अक्षय कुमार ने अपनी आने वाली फ़िल्म ‘पैडमैन’ के माध्यम से लड़कियों और उनके पेरेंट्स को पीरियड की समस्या को लेकर जागरूक करने की कोशिश की है। पीरियड में सैनिटरी पैड्स, हाइजीन व इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर अक्षय ने खुलकर बात की है।
First Aid की तरह सैनिटरी पैड्स भी हों
अक्षय कुमार ने साफतौर पर कहा है कि अब से वह जिस भी फिल्म की शूटिंग सेट पर होंगे, वे वहां सैनिटरी पैड्स भी रखेंगे अपने साथ। ताकि अगर उनके सेट पर किसी अभिनेत्री या स्टाफ़ को इसकी जरूरत हो तो वह उन्हें तुरंत इसका इस्तेमाल करने के लिए दे दें। अक्षय ने यह भी कहा है कि उन्हें लगता है कि यह बेहद जरूरी है कि लोग सैनिटरी पैड्स को जरूरत समझें, यह कोई लग्जरी नहीं है। यह हर लड़की की जरूरत है और हर लड़की को हक से इसकी डिमांड करनी ही चाहिए। अक्षय ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा है कि किसी दौर में एक फिल्म के सेट्स पर एक अभिनेत्री जो कि 14 साल की थीं, उन्हें पीरियडस होने के बावजूद बारिश के गाने की शूटिंग करनी पड़ी थी। उस वक्त अक्षय कुछ कर नहीं पाये थे लेकिन, अब उनकी यही कोशिश है कि आगे कभी भी उनके सेट पर किसी अभिनेत्री या महिलाकर्मी को जरूरत होगी तो उन्हें सैनिटरी पैड्स उपलब्ध करायेंगे।
ऑफिस में लड़के कहें कि लड़कियों के लिए हो सैनिटरी पैड्स की उपलब्धता
अक्षय का कहना है कि सिर्फ मैं ही नहीं मुझे तो लगता है कि हर लड़के को यह काम करना चाहिए कि वह खुद जाकर एचआर से मिलें और कहे कि लड़कियों के लिए ऑफिस में सैनिटरी पैड्स रखे जाने चाहिए। अगर मान लीजिए कि थोड़े पैसे भी देने हैं तो अपनी जेब खर्च से भी लड़कों को अपने साथ काम करने वाली लड़कियों के लिए यह एक जेस्चर के रूप में करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी ऑफिस में लड़कियों के कपड़े में अगर पीरियड के स्टेन लग जाये तो उनका मज़ाक बनाने की बजाय उनका सपोर्ट करना चाहिए और उन्हें यह जताना चाहिए कि यह सामान्य सी बात है। अक्षय कहते हैं कि कई लड़कियां तो शर्म के कारण ये बातें शेयर नहीं करतीं और स्ट्रेस से गुजरती हैं। अक्षय कहते हैं कि जितनी परेशानी इस बीमारी से नहीं होती, उतनी तो स्ट्रेस से हो जाती है। इसलिए इन बातों का ख्याल रखा जाना बेहद जरूरी है कि उनका मज़ाक न बनायें और उन्हें सपोर्ट करें। अगर कहीं उनके बैग से पैड्स बाहर निकल जाये और जमीन पर गिरा दिखे तो इसे बतंगड़ मत बनायें, उन्हें समझें। अक्षय का कहना है कि घर में भी लड़कियों के साथ सामान्य व्यवहार करना जरूरी है। ऐसे में उन्हें छूत-अछूत जैसी भावना न दिखायें। किसी रिलेटिव के सामने कोड वर्ड में बात न करें। लड़कियों को जतायें कि यह बेहद सामान्य सी बात है।
पीरियड होने पर छुट्टी मिले या न नहीं?
अक्षय का कहना है कि ये लड़कियों पर डिपेंड करता है। किसी की परेशानी अधिक होती है, किसी की नहीं होती। अगर जिन्हें शुरुआत के दो दिनों में तकलीफ होती है, उन्हें तो छुट्टी मिलनी ही चाहिए... लेकिन अगर लड़की डिमांड करे तो ही। वरना जो आराम से काम कर सकती हैं, वह खुद ही इसकी डिमांड नहीं करेंगी।
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कोड वर्ड्स में बात करना बंद करें
अक्षय कहते हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा उन लोगों से चिढ़ हो जाती है जो पीरियड को लेकर कोर्ड वर्ड रखते हैं कि अरे उसका विकेट गिर गया है, डाउन है, मौसी नहीं बन सकती। अरे ये... अरे वो... जैसी बातें करते हैं। अक्षय कहते हैं कि ऐसी बातों से आप लड़कियों का मज़ाक ही बनाते हैं। अक्षय कहते हैं कि जब उन्होंने यह बात सुनी थी कि कई गांवों में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान एक झोपड़ी में रहने को कह दिया जाता है तब भी वह बेहद दुखी हो गये थे। अक्षय का कहना है कि इस वक्त सबसे अधिक जरूरत होती है कि आप हाईजीन का ध्यान रखें। अंधविश्वास को आगे बढ़ावा देने के चक्कर में आप महिलाओं को गंदगी में रहने पर मजबूर कर देते हैं।
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अरुणाचलम बांटते हैं पैड के गिफ्ट हैंपर
अक्षय पैडमैन में अरुणाचलम मुरुगनाथम पर आधारित किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अरुणाचलम दीवाली के अवसर पर अपने इलाके की महिलाओं को गिफ्ट हैंपर में पैड्स देते हैं। इसलिए मुझे उनकी जर्नी से काफी प्रभावित किया और मैंने तय किया कि मैं उन पर फिल्म जरूर बनाऊंगा।
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