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Dhanteras 2021: धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा की सही विधि और महत्व

हिंदू धर्म में धनतेरस का पर्व भी बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। आइए जानें इस साल कब मनाया जाएगा यह त्योहार और इसका क्या महत्त्व है। 
Editorial
Updated:- 2021-11-02, 10:20 IST

हिन्दू धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहार का अपना अलग महत्त्व है। हर एक त्योहार को अलग ढंग से मनाया जाता है और पूजन किया जाता है। ऐसे ही त्योहारों में से एक है धनतेरस। वास्तव में इस दिन से ही दिवाली के पर्व की शुरुआत हो जाती है और दिवाली का रोशनी भरा पर्व पूरे पांच दिनों तक चलता है। धनतेरस को भगवान धन्वन्तरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के ही दिन भगवान धनवंतरी समुद्र से अमृत कलश लेकर बाहर निकले थे और उन्होंने ही आयुर्वेद चिकित्सा की शुरुआत की, तभी से उनके जन्म दिवस के रूप में धनतेरस मनाया जाता है।

यह पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिवाली के दो दिन पहले होता है और इसमें पूरे विधि विधान से धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है और मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी या धनवंतरि जयंती भी कहा जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य और वास्तु स्पेशलिस्ट आरती दहिया जी से जानें इस साल धनतेरस कब मनाया जाएगा और इसका क्या महत्व है।

धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त

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  • इस साल धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर 2021, मंगलवार को मनाया जाएगा।
  • प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक।
  • वृषभ काल- शाम 06 बजकर 18 मिनट से शाम 08 बजकर 14 मिनट तक।
  • धनतेरस पूजन मुहूर्त- शाम 06 बजकर 18 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक।
  • इसी मुहूर्त में पूजा करना फलदायी होता है और धन की बरसात होती है।

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धनतेरस का महत्व

धनतेरस पर मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी की उपासना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में धन संपत्ति आती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे,इसलिए इस दिन उनका पूजन किया जाता है। धन्वंतरि को भगवान विष्णु का 12वां अवतार माना गया है। इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन भी विशेष रूप से किया जाता है। लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है इसलिए धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजन करने से माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से घर में सुख- समृद्धि आती है और आर्थिक समस्याओं एवं परेशानियों से मुक्ति मिलती है। धनतेरस के दिन नई चीजें खरीदने की परंपरा भी प्रमुख मानी जाती है। खासतौर पर इस दिन लोग बर्तन,आभूषण, चांदी का सामान,नया वाहन,नया घर आदि खरीदते हैं ताकि वह उनके जीवन में उन्नति प्रदान करें।

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धनतेरस पूजा विधि

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आरती दहिया जी बताती हैं कि धनतेरस पर शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर या उत्तर पूर्व की ओर कुबेर, माता लक्ष्मी और धन्वंतरि जी की स्थापना करें। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन से दीपावली का आरंभ होता है। इस दिन भगवान के सामने बड़े मिट्टी के दीये में घी की ज्योत प्रज्वलित करें। इस दिन कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं और उनसे अपने जीवन की मंगल कामना करें। पूजन के दौरान ऊं ह्रीं कुबेराय नमः मंत्र का जाप करें। इस दिन कल्याण के लिए इस मंत्र का जाप करते रहें। आपके लिए धनतेरस के दिन (धनतेरस में जरूर खरीदें ये शुभ चीजें) धनवंतरि स्तोत्र का पाठ करना भी लाभकारी साबित होगा।

इस तरह पूरे विधि विधान के साथ धनतेरस के दिन पूजन करने से पूजा का संपूर्ण फल तो प्राप्त होता ही है और इस दिन श्रद्धा भाव से पूजन करने से धन की प्राप्ति भी होती है।

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