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Papmochani Ekadashi 2023 Kab Hai: कब है पापों को हरने वाली पापमोचिनी एकादशी? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत महत्व है। ऐसे में आइये जानते हैं चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़े वाली एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।   
Editorial
Updated:- 2023-03-14, 11:18 IST

Papmochani Ekadashi 2023: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। एकादशी की पूजा को सर्वाधिक पुण्यकारी माना गया है। वहीं, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि बस आने को ही है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।

पापमोचिनी एकादशी 2023 कब है?

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, पापमोचिनी एकादशी की तिथि का शुभारंभ 17 मार्च 2023, दिन शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 6 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 18 मार्च 2023, दिन शनिवार (शनिवार को न करें ये काम) को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पापमोचिनी एकादशी 18 मार्च को मनाई जाएगी। हालांकि इसकी अवधि बहुत थोड़े समय के लिए ही होगी।

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पापमोचिनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त

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चूंकि पापमोचिनी एकादशी 18 मार्च को सुबह अल्प समय के लिए पढ़ रही है। ऐसे में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 18 तारीख को ब्रह मुहूर्त से लेकर 11 बज तक का ही है। इसी अवधि में पापमोचिनी एकादशी की पूजा करना उत्तम माना जाएगा। व्रत पारण समय की बात करें तो पापमोचिनी एकादशी का व्रत अगले दिवस 19 मार्च, दिन रविवार को पारण किया जाना उचित होगा।

पापमोचिनी एकादशी 2023 महत्व

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पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा करने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) को तुलसी दल अर्पित करने से कष्टों का निवारण होता है। भगवान विष्णु की असीम कृपा बरसती है और श्री हरि की पूजा से मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है। धर्म-शास्त्रों में पापमोचिनी एकादशी को पापों का अंत करने वाली माना गया है।

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मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से किसी की हत्या, किसी के प्रति दुर्व्यवहार, किसी के प्रति दुर्विचार, किसी के प्रति द्वेष आदि पाप भावनाओं और कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। इस एकादशी का व्रत रखने से अक्षत पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवन विष्णु की कृपा से उनका धाम वैकुण्ठ मृत्यु के बाद प्राप्त होता है एवं व्यक्ति को मोक्ष मिल जाता है।

तो ये थी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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