वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण की शुरुआत में घोषणा की कि सरकार महिलाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो इसकी नीति योजनाओं के चार प्रमुख स्तंभों में से एक है। इसका मतलब है कि इस बार बजट में महिलाओं के विकास पर खास ध्यान रखते हुए बजट पेश किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली बजट 2024 में महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया है। इनमें महिला प्रशिक्षण और शिशुगृह की स्थापना को भी महत्ता दी गई है। साथ ही, सोने-चांदी की कीमतों में कमी और 30 लाख युवाओं को रोजगार जैसे कई मुद्दों पर भी फोकस किया गया है। इसी के साथ आइए जानते हैं कि इस बजट के में महिलाओं के और किन-किन चीजों पर ध्यान दिया गया है। साथ ही, हम आज सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर और द रिचनेस प्रिंसिपल किताब के लेखक तारेश भाटिया से भी इस बारे में जानेंगे।
महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की सौगात
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने को लेकर महिलाओं के लिए विशेष कौशल कार्यक्रम स्थापित करेगी। साथ ही, यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में भारत की महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई है।
स्टांप शुल्क में कमी
इस बार के बजट में स्टांप शुल्क के ऊपर भी बात कही गई है, जो कि घर खरीदने से जुड़े महत्वपूर्ण खर्चों में से एक है। आपको बता दें कि स्टांप शुल्क वह राशि है जिसे संपत्ति हस्तांतरण के लिए चुकाना पड़ता है। यह राज्य सरकार द्वारा संपत्ति अधिग्रहण पर लगाया जाने वाला कर है, जिसे आमतौर पर खरीदार की ओर से वहन किया जाता है। इस बजट में महिलाओं के लिए स्टांप शुल्क को बढ़ाने का सुझाव देने के साथ महिलाओं के लिए इसे कम करने को भी कहा गया है। इससे फायदा ये होगा कि महिलाओं के नाम पर संपत्ति को बढ़ावा मिलेगा।
सोना-चांदी होगी सस्ती
सोने और चांदी पर सीमा शुल्क 6 फीसदी और प्लेटिनम पर 6.4 फीसदी सीमा शुल्क घटाया जाएगा। इससे महिलाओं को गहने खरीदने में थोड़ी आसानी हो सकती है। काफी ज्यादा कीमतों के कारण कई महिलाएं सोने-चांदी के गहने नहीं खरीद पाती हैं। तो ऐसे में ये घोषणा महिलाओं के लिए राहत देने वाली हो सकती है।
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महिला प्रशिक्षण और शिशुगृह की होगी स्थापना
निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में महिलाओं के लिए छात्रावास तथा क्रेच की भी बात भी की, ताकि उन्हें काम और घर के बीच संतुलन बनाने में मदद मिल सके। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा- 'हम उद्योगों के सहयोग से कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास की स्थापना और शिशु गृहों की स्थापना करके कार्यबल में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, साझेदारी के तहत महिलाओं के लिए विशिष्ट कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने और महिला स्वयं सहायता समूह उद्यमों के लिए बाजार पहुंच को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जाएगा।'
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