अर्थराइटिस और डायबिटीज जैसी बीमारी मरीजों को कितना परेशान करती हैं। यह बात शायद हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है। इस बीमारी के दर्द से बचने के लिए आप क्या-क्या तरीके नहीं अपनाते। लेकिन दर्द कंट्रोल होने का नाम ही नहीं लेता है। अगर आप दर्द को कंट्रोल करना चाहती हैं तो आज ही अपने पार्टनर से लड़ाई करना बंद कर दें। जी हां अर्थराइटिस और डायबिटीज के मरीज अगर अपने पार्टनर यानी कि हमसफर के साथ झगड़ती हैं तो इससे उनकी तकलीफ और ज्यादा बढ़ जाती है। यह बात एक रिसर्च में सामने आई है।
क्या कहती है रिसर्च
'एनल्स ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन' में छपे रिसर्च के नतीजों के मुताबिक, गठिया और डायबिटीज से परेशान बुजुर्गों के दो अलग-अलग ग्रुप के मरीजों पर जांच की गई। जांच के नतीजों में सामने आया कि जो लोग अपने जीवनसाथी को लेकर टेंशन में थे उनकी तकलीफें ज्यादा बढ़ी हुईं पाई गईं।
रिसर्च के को-राइटर और अमेरिका की पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर लीन मार्टायर ने कहा, 'रिसर्च के नतीजों से हमें यह जानने को मिला कि शादी से किस तरह हेल्थ पर असर पड़ सकता है। खासतौर से अर्थराइटिस और डायबिटीज जैसी बीमारियों से परेशान मरीजों को यह जानना जरूरी है।'
रिसर्च के परिणाम
उन्होंने बताया कि घुटनों की हड्डियों की बीमारी से परेशान मरीज बहुत जल्द अपंग बन जाते हैं और जिनकी डायबिटीज कंट्रोल में नहीं रहती उन्हें ज्यादा खतरा बना रहता है। उन्होंने अपनी रिसर्च में घुटनों में अर्थराइटिस रोग की शिकायत वाले 145 मरीजों के एक ग्रुप को शामिल किया, जिसमें उनके पार्टनर भी शामिल थे। इसके अलावा दो तरह की डायबिटीज से परेशान 129 मरीजों का एक दूसरा ग्रुप बनाया।
दोनों ग्रुप्स में शामिल पार्टिसिपेंट की दिनचर्या में उनके मूड, उनकी तकलीफें और उनके जीवनसाथी के रिएक्शन को दर्ज किया गया। अर्थराइटिस और डायबिटीज के रोगियों ने 22 और 24 दिनों तक अपनी दिनचर्या लिखी।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस दिन मरीज अपने जीवनसाथी को लेकर टेंशन में होते थे, उस दिन उनका मूड खराब रहता था और उनमें बीमारी के लक्षण की गंभीरता भी बढ़ जाती थी।
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