साल 2020 शुरू होने को है और इस साल आपके लिए निवेश के कई अच्छे ऑप्शन हो सकते हैं। नए साल में पैसों का लेन-देन और आय के साधन साफ होने के साथ-साथ, निवेश का साधन साफ होना भी जरूरी है। ऐसे में Wealthaware कंपनी की संस्थापक तन्वी केजरीवाल गोयल से हमने निवेश को लेकर बात-चीत की है। उन्होंने हमें बताया कि 2020 में किस तरह के फाइनेंशियल टिप्स पर हमें ध्यान देना चाहिए।
क्या आपको फाइनेंशियल गोल यानी लक्ष्य तय हैं? साल 2020 के लिए पहले आप ये तय कर लीजिए कि आपके फाइनेंशियल गोल्स क्या-क्या हैं। यानी आपको बच्चों के लिए कितने पैसों की जरूरत है, उनकी शिक्षा के लिए, किसी नए बिजनेस को अगर शुरू करना है भले ही साल भर बाद भी शुरू करना है तो उसके लिए कितना पैसा चाहिए। किस हद तक आप अपने घर के खर्चों में बढ़त कर सकती हैं जिससे लाइफस्टाइल बेहतर हो। क्योंकि इसे नए दशक की शुरुआत भी माना जा रहा है तो मार्केट थोड़ा अच्छा होने की संभावना है। इसलिए अपने निवेश की प्लानिंग इस तरह से करें कि अगले 5 साल के वित्तीय मामले सेट हो सकें।
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आपका मनी माइंडसेट यानी पैसों को लेकर आपकी सोच कैसी है इसपर भी ये निर्भर करता है कि आपको आने वाले समय में किस तरह की स्कीम में निवेश करना चाहिए। क्या आपका मनी माइंडसेट ऐसा है कि आप किसी भी निवेश को लेकर डरती हैं, या फिर पैसों से जुड़े फैसले करने में डरती हैं। या फिर आप बहुत जल्दी किसी तरह की स्कीम में निवेश कर लेती हैं तो इस बात पर बहुत निर्भर करता है कि आपके आने वाले साल में आपका बैंक बैलेंस कैसा रहता है। न ही निवेश से डरना चाहिए और न ही जल्दी से उसके लिए फैसला लेना चाहिए। सही स्कीम में इनवेस्ट करने के लिए फाइनेंशियल सलाह जरूर लें। ये विश्वास रखें कि पैसा आपके पास आसानी से आ सकता है बस आपको सही तरीके से निवेश करना आना चाहिए।
ये सबसे बड़ी टिप होगी नए साल में कदम रखने के लिए। पिछले साल क्या निवेश किया, पिछले 5 सालों में क्या निवेश किया? कौन से स्टॉक हैं जो आपको निकालने हैं, कौन से स्टॉक हैं जो आपको इस्तेमाल नहीं करने हैं। वो कौन सी चीज़ें हैं जिन्हें आप सही मानती हैं और उनमें निवेश जारी रखना चाहती हैं या किस तरह के स्टॉक या स्कीम में आपने पहले निवेश नहीं किया है इस सबकी जानकारी रखिए। थोड़ा समय इसे समझने के लिए दें कि आपका पैसा अगर कहीं जा रहा है तो वो कैसे जा रहा है और उससे वापस पैसा आ रहा है या नहीं। अगर किसी स्कीम में नॉमिनेशन न हो या किसी का कागज नहीं मिल रहा है तो उसे पहले सही करें। किसी नए निवेश में पैसा डालने से पहले ये करना जरूरी है।
आपने अपने लिए इंश्योरेंस ले रखी है क्या? और अगर ली हुई है तो कौन सी इंश्योरेंस ली है? सबसे सस्ती और बेहतर लाइफ इंश्योरेंस होती है प्योर टर्म प्लान। अगर आपने अपने और अपने पति के नाम पर टर्म प्लान नहीं लिया है तो उसे लें। ध्यान रखें कि इसे एक निवेश नहीं खर्च के तौर पर समझें और आप अपने लिए एक बेहतर टर्म प्लान जरूर लें।
