हिंदू धर्म के सबसे बड़े युद्ध को महाभारत के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध का असर पूरी दुनिया में हुआ और आज भी हम उससे जुड़ी बातों को ग्रंथों के माध्यम से पढ़ते हैं। वास्तव में ये युद्ध कई लोगों के आपसी मतभेद का गवाह बना और द्वापर या सतयुग ही नहीं बल्कि कलयुग में भी इसकी बातें प्रचलित हैं।
स्वयं महाभारत ही इतना बड़ा महाकाव्य है जिसके अनगिनत रहस्यों को आप जरूर जानना चाहते होंगे। महाभारत की न जाने कितनी ऐसी कथाएं हैं जिनके बारे में आज भी पता लगा पाना कठिन है। ऐसी ही एक बात है कि आखिर महाभारत युद्ध का असली कारण क्या था। आइए आपको बताते हैं महाभारत का युद्ध किन महिलाओं की वजह से हुआ। वास्तव में उनकी खूबसूरती युद्ध का कारण बनी।
आखिर क्या था महाभारत युद्ध का कारण
महाभारत के युद्ध का एक बड़ा कारण कौरव और पांडवों के बीच भूमि के बंटवारे को माना जाता है। हालांकि ये बंटवारा शांति पूर्वक भी हो सकता था लेकिन कुछ महिलाओं की वजह से कौरवों और पांडवों के बीच कटुता बढ़ गई जो बाद में युद्ध का कारण बनी।
दरअसल महाभारत काल की दो खूबसूरