बच्चे को जब घर पर छोड़े अकेले, ध्यान दे इन 14 बातों पर

पैरैंट्स अपने बच्चे को बेहतर जीवन देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और इसके लिए बच्चे को अकेले छोड़ने को भी तैयार रहते हैं।

  • Abha Yadav
  • Editorial
  • Updated - 2019-09-05, 18:01 IST
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आज के बिजी शेडूयुल में पेरेंट्स के पास टाइम न होने के कारण वो बच्चे को वो क्वालिटी टाइम नहीं दे पाते जो उन्हें देना चाहिए पर पैरैंट्स अपने बच्चे को बेहतर जीवन देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और इसके लिए बच्चे को मेड के भरोसे व अकेले छोड़ने को भी तैयार रहते हैं। बच्चे को अकेले छोड़ने का डर पैरेंट्स के मन में हमेशा बना रहता है की उनका बच्चा अकेले सेफ है या नहीं? उनका ये डर कैसे दूर हो उसके लिए बस कुछ खास बातों का ध्यान रखकर अपने बच्चे के अकेलेपन को दूर कर सकते हैं और ये खास बातें बता रही हैं सेमफोर्ड और सेमफोर्ड ग्रुप की स्कूल की डायरैक्टर मीनल अरोरा।

ध्यान दें इन बात खास बातों पर

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1 सबसे पहले ये याद रखे आपका बच्चा 7 साल से ऊपर का हो गया हो तभी उसे अकेला छोड़े क्योंकी उससे छोटा बच्चा उतना समझदार नहीं होता है

2 बच्चे को घर पर छोड़ना ही है तो कभी भी उसे घर में लॉक लगा कर न जाएं कभी कोई मुसीबत हो जाये तो वह घर से निकल कर हेल्प भी नहीं ले पायेगा किसी से इसलिए इस बात का ध्यान रखे।छोड़ने से पहले उसे मेंटली प्रिपेयर करें की अब उसे अकेले रहना है तो उसे किन किन बातों का ध्यान रखना होगा

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4 अचानक से कभी भी अकेले छोड़ने का फैसला न ले उसको पहले एक -दो घंटे के लिए छोड़े और उस पर नजर रखे की कुछ समय के लिए उसे अकेला छोड़ा जा सकता है या नही।

5 बच्चों को अकेला छोड़ने के लिए जरूरी है कि उसके लिए कुछ खास तैयारी कर लें। जैसे उसके टच में रहने के लिए उसे घर में मोबाइल ले कर दे आपको बच्चों से कोई बातचीत करनी है तो आप बहुत आसानी से कर सकते हैं। साथ ही आपको इस बात की जानकारी भी मिलती रहेगी कि वो क्या कर रहे हैं।

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6 बच्चे को भी बताएं कि किसी भी परेशानी में वो आपको तुरंत काल करे। बच्चों को फोन कर के हालचाल पूछते रहें। उन्होंने लंच किया या नहीं, स्कूल में उन का दिन कैसा बीता, स्कूल या पढ़ाई से संबंधित उन की समस्याओं की जानकारी लें।

7 दरवाजे की कुंडी और लॉक खोलना और बंद करना बच्चों को जरूर आना चाहिए। बच्चे को पहले से ही प्रेक्टिस कराएं। उनको बताएं कि दरवाजा किसी अजनबी के बुलाने पर न खोलें। इसके अलावा दरवाजे की घंटी कोई बजाए तो विंडो या डोर आई से देखें कौन है। कोई रिश्तेदार या पड़ोसी है तो तुरंत पेरेंटस को सूचना दें।

8 बच्चों को इस बात की भी जानकारी दें कि घर-परिवार के बारे में कौन सी बातें और कितनी बातें किस को बतानी हैं। किसको नहीं।

9 उन्हें बड़ों की गैरमौजूदगी में गैस जलाने या किसी धारदार चीज से काम करने की अनुमति न दें।

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10 आप की अनुमति के बिना किसी पड़ोस के घर में अकेले न जाने दें। लेकिन साथ ही इमरजैंसी की स्थिति में किसी पड़ोसी के बारे में जरूर बताएं ताकि इमरजैंसी की स्थिति में आप के घर पहुंचने तक वह उन के संपर्क में रहे।

11 घर में मैडिसिन या किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ न रखें। जो उनको नुकसान पहुंचा सकती हैं, चाकू-छुरी या कैची कोई भी चीज हो बच्चे की पहुच से हटा दें।

12 फोन का किसी को ये न बताएं कि वो घर में अकेले हैं या पेरेंटस बाहर गए हैं। इसके अलावा जरूरी मोबाइल नंबर भी कहीं दिखने वाली जगह पर लिख कर रखें। इस बारे में बच्चे को बता भी दें। खास करके घर में डाक्टर, पुलिस और फायर डिपार्टमेंट का नंबर बता कर रखें। कुछ खास जान-पहचान वालो का नंबर भी दे जाये अगर आप लेट पहुचने वाले हो तो वह उनके संपर्क में रहे

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13 अगर आपने घर से बाहर जाते वक्त बच्चे को कोई गेम या होमवर्क दे कर जाएं। ताकि वह काम में व्यस्त रहें और आप उस पर नजर रखेकोशिश करें आप घर जल्दी आ जाएं और घर से ज्यादा दूर न जाएं।

14 इसके अलावा आप भी उनका ध्यान रखें और जब भी आपके पास समय हो आप अपने बच्चे को पूरा समय दे उसकी बातों को ध्यान से सुने और समझे। खेल-कूद के कारण बच्चों को जल्दी भूख लग जाती है इसलिए खाने पिने का सामान उसकी पहुच में ही रखें। गैस, प्रेस और चाकू, छुरी आदि को टच करने से मन करके जाएं।

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