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सबसे जरूरी बात जो आपके बहुत काम आ सकती है वो ये है कि आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पूरी होनी चाहिए। आपकी कंपनी ने कोई इंश्योरेंस दे रखी है, या आपके पति की कंपनी ने कोई इंश्योरेंस दे रखी है और उसमें आपका नाम है तो ये न सोचें कि ये परफेक्ट है। आजकल हेल्थ कॉस्ट काफी बढ़ गई है और किसी कंपनी का दिया हुआ प्लान काफी कम हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आपका पूरा परिवार किसी हेल्थ प्लान को लेकर चले। आप किसी अच्छे फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें और किसी फैमिली फ्लोटर प्लान को लें जिसमें बच्चों के साथ-साथ आप भी शामिल हों।
यहां लगातार तीसरा प्वाइंट इंश्योरेंस है, लेकिन इसकी जरूरत समझें। टर्म इंश्योरेंस पूरी जिंदगी के लिए होगी। हेल्थ इंश्योरेंस का कवर प्लान बच्चों और पूरे परिवार के लिए होगा, लेकिन आप अपने लिए किसी बीमारी के लिए इंश्योरेंस ले सकते हैं। ऐसे में बिजनेस चलाएं, घर बार चलाएं और अपने ट्रीटमेंट का भी ध्यान रख सकें। इसे एक निवेश ही मानें जो आपके लिए भविष्य में काम आ भी सकता है और नहीं भी।
फाइनेंशियल प्लानिंग का सबसे अच्छा तरीका है अपने निवेश को ऑटोमैटिक रखना। जैसे EMI आपके अकाउंट से डेबिट हो जाती है वैसे ही आपके अकाउंट से अपने आप ही निवेश के लिए डेबिट होने वाली रकम निर्धारित कर दें। ऐसे में आपका फाइनेंशियल स्कोर भी ठीक रहेगा और साथ ही साथ आप कभी भी निवेश को भूलेंगी नहीं। ये पूरी तरह से मैनेज करने लायक होगा। तो अगर कोई सिस्टम अभी भी ऑटोमैटिक नहीं है तो उसे ऑटोमैटिक करें।
बहुत से लोग सोचते हैं कि वसीयत किसी काम की नहीं होती और भारत में तो ये बहुत ही बड़ा शब्द माना जाता है कि हम अपने मरने की तैयारी क्यों करें, लेकिन ये बहुत जरूरी साबित हो सकती है। धीरूभाई अंबानी भी अपनी विल नहीं बनाकर गए थे तो देखिए कितना बड़ा झगड़ा हो गया था। वसीयत बनाना और अपने निवेश और बैंक अकाउंट्स के लिए नॉमिनी रखना एक अच्छी प्लानिंग हो सकती है जो आगे चलकर किसी अनहोनी के समय आपके परिवार को राहत दे सकती है और साथ ही साथ आपका पैसा किसी गलत हाथ में पड़ने से भी रोक सकती है।
वो फंड्स जो आपके 6 महीने का खर्च कभी भी उठा सकें वो इमर्जेंसी फंड्स होते हैं। अगर जॉब बदलती है या कोई बड़ा खर्च आ जाता है तो आपका ऐसा फंड होना चाहिए जो आप कभी भी इस्तेमाल कर सकें। आप इसे बैंक RD की शक्ल में भी इस्तेमाल कर सकती हैं। आप इसे अपने सेविंग्स अकाउंट के पैसे को भी बना सकती हैं, लिक्विड एफडी की सुविधा भी कई बैंक देते हैं जिसमें आपको इंट्रेस्ट रेट ज्यादा मिले। ऐसी एफडी से आप इमर्जेंसी में पैसा भी निकाल सकती हैं।
अगर आपका पैसा लिक्विड फंड में पड़ा हुआ है और आपने उस पैसा का इस्तेमाल सही से नहीं किया है तो ये आपके साथ गलत हो जाएगा। आप उसे लिक्विड फंड में ही डाल दें जिससे आपका पैसा कम से कम ज्यादा इंट्रेस्ट रेट तो लेकर आए। अगर आपने अभी तक ऐसा ही किया है तो उसे बदल दें। और अपने लिए इन्वेस्टमेंट प्लान जरूर बनाएं।
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