Mr India 32 Years: श्रीदेवी के इंडिपेंडेट और स्ट्रॉन्ग वुमन के कैरेक्टर ने बदली महिला किरदारों की परिभाषा

मिस्टर इंडिया में एक निडर और जांबाज पत्रकार की भूमिका निभाकर श्रीदेवी ने बॉलीवुड के वुमन कैरेक्टर्स को नए सिरे से डिफाइन किया था। 

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1987 में आई 'मिस्टर इंडिया' अपने समय की सुपरहिट फिल्म रही थी। इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को अनिल कपूर के रूप में एक ऐसा सुपर हीरो दिया था, जो लोगों की हर मुश्किल कर देता था आसान। मोगैंबो का डायलॉग 'मोगैंबो खुश हुआ' इस फिल्म की सबसे बड़ी हाईलाइट थी। मोगैंबो का किरदार इतना दिलचस्प था कि आज भी इसके कई डायलॉग लोगों को आज भी जबानी याद हैं। यह फिल्म अपने आप में एक बड़ी ट्रेंड सेटर साबित हुई थी। यह फिल्म अपनी इंट्रस्टिंग स्टोरी लाइन और सुपर हीरो के कॉन्सेप्ट के लिए तो पॉपुलर हुई ही थी, इसने फिल्मों में महिलाओं के रोल को भी नए तरीके से डिफाइन किया था।

'मिस्टर इंडिया' से पहले आई ज्यादातर फिल्मों में महिलाओं के किरदार बहुत सीमित और हुआ करते थे और उनकी भूमिका पुरुष किरदारों के इर्दगिर्द हुआ करती थी। पहले की फिल्मों में महिलाएं ज्यादातर पेड़ों के इर्द-गिर्द रोमांस करती नजर आती थीं या फिर एक वफादार पत्नी या फिर मां के किरदार में आदर्श नारी की भूमिका निभाती नजर आती थीं। लेकिन महिलाओं की अब तक कोई इंडिपेंडेंट शख्सीयत नहीं दिखाई गई थी। 'मिस्टर इंडिया' वो पहली फिल्म थी, जिसने महिला को इंडिपेंडेंट और जांबाज किरदार में पेश किया

मिस्टर इंडिया ने वुमन कैरेक्टर को इंडिपेंडेंट और स्ट्रॉन्ग तरीके से पेश किया

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इस फिल्म में श्रीदेवी ने एक ऐसी निडर पत्रकार की भूमिका निभाई थी, जो खबर की तह तक जाने के लिए अकेले निकल पड़ती है। उसे इस बात का डर नहीं है कि बाहर वह ताकतवर क्रिमिनल्स का सामना कैसे करेगी या वह किसी खतरे में फंस गई तो उसे कौन बचाने आएगा। लोगों के साथ होने वाले अत्याचार, कानून तोड़ने की घटनाओं के कवरेज करने के लिए श्रीदेवी पूरे जोश के साथ निकल पड़ती हैं। फिल्म में श्रीदेवी को एक आत्मनिर्भर महिला के तौर पर पेश किया गया, जो किसी के रहमो-करम पर नहीं थी और अपनी मर्जी से जिंदगी जीती है।

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मिस्टर इंडिया से बॉलीवुड में हिट हो गई थीं श्रीदेवी

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फिल्म में लीड एक्टर अनिल कपूर बने थे 'मिस्टर इंडिया' और उनका किरदार फिल्म में सबसे इंपॉर्टेंट था, उसके बाद अमरीश पुरी जैसे दिग्गज कलाकार का मोगैंबो का किरदार था। श्रीदेवी का किरदार इस लिहाज से तीसरे नंबर पर था, लेकिन पत्रकार सीमा के किरदार में श्रीदेवी ने अपने फन और ग्लैमर का ऐसा तड़का लगाया कि वह हमेशा के लिए लोगों के जेहन में रह गया।

'मिस हवा हवाई' का यादगार गाना

'मिस्टर इंडिया' में मिस हवा-हवाई के किरदार वाला वो सीन तो आपको याद ही होगा, जहां पर श्री देवी स्मगलरों की पार्टी में एक खबर निकालने पहुंच जाती हैं। यहां अपनी आइडेंटिटी छिपाने के लिए पत्रकार सीमा बन जाती है एक मशहूर डांसर-सिंगर 'मिस हवा-हवाई'। 'मैं ख्वाबों की शहज़ादी, मैं हूं हर दिल पर छाई' गाना अपने समय में काफी ज्यादा पसंद किया गया था। सिर्फ अपनी इस फिल्म ही नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी अपने इस गाने के जरिए श्रीदेवी ने अपने फैन्स को काफी इंप्रेस कर दिया था। मिस हवा-हवाई की फनी एक्टिंग और उसके साथ-साथ एक पत्रकार की संजीदगी, इन दोनों को श्रीदेवी ने परफेक्ट तरीके से बैलेंस किया था।

'काटे नहीं कटते ये दिन ये रात' ने सेक्शुअलिटी को नई तरह से डिफाइन किया

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श्रीदेवी का अनिल कपूर के साथ फिल्माया गया गाना 'काटे नहीं कटते ये दिन ये रात' काफी सेंसुअल अंदाज में फिल्माया गया था। इस फिल्म में अनिल कपूर और श्रीदेवी का रोमांस काफी ज्यादा चर्चित हुआ था। श्रीदेवी की सेक्शुअलिटी को एक्सप्लोर किया गया था, जो इससे के महिला किरदारों में नहीं दिखाई देता था। लेकिन इस गाने की खूबसूरती ये थी कि ये कहीं से भी वल्गर या आपत्तिजनक नहीं लगा।

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