बुढ़ापे में जीने का असली सहारा तो पेंशन ही होता है। महिलाओं के लिए तो सचमुच यह बुढापे की असली लाठी है। पति उम्र में बड़े होने के कारण आमतौर पर पहले साथ छोड़ जाते हैं। बच्चों का भरोसा क्या करना। ऐसे में एक ही ऐसा जीवनसाथी बचता है, वो है पेंशन। हम आपको बताएंगे कि अभी से महीने के कुछ पैसे बचा लिये जाएं तो ताउम्र पेंशन की सौगात मिलती रहेगी।
नौकरीपेशा वालों के पास तो पेंशन होती है। नहीं होने पर उनका पास जमापूंजी होती है जिसे बाकी का जीवनयापन हो जाता है। लेकिन जिन महिलाओं के पास ना तो बैंक बैलेंस है और ना ही पेंशन, उनके लिए हम आपको एक स्कीम के बारे में बताते हैं। इस स्कीम का नाम है- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan (PM-SYM)
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इस पेंशन स्कीम में कोई भी पैसा जमा कर सकता है चाहे वह पुरुष हो या महिला। इसमें हर महीने मामूली सा पैसा जमा करना होता है। वैसे तो अच्छा है कि पति-पत्नी दोनों ही इसमें पैसा जमा कर अपना बुढ़ापा सुरक्षित करें। अगर ऐसा करेंगे तो एक की मृत्यु होने पर उसकी पेंशन का भी आधा पैसा दूसरे को भी मिलेगा। मतलब बुढ़ापे की पूरी व्यवस्था पक्की।
इसमें महीने में बहुत ज्यादा पैसा जमा करने की जरुरत नहीं है। घर खर्च में से महीने के 55 से लेकर 200 रुपये तक बचाना हर महिला के बस की बात है। वैसे देखा जाए तो महिलाएं हर हफ्ते दूध-सब्जी में से ही इतना पैसा बचा लेती हैं। वैसे तो 100-200 रुपये पति हर महीने मांगने पर भी आपको खुशी-खुशी दे ही देते होंगे। पहले समझ नहीं आता था कि इन थोड़े पैसों को कहां रखें कि बुढापे का सहारा बन जाए। लेकिन अब ऐसी व्यवस्था है कि इतने पैसे से भी बुढापे में आमदनी का जरिया बन सकता है।
क्या है ये स्कीम
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना रिक्शा चालक, रेहड़ी लगाने वाले, मिड-डे मील वर्कर, ईंट भट्ठा वर्कर, कबाड़ी, घरेलू कामगार, घर में बैठकर अपना काम करने वाले (सिलाई आदि), कृषक मजदूर, निर्माण कार्यों में लगे लोग और इसी तरह के छोटे काम करने वाले लोगों के लिए शुरु की है। जिसमें साठ साल होने पर सरकार ने पति-पत्नी दोनों को ताउम्र पेंशन देने की व्यवस्था की है। इस योजना का लाभ लेने के लिए बस आपको मासिक कुछ पैसा जमा करना होगा।
कौन लोग इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं-
महिलाओं के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। मतलब अगर आप किसी बड़ी कंपनी या सरकारी नौकरी में काम करते हैं तो आप इसका फायदा नहीं उठा सकते।
18 से 40 साल की उम्र के लोग इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं।
महिलाओं के लिए इस योजना में एक अच्छी बात यह है कि इसमें एक शर्त जोड़ी गई है. यह शर्त है कि व्यक्ति की मासिक आय (इनकम) 15000 से कम होनी चाहिए। जो आमतौर पर छोटे काम करने वाली महिलाओं की नहीं होती है.
इस योजना का लाभ उठाने वालों के पास आधार कार्ड, बैंक अकाउंट (सेविंग या जनधन अकाउंट) होना जरुरी है।
स्कीम को यहां से ले सकते हैं -
देशभर में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के करीब साढ़े तीन लाख सेंटर खुले हुए हैं। इन सेंटरों पर जाकर आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं। पहली बार तो आपको नकद में पैसा जमा करना होगा लेकिन अगली बार से आपके अकाउंट से पैसे सीधे इस योजना में जुड़ जाएंगे।
एक बार इस स्कीम से जुड़ जाने के बाद अगली बार से सीधे आपके अकाउंट से पैसे कटते चले जाएंगे जब तक कि आपकी उम्र साठ साल नहीं हो जाती। उसके बाद आपके अकाउंट से पैसा कटना बंद हो जाएगा।
इस स्कीम के बारे में फिर भी कोई दुविधा हो, शंका हो तो केंद्र और राज्य सरकारों के श्रम कार्यालयों में जा सकते हैं। साथ ही आसपास के किसी भी एलआईसी के ब्रांच में जाकर भी स्कीम के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।
कितनी पेंशन मिलेगी और कितना मासिक जमा-
सरकार ने यह तो तय कर दिया कि आपको मासिक 3000 रुपये पेंशन मिलेगी, लेकिन आपको आपकी उम्र के हिसाब से पैसा जमा करना होगा। इतना ही नहीं जितना पैसा आप जमा करेंगे उतना ही पैसा सरकार भी अपनी तरफ से जमा करेगी।
नीचे उम्र के हिसाब से पैसा जमा करने की लिस्ट दी गई है। आप अपनी उम्र के हिसाब से पैसा जमा करें-
इस स्कीम का फायदा उठाने वाले 18 साल के व्यक्ति को 55 रुपये मासिक जमा करने होंगे जबकि 40 साल के व्यक्ति को 200 रुपये महीना। मतलब 60 साल होने तक 18 साल के व्यक्ति को कुल 27,720 जबकि 40 साल के व्यक्ति को कुल 48,000 रुपये जमा करने होंगे।
ऐसा नहीं कि पति या पत्नी ही इस योजना को ले सकते हैं। पति-पत्नी दोनों भी इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। दोनों को अपनी उम्र के हिसाब से पैसा जमा करना होगा। दोनों को पेंशन मिलेगी। हां, पति या पत्नी किसी की भी एक की मृत्यु होने पर दूसरे (पति या पत्नी) को उस पेंशन का आधा यानी 1500 रुपये मासिक पेंशन भी मिलेगी। मतलब अपनी पेंशन और जीवनसाथी के पेंशन का आधा पैसा आपको पेंशन के रुप में मिलेगी।
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इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि अगर आप किसी कारणवश लगातार पैसा जमा नहीं कर पाए तो कोई बात नहीं। फिर से इसी योजना को आगे बढ़ाने के लिए आपको अब तक का बकाया और जुर्माना भरना होगा।
अगर किसी वजह से आप इसे नहीं चला पाते हैं तो सेविंग अकाउंट के ब्याज के साथ आपके द्वारा जमा किया गया पैसा वापस होगा। सरकार द्वारा दिया गया पैसा आपको नहीं मिलेगा।
60 साल से पहले दोनों की मौत होने पर पैसा स्कीम को लेने वाले के अकाउंट में डाल दिया जाता है।
पति-पत्नी में से किसी की भी मौत होने पर स्कीम को जारी रखा जा सकता है। ऐसे केस में दूसरे को (पति के मरने पर पत्नी और पत्नी के मरने पर पति) को स्कीम में मासिक राशि जमा करनी ही होगा। ऐसा नहीं करने पर आपका अभी तक जमा कुल पैसा ब्याज सहित वापस हो जाएगा। यहां भी सरकार द्वारा जमा पैसा नहीं मिलेगा।
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