हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की बड़ी ही श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है और प्रत्येक अवतार की आराधना करके मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। जिस प्रकार प्रभु श्री राम और कृष्ण, भगवान विष्णु का अवतार हैं वैसे ही नरसिंह अवतार को भी श्रद्धा से पूजा जाता है। भगवान नरसिंह का अवतरण वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था। इसलिए इसी तिथि को नरसिंह जयंती के नाम से जाना जाता है।
नरसिंह के रूप में भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध किया था। तभी से इस तिथि का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग भगवान के इस रूप की पूजा श्रद्धा भाव से करते हैं उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल कब मनाई जाएगी नरसिंह जयंती और किस प्रकार पूजन करना फलदायी होगा।
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नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने आधे शेर और आधे मानव के रूप में जन्म लिया था। उनका चेहरा और पंजे सिंह की तरह थे और शरीर का बाकी हिस्सा मानव की तरह था। इस अवतार की यह विशेषता थी कि वो दिखने में काफी भिन्न थे, वोन ही वो मनुष्य थे और न ही पशु। ये अवतार उन्होंने हिरण्यकश्यप के वध के लिए लिया था।
प्राचीन काल में प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप को उनकी भक्ति बिल्कुल पसंद न थी। इसलिए वो प्रह्लाद को हर संभव प्रयास करके भगवान के पूजन से मना करते थे। प्रह्लाद ने प्रभु की भक्ति नहीं छोड़ी और हिरण्यकश्यप का अत्याचार बढ़ने लगा। जब उन्होंने अत्याचार की सभी सीमाएं पार कर दीं तब भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया। दरअसल हिरण्यकश्यप को वरदान प्राप्त था कि उसका वध न तो मनुष्य कर सकता है और न ही पशु। इसलिए भगवान ने ऐसा विचित्र रूप धारण किया। भगवान नरसिंह ने दिन और रात के बीच के समय में आधे मनुष्य और आधे सिंह का रूप धारण कर नरसिंह अवतार लिया और हिरण्यकश्यप को मुख्य दरवाजे के बीच शेर जैसे तेज नाखूनों से उसका पेट फाड़कर वध कर दिया। इस प्रकार उन्होंने भक्त प्रहलाद की रक्षा की। चूंकि उस दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी। इसलिए भगवान नेसभी भक्तों को बताया कि जो भी भक्त इस तिथि को उनका व्रत रखेगा, वह सभी तरह के दुखों से दूर रहेगा।
मान्यतानुसार जो भी भक्त श्रद्धा भाव से इस दिन भगवान नरसिंह का पूजन और व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पुराणों में इस दिन का बहुत महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि इस दिन किया गया पूजन और अनुष्ठान व्यक्ति को हज़ार यज्ञों के बराबर फल देता है। शत्रुओं पर विजय पाने के लिए भी यह व्रत फलदायी माना जाता है।
नरसिंह जयंती का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के समस्त दुखों का निवारण होता है और जीवन सुख-समृद्धि के साथ बीतता है।
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यदि आप भी उपर्युक्त विधान से नरसिंह भगवान का पूजन करते हैं तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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