साल 1950 में गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन हमें हमारा संविधान मिला था हमारे देश का संविधान हमें स्वतंत्रता पूर्वक रहने और सम्मान से जीने का अधिकार देता है। गणतंत्र दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमने कितने संघर्षों से आजादी पाई। देशभक्ति की भावना हमें एक व्यक्ति के तौर पर अपना सर्वोत्कृष्ट देने के लिए प्रेरित करती है और देश के लिए अच्छा कर गुजरने का भाव भी मन में जगाती है। पूरे देश में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडारोहण होता है। तिरंगा हमें अपने देश आन-बान-शान बनाए रखने का संदेश देता है। इस मौके पर देशभक्ति का भाव जगाने वाली कुछ शानदार फिल्मों से हम देश के लिए कुछ बेहतर कर दिखाने की प्रेरणा ले सकते हैं। आज हम चर्चा करेंगे ऐसी फिल्मों के बारे में, देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर देने के लिए प्रेरणा देती हैं।
उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक
जब पुलवामा में देश के सैनिकों पर हमला हुआ तो आतंकी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर बालाकोट मैं आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इसी पर बनी आदित्य धर की फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक'।
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इस फिल्म में विकी कौशल और यामी गौतम मुख्य भूमिकाओं में दिखाई दिए। फिल्म में दिखाया गया कैसे देश भक्ति का जज्बा अपने भीतर लिए देश के सैनिक सामने आने वाली मुश्किलों की परवाह किए बगैर अपनी जान जोखिम में डालते हैं और देश को सुरक्षित रखने में कामयाब होते हैं। फिल्म में दिखाया गया कि देश में अशांति फैलाने के लिए आतंकी ठिकानों पर हमलों की रणनीति बनाई जाती है, तो वहीं भारतीय सैनिक भी अपने देश में शांति बहाल रखने के लिए किस तरह सजग रहते हैं। फिल्म में सैनिकों के जीवन की मुश्किलें दिखाने के साथ देशप्रेम का जज्बा भी दिखाया गया है।
मिशन मंगल
भारतीय वैज्ञानिक कैसे सीमित संसाधनों में भी लगातार देश की तरक्की के लिए रिसर्च में लगे रहते हैं, यह चीज इस फिल्म में बखूबी दिखाई गई है। यह फिल्म भारतीय वैज्ञानिकों के मंगलयान बनाने और उसे सफलता पूर्वक अपने ऑर्बिट में पहुंचाने की कहानी दिखाती है। इस फिल्म में अक्षय कुमार, विद्या बालन, तापसी पन्नू, नित्या मेनन, कीर्ति कुल्हारी, शरमन जोशी और सोनाक्षी सिन्हा जैसे एक्टर्स वैज्ञानिकों के रोल में इंप्रेस करते हैं। भारतीय वैज्ञानिक अपनी मेहनत और लगन से सीमित लागत में मंगल यान बनाने में कामयाब होते हैं, जिसके लिए उन्हें दुनियाभर से बधाई मिलती है।
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केसरी
यह फिल्म आजादी मिलने से पहले के समय की पृष्ठभूमि में बनी है। इस फिल्म में उस समय की कहानी दिखाई गई है, जब अंग्रेजों का देश पर राज था और उन्होंने भारतीय नागरिकों को भी सिपाही बनाकर देश की सुरक्षा के काम में लगा रखा था। उस समय में सीमा पार से देश के दुश्मन धर्म के नाम पर लोगों को बांटने और खून-खराबा मचाने के लिए लगातार हमले कर रहे थे और भारतीय जमीन पर कब्जा करने की फिराक में थे।
करण जौहर और अनुराग सिंह की इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे भारतीय सैनिक अपनी दिलेरी और अदम्य साहस के बल पर अपने से बड़ी संख्या में खड़े दुश्मनों का बहादुरी से मुकाबला करते हैं। भले ही वे वीरगति को प्राप्त होते हैं लेकिन अपने देश प्रेम और त्याग की भावना से वे देशवासियों में देश के लिए मर मिटने का जज्बा जगा जाते हैं। फिल्म में अक्षय कुमार की भूमिका सराहनीय है।
मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी
1857 में अंग्रेजों के समय में हुए विद्रोह के दौरान झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। उनके अदम्य साहस और बहादुरी के बारे में देश का बच्चा-बच्चा जानता है। तलवारबाजी और तीरंदाजी में माहिर मणिकर्णिका किस तरह से झांसी के महाराजा गंगाधर राव निवल्कर से विवाह करके झांसी की रानी बन जाती हैं और कैसे अपने पति की मौत के बाद अपने राज्य की स्वतंत्रता बरकरार रखने के लिए अंग्रेजों से संघर्ष करती हैं, यह फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। हालांकि झांसी की रानी अंग्रेजों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गई थीं, लेकिन उनकी वीरता आज भी देशवासियों को अपनी कठिनाइयों से हार ना मानने के लिए प्रेरित करती है। लक्ष्मीबाई के किरदार में कंगना रनौत इंप्रेसिव नजर आई हैं।
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