परहेज करना चाहिए। मगर इस बात को नकारते हुए डॉक्टर शेफाली कहती हैं, 'यह आप पर निर्भर करता है कि आप कैसा भोजन करना चाहते हैं। इससे आपके पितरों के नाराज होने का सवाल ही नहीं उठता है। मगर जब आप पितृ पक्ष में ब्राह्मण भोज कर रहे हों या फिर अपने पितरों को उनके पसंद का भोजन प्रसाद में अर्पित कर रहे हों, तो इस बात का ध्यान रखें कि वह सात्विक हो क्योंकि हमारे पूर्वज ईश्वर तुल्य होते हैं और ईश्‍वर को हम सात्विक भोजन ही अर्पित करते हैं।'

expert on pitru paksha

वहीं बहुत सारे लोग पितृ पक्ष के दौरान रंगों से भी परहेज करते हैं। इतना ही नहीं, बहुत सारे जातक पितृ पक्ष के दौरान नाखून नहीं काटते हैं और बाल या दाढ़ी कटवाने से भी परहेज करते हैं। मगर डॉक्टर शेफाली इन सभी बातों को एक मिथ बताती हैं और कहती हैं, 'जिस कार्य के लिए शुभ मुहूर्त की जरूरत नहीं है वह सभी कार्य पितृ पक्ष के दौरान किए जा सकते हैं।'

यह सत्य है कि पितृ पक्ष के दौरान आप गृह क्लेश (गृह क्लेश से बचने के वास्‍तु टिप्‍स) करने से बचें क्योंकि हमारे पूर्वज जब हमारे पास भ्रमण करने आते हैं, तो वह हमें खुश देखना चाहते हैं। ऐसे में यदि हम दुखी होंगे तो उनकी आत्‍मा भी दुखी होगी। मगर पितृ पक्ष के दिनों को खराब और अशुभ दिन समझने वालों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। यह दिन उतने ही शुभ और अच्छे होते हैं, जितने की अन्‍य दिनों को हम शुभ मानते हैं। 

 

यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही धर्म से जुड़े और भी लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।  

Image Credit- Shutterstock, Freepik

Herzindagi video

FAQ
पितृ पक्ष में नहीं किए जाते शादी-ब्याह जैसे मांगलिक काम, क्‍या है वजह?
पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वजों के आत्‍माएं धरती पर हमसे मिलने आती हैं। ऐसे में यह वक्‍त उन्‍हें तर्पण देने का होता है, न कि उत्‍सव मनाने का। 
क्‍या पितृ पक्ष के दौरान नया वाहन खरीद सकते हैं? 
आप नया वाहन खरीदकर घर न लाएं। आप नए वाहन की बुकिंग करा सकती हैं। जब पितृ पक्ष बीत जाएं तब इसकी डिलीवरी कराएं और पूजा करें। 
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।