Powerful Snakes In Hinduism: हिन्दू धर्म में नागों का उल्लेख मिलता है। ग्रंथों, शास्त्रों और पुराणों में नाग लोक के बारे में भी बताया गया है। यहां तक कि नागों का त्यौहार नागपंचमी भी मनाया जाता है।
ये कहना गलत नहीं होगा कि सनातन धर्म में नागों का महत्व अत्यधिक है और नागों से जुड़ी कथाएं भी बेहद रोचक हैं। ऐसे में आज हम आपको हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर हिन्दू धर्म के पांच महा बलशाली और भयंकर विषधर सापों के बारे में बताने जा रहे हैं।
शास्त्रों में शेषनाग, वासुकी नाग, तक्षक नाग, कर्कोटक नाग और कालिया नाग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कहा जाता है कि इन नागों ने अपने बल के मत में चूर हो कर भगवान तक को चुनौती दे डाली थी। हालांकि भगवान से भला कौन जीत सका है।
जहां एक ओर इन नागों ने भगवान से युद्ध मोल लिया तो वहीं भूल का एहसास होने के बाद भगवान का साथ भी पाया। किसी को श्री कृष्ण ने क्षमा किया तो किसी को भगवान शिव ने अपनाया तो कोई भगवान विष्णु की छत्रछाया बने।
शेषनाग
- ऋषि कश्यप और माता कद्रू के ज्येष्ठ पुत्र शेषनाग भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) के परम भक्त थे।
- उन्होंने अपने नाग परिवार को त्याग कर गंधमादन पर्वत पर भगवान की भक्ति और तपस्या की थी।
- माना जाता है कि तपस्या से प्रसन्न हो कर ब्रह्म देव ने ही शेषनाग को उनके फन पर सृष्टि का भार उठाने का आशीर्वाद दिया था।
- इसी कारण से कथाओं में कहा जाता है कि यह समस्त सृष्टि शेषनाग के शीश पर शापित है।
वासुकी नाग
- वासुकी नाग भगवान शिव के प्रिय हैं। वासुकी शेषनाग के भाई हैं।
- एक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग को ही रस्सी के रूप में इस्तेमाल करके देवताओं और असुरों ने मेरु पर्वत को मथा था।

कालिया नाग
- कालिया नाग और श्री कृष्ण के युद्ध को कौन नहीं जानता।
- जब कालिया नाग ने यमुना में अपना स्थान बना लिया था और उनके विष के कारण यमुना नदी विषयली हो गई थीं तब श्री कृष्ण ने बाल्यावस्था में यमुना के भीतर प्रवेश कर न सिर्फ कालिया से युद्ध किया था बल्कि उन्हें वहां से जाने पर विवश कर दिया था।

तक्षक नाग
- तक्षक नाग कश्यप ऋषि के पुत्र हैं।
- माना जाता है कि पांडू पुत्र अर्जुन ने अग्नि बाण से तक्षक नाग ने पूरे परिवार को जलाकर मार दिया।
- इसी कारण से तक्षक नाग अर्जुन की मृत्यु की इच्छा पाले उन्हें मारने का बार-बार प्रयास करते लेकिन हर बार श्री कृष्ण (श्री कृष्ण का नाम गोविंद क्यों है?) ने अर्जुन की रक्षा की थी।
- ये इकलौते ऐसे नाग हैं जो नाग लोक में रहकर पाताल में निवास करते हैं।
कर्कोटक नाग
- मान्यता है कि कर्कोटक भगवान शिव के गण थे।
- कर्कोटक भगवान शिव के अनन्य भक्त भी थे।
- जब घोर तपस्या के फल स्वरूप कर्कोटक ने भगवान शिव के गले में स्थान मांगा तो शिव ने वासुकी नाग क पहले से ही उनके गले में होने के कारण उन्हें वह स्थान देने के लिए मना कर दिया लेकिन भक्ति से प्रसन्न शिव ने उन्हें शिवलिंग पर स्थान दिया।
- यानी कि शिवलिंग से लिपटे नाग वासुकी नहीं बल्कि कर्कोटक नाग हैं।
तो ये थे हिन्दू धर्म के महा बलशाली और सबसे भयंकर नाग। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Pinterest, Twitter
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