हिंदू धर्म में दिवाली का पर्व पूरे पांच दिनों ताका मनाया जाता है। इसमें सबसे पहले दिन धनतेरस, दुसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गावर्धन पूजा और पांचवें दिन भाई दूज होता है। दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। दिवाली के ठीक एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है जिसका हिन्दुओं में ख़ास महत्व बताया गया है।
नरक चतुर्दशी कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन को छोटी दिवाली, रूप चतुर्दशी और यम दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से याम देव को प्रसन्न करने के लिए पूजन और दीपदान किया जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन कुछ कामों से बचना चाहिए जिससे घर में सुख समृद्धि के साथ माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि भी बनी रहे। आइए अयोध्या के पंडित राधे शरण शास्त्री जी से जानें इस साल कब मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी और इस दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें:Dhanteras 2021: धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा की सही विधि और महत्व
इस दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीपदान करने का विधान है। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए और घर के भीतर और बाहर नाली के आस-पास भी दीया प्रज्ज्वलित करके रखना चाहिए। इस दिन दीप दान करने से माता लक्ष्मी का वास घर में बना रहता है।
नरक चतुर्दशी के दिन मुख्य रूप से यमराज की पूजा की जाती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर दैत्यराज बलि से तीन पग धरती मांगकर तीनों लोकों को नाप लिया तो राजा बलि ने उनसे प्रार्थना की- 'हे प्रभु! मैं आपसे एक वरदान मांगना चाहता हूं। यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं तो वर देकर मुझे कृतार्थ कीजिए। तब भगवान वामन ने पूछा- क्या वरदान मांगना चाहते हो, राजन? दैत्यराज बलि बोले- प्रभु! आपने कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से लेकर अमावस्या की अवधि में मेरी संपूर्ण पृथ्वी नाप ली है, इसलिए जो व्यक्ति मेरे राज्य में चतुर्दशी के दिन यमराज के लिए दीपदान करे, उसे यम यातना नहीं होनी चाहिए और जो व्यक्ति इन तीन दिनों में दीपावली (दिवाली से जुड़े वास्तु टिप्स) का पर्व मनाए, उनके घर को लक्ष्मीजी कभी न छोड़ें। राजा बलि की प्रार्थना सुनकर भगवान वामन बोले- राजन! मेरा वरदान है कि जो चतुर्दशी के दिन नरक के स्वामी यमराज को दीपदान करेंगे, उनके पितर कभी नरक में नहीं रहेंगे और जो व्यक्ति इन तीन दिनों में दीपावली का उत्सव मनाएंगे, उन्हें छोड़कर मेरी प्रिय लक्ष्मी अन्यत्र न जाएंगी। तभी से नरक चतुर्दशी का महत्व है और इस दिन बड़ी श्रद्धा भाव से डीप दान किया जाता है।
उपर्युक्त उपायों से नरक चतुर्दशी में पूज करें और यहां बताए काम न करें जिससे घर में लक्ष्मी का वास हो सके।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik and wallpapercave.com
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।