What are the rules of fasting during Ramadan: रमज़ान का महीना शुरू हो गया है। इस महीने में सभी मुसलमान रोज़ा रख रहे होंगे, क्योंकि यह सभी मुसलमान पर फर्ज़ किए जाए हैं। इस महीने का सभी मुसलमान बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। बता दें मुसलमानों के लिए रमज़ान का महीना बहुत ही पाक यानि पवित्र माना जाता है।
इसलिए पूरे रमज़ान रोज़ा रखा जाता है, ज़कात दी जाती है, पांचों वक्त की नमाज़ अदा की जाती है और अल्लाह की खूब इबादत की जाती है। कुरान के मुताबिक रमज़ान के महीने में अल्लाह की इबादत करने का 70 गुना सवाब मिलता है।
अगर रमज़ान में रोज़ा रखना ही अफज़ल नहीं है, कुछ बातें ऐसी हैं जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको परेशानी हो सकती है।
रोज़ा रखने के बाद न करें टूथब्रश
क्या आपको पता है कि रोज़ा रखने के बाद ब्रश नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपका रोज़ा टूट जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रश करते वक्त स्वाद मुंह में आने लगता है। आप रोज़ा रखने से पहले और रोज़ा खोलने के बाद में टूथपेस्ट कर सकते हैं। लेकिन रोज़ा रखने के बाद आप टूथब्रश नहीं कर सकते हैं।
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रोज़े रखने के बाद शारीरिक संबंध बनाना है माना
रोज़ा बहुत पाकीज़ा चीज है, जिसमें शारीरिक संबंध बनाने से जिस्म की गंदगी बाहर निकालती है। इससे रोज़ा टूट जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शारीरिक संबंध बनाने के बाद इंसान नापाक हो जाता है और उसे ग़ुस्ल करने की जरूरत पड़ती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप रोज़ा रखने के बाद शारीरिक संबंध बनाने से बचें। (रमज़ान के महीने में ज़कात और फितरा देना आखिर क्यों जरूरी है)
सोशल मीडिया का कम करें इस्तेमाल
रमज़ान का महीना बहुत पाक होता है। इसलिए इसमें किए जाने वाले हर काम भी पाक होने चाहिए। इस्लाम में जो काम मना है वो न करें, कोशिश करें सोशल मीडिया का इस्तेमाल कम हो। फिल्म, कार्टून, गाने सुनने से बचें। इससे जुबान और ज़हन पर जोर पड़ता है और भूखे रहने की वजह से दिमाग में भी दर्द होने लगता है। इसलिए कोशिश करें कि पूरे दिन कुरान की तिलावत करें और पांच वक्त की नमाज़ अदा करें।
दावा का गलती से भी न करें सेवन
जैसा कि आप सभी को पता है कि रोज़ा रखने के बाद कुछ भी खाना जैसे पानी पीना, चाय पीना या फिर खाना खाना आदि माना है। मगर क्या आपको पता है कि रोज़ा रखने के बाद दवा खाना भी माना है। ऐसे में अगर आपको कोई बीमारी है तो आप रोज़ा न रखें, क्योंकि ऐसी हालत में आप रोज़ा नहीं रख सकते हैं। (नमाज़ अदा करने के फायदे)
रमजान के दौरान रोज़ा रखने के नियम
रोज़ा रखने का मतलब सिर्फ भूखे-प्यासे रहना नहीं होता है, बल्कि खुद को बुरे कामों से बचाना भी होता है। जीभ के साथ-साथ आंख, कान और हाथ का भी रोज़ा रखा जाता है। इस सबका रोज़े रखने का मतलब होता है कि इस दौरान हम सभी बुरा न देखो, बुरा न सोचें और न ही किसी को बुरा कहें।
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साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके द्वारा बोली गई बातों से किसी की भावनाओं पर ठेस न पहुंचे। अगर गलती से ऐसा हो जाता है तो अल्लाह से माफी मांग लें।
रोज़े रखने का महत्व जानें
इस्लाम धर्म में बताया गया है कि रमज़ान में रोज़ा रखना सुन्नत है और रोज़ेदारों से अल्लाह बहुत खुश होते हैं। इसलिए रोज़ेदार जो भी दुआएं कुबूल करते हैं, वो कुबूल होती हैं। कुरान के मुताबिक इस महीने की गई इबादत का फल बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना अधिक मिलता है।
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