आज के दौर में बच्चों की परवरिश करना और उन्हें खुश रखना काफी बड़ा चैलेंज है। बच्चे जब खेलते कूदते और शरारतें करते हैं, तो पूरा घर खुशियों से गुलजार रहता है। लेकिन जब वे किसी बात के लिए जिद करने लगते हैं, तो उन्हें मनाना काफी मुश्किल हो जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे खुद को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों की मांग करते हैं या ऐसी चीजों के लिए जिद करते हैं, जिन्हें पूरा करना मुश्किल होता है। ऐसी स्थितियों में अक्सर पेरेंट्स बच्चों को या तो चिल्लाकर मना कर देते हैं या बुरी तरह से डांट देते हैं। ऐसा व्यवहार बच्चे को नेगेटिव और चिड़चिड़ा बना सकता है। इससे बचने के लिए आप बच्चे को प्यार से समझा सकती हैं और आपको उसे रोकने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। तो आइए जानें ऐसे तरीकों के बारे में, जिनसे आप बच्चों को कोई काम मना करने के बजाय दूसरे तरीकों से उसे मैनेज कर सकती हैं।
बच्चे को ज्यादातर बातों पर ना कह देने से बात की अहमियत कम हो जाती है और बच्चे आपकी बातों पर ध्यान देना पूरी तरीके से बंद कर देते हैं। बच्चों को लगता है कि आप उन्हें संजीदगी से नहीं लेतीं। अगर आप चाहती हैं कि आपके बच्चे अनुशासित रहें और वैसे ही व्यवहार करें जैसा आप चाहती हैं तो आपको भी कुछ चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है।
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अगर बच्चा टॉफी-चॉकलेट, गिफ्ट्स, ड्रेस या कहीं घूमने जाने जैसी चीजों के लिए जिद कर रहा है और आप तुरंत वह काम करने की स्थिति में नहीं हैं तो आप बच्चे को ना कहने की बजाय यह कह सकती हैं कि उनकी डिमांड कुछ वक्त बाद पूरी की जाएगी। इससे बच्चे आपकी बात सुनने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और आपकी कही बातों पर अमल भी करते हैं। अगर बच्चे आपसे अपनी पसंदीदा कुकीज, चॉकलेट या केक की मांग कर रहे हैं तो आप उन्हें अपने सामान अरेंज करने या स्कूल का होमवर्क करने की बात कह सकती हैं और उसके बाद उनकी पसंद की चीजें देने की बात कह सकती हैं।
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कभी-कभार बच्चे कुछ चीजों को लेकर बहुत ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं। मसलन क्राफ्ट का काम करने के लिए वे कैचीं, ब्लैक या चाकू जैसी धारदार चीजें इस्तेमाल करने की जिद करते हैं, जिनके चुभ जाने का खतरा होता है या फिर ऊबड़-खाबड़ जगहों पर उछलकूद करने के लिए कहते हैं। इस पर मना किए जाने पर वे रोने या शोर मचाने लगते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को सीधे-सीधे ना करने या उस पर चिल्लाने के बजाय आप उसका ध्यान उसकी पसंद की किसी और चीज की तरफ डाइवर्ट कर सकती हैं। मसलन आप बच्चे को अपने साथ कोई गेम खेलने के लिए बुला सकती हैं या अपने साथ किसी काम में शामिल कर सकती हैं। ऐसा करने से कई बार बच्चे बात मानने को राजी हो जाते हैं।
कई बार नए स्पॉट पर जाने या कुछ अलग देखने से भी बच्चे का ध्यान बंट जाता है और इससे उसका अटेंशन डायवर्ट कर उसे बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है। किसी दूसरे कमरे, गार्डन या प्ले ग्राउंड में ले जाने से बच्चे को नई चीजें नजर आती हैं और ऐसी स्थिति में नई चीजों में उनकी दिलचस्पी बन जाती है।
मजेदार एक्टिविटीज में बच्चों का बहुत मन लगता है। अगर आप पहले से यह सोच कर रखें कि आप बच्चों को कौन-कौन से गेम खिलाएंगी या उन्हें किसी क्रिएटिव काम में किस तरह से एंगेज रखेंगी, तो बच्चे बोर नहीं होंगे और जिद्दी भी नहीं करेंगे। आप चाहें तो बच्चे के साथ सिंगिंग, डांस या मिमिक्री जैसी एक्टिविटी में शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा आप बच्चे को घर के छोटे-छोटे काम से जुड़ी हुई चीजें भी करने के लिए कह सकती हैं।
इन आसान पेरेंटिंग टिप्स को फॉलो करके आप अपने बच्चों को बिना गुस्सा किए आसानी से मना सकती हैं और उन्हें नई चीजें भी सिखा सकती हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे जरूर शेयर करें। पेरेंटिंग से जुड़ी अन्य अपडेट्स के लिए विजिट करती रहें हरजिंदगी।
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