जब हम मुगल साम्राज्य की बात करते हैं, तो ज्यादातर लोगों के दिमाग में मुगल बादशाहों के नाम जैसे अकबर, शाहजहां, हुमायूं आदि के नाम आते हैं। हालांकि, इन सभी बादशाहों में सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली सम्राट अकबर रहा है। शायद ही, कोई होगा जिसमें अकबर के बारे में नहीं सुना होगा। क्योंकि अकबर एक ऐसा मुगल बादशाह था जिसने अपने शासनकाल में नीति-निर्माण में एक अहम भूमिका अदा की है।
अकबर की न सिर्फ बेगमें मशहूर थीं बल्कि कुछ बेटियां भी ऐसी थीं, जिनके नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। उन्हीं में से अकबर की बेटी सबसे लाडली बेटी आराम बानो बेगम का नाम भी आता है। अकबर की बेटी आराम बानो बेगम न सिर्फ अकबर की सबसे पसंदीदा बेटी थीं बल्कि बेहद खूबसूरत भी थीं। तो चलिए आज हम आपको अकबर की बेटी आराम बानो बेगम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने मुगल शासन में बादशाहों के अलावा नीति-निर्माण में एक अहम भूमिका अदा की है। लेकिन इससे पहले अकबर और मुगल शासन के इतिहास के बारे में जानते हैं।
मुगल साम्राज्य का दौर लगभग सन 1526 से 1857 तक रहा, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी। इसके बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां आदि के बाद अंतिम मुगल शासक औरंगजेब था, जिन्होंने अपने शासन के दौरान समाज का निर्माण किया था। हालांकि, कई इतिहासकारों का मानना है कि सन 1707 से लेकर सन 1857 तक मुगल साम्राज्य के पतन यानि विघटन दौर से गुजर रहा था। इसके अलावा, कुछ महिलाएं भी थीं, जिन्होंने अपना योगदान नीति-निर्माण में दिया था।
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अकबर मुगल साम्राज्य का सबसे महान बादशाह था। जिसका जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले, अमरकोट में हुआ था। अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अकबर मुगल साम्राज्य का तीसरा बादशाह था, जिसने अपने शासनकाल में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्य करवाए थे।
आराम बानो बेगम एक. मुगल राजकुमारी थीं, जिनका जन्म 22 दिसंबर 1584 को हुआ था। यह अकबर और बीबी दौलत शाद की सबसे छोटी बेटी थीं। उनकी बड़ी बहन का नाम शकर-उन-निसा बेगम था। बता दें कि बीबी दौलत शाद अकबर की खास बेगमों में से एक थीं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बीबी दौलत शाद अकबर की कौन-से नंबर की बेगम थीं। आराम बानो बेगम अपनी मां यानि बीबी दौलत शाद की तरह एक खूबसूरत महिला थीं, जिन्हें एक बार देखने के बाद लोग उनकी और आकर्षित हुआ करते थे।
इतिहास के अनुसार आराम बानो बेगम को उनके पिता यानि अकबर प्यार से लाडली बेगम बुलाया करते थे। जब भी अकबर कहीं बाहर आते थे, अपनी बेटी को 'कहां है मेरी लाडली बेगम' अल्फाज से पुकारते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि अकबर बीबी दौलत शाद से भी बहुत प्यार करते थे और उन्हें अपनी बेटी में उनकी झलक नजर आती थी।
आराम बानो बेगम को हरम की तितली भी कहा जाता था क्योंकि यह न सिर्फ खूबसूरत थीं बल्कि अपने पिता के खिलाफ जाने का भी साहस रखती थीं। इसका स्वभाव तेज तर्रार और बातूनी के नाम से मशहूर था। वह किसी भी गलत बात या काम को बर्दाश्त नहीं करती थीं और उसके खिलाफ आवाज उठाती थीं। इसलिए लोग उन्हें हरम की तितली ने नाम से भी बुलाया करते थे।
कहा जाता है कि आराम बानो बेगम ने कभी भी निकाह नहीं किया। उन्होंने अपना जीवन मुगल परिवार के साथ गुजारा। अकबर की मृत्यु के बाद जहांगीर ने उन्हें संभाला और उनका पालन-पोषण किया। हालांकि, उनके निकाह न करने की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। लेकिन ये उल्लेख मिलता है कि अकबर नहीं चाहता था कि उनकी बेटी उनसे दूर जाए।
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इतिहासकारों के अनुसार अराम बानो की वफात उसके भाई जहांगीर के शासनकाल में हुई थी । 17 जून 1624 को पेचिश से उनकी मृत्यु हो गई।
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