गुस्सा किसी भी चीज को खत्म कर देता है, भले ही वह आपकी सेहत हो, खुशियां हो या रिश्ता। दरअसल, हर रिश्ते में लड़ाई-झगड़े होते हैं और गुस्से में हम ऐसी कुछ बातें कह जाते हैं, जो वास्तव में हमारे मन में नहीं होती, लेकिन इसका असर रिश्ते पर पड़ता है। कभी आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि आपकी अपने पार्टनर से लड़ाई हुई हो और आपने गुस्से में कह दिया हो, कि तुमसे शादी करना मेरी सबसे बड़ी भूल थी।
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शायद आप यह कहकर भूल गई हो लेकिन इसका गहरा असर आपके पार्टनर के मन पर और यहां तक कि आपके रिश्ते पर भी पड़ता है। भले ही आप अपने पार्टनर से कितना भी प्यार करती हैं लेकिन वह आपकी बातों से भी झलकना चाहिए। आपके द्वारा कहे गए शब्द आपके रिश्ते को गहराई से प्रभावित करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि इस तरह की बातों का आपके रिश्ते पर किस तरह प्रभाव पड़ता है-
घुलती है कड़वाहट
जब आप अपने पार्टनर से कहती हैं कि तुमसे शादी करना मेरी सबसे बड़ी भूल थी तो इससे रिश्ते में कड़वाहट घुलने लगती है। इस तरह की बातों से आपसी प्यार धीरे-धीरे कम होने लगता है और कई बार पार्टनर के मन में भी आपके प्रति प्यार कम होता है और उनके स्वभाव में एक चिड़चिड़ापन आने लगता है।
आत्मविश्वास में कमी
कहते हैं कि पति-पत्नी एक-दूसरे के पूरक होते हैं और इसलिए वह एक-दूसरे को संपूर्ण बनाते हैं। लेकिन जब आपके बीच झगड़ा होता है और आप कहती हैं कि तुमसे शादी करना मेरे जीवन की सबसे बड़ी कमी थी। आपकी इस एक छोटी सी लाइन से आपके पार्टनर के मन में आत्मविश्वास की कमी आती है। कई बार तो उन्हें ऐसा भी लगता है कि शायद उनमें ही कोई कमी है और इसलिए उनके बीच में झगड़े होते हैं और उनका पार्टनर उनसे खुश नहीं है।
खुद पर संदेह
कहते हैं कि जब एक झूठ बार-बार बोला जाए तो वह भी सच लगने लगता है। कुछ ऐसा ही रिश्तों के साथ भी होता है। जब आपके बीच झगड़ा होता है और बार-बार आप इस बात को दोहराती हैं कि तुमसे शादी करना मेरी सबसे बड़ी गलती थी, तो एक वक्त के बाद आपको खुद पर संदेह होने लगता है। कई बार तो आप खुद ही लगने लगता है कि कहीं सच में तो आपसे गलती नहीं हो गई। इतना ही नहीं, इस तरह का संदेह मन में पैदा होने के बाद आपको अपने पार्टनर में सिर्फ कमियां ही नजर आती हैं और आप उनकी खूबियों व अच्छाईयों की तरफ ध्यान ही नहीं देती या फिर उसे देखकर भी अनदेखा कर देती हैं।
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मानसिक अशांति
आपको शायद अहसास न हो, लेकिन इस तरह की बातें न सिर्फ आपके पार्टनर को इमोशनली डिस्टर्ब करती हैं, बल्कि इससे आप खुद भी इमोशनली व मानसिक रूप से परेशान हो जाती हैं। दरअसल, लड़ाई के बाद जब आपका मन शांत हो जाता है, तो आपको मन में यह अपराधबोध होता है कि आपने अपने जीवनसाथी का गुस्से में दिल दुखा दिया। कई बार अपने पार्टनर का दिल दुखाने के कारण आपको खुद से नफरत भी होती है। अपने पार्टनर को चोट पहुंचाने का अपराधबोध आपको स्वयं भी शांति से नहीं रहने देता और इससे आपका वैवाहिक जीवन काफी प्रभावित होता है।
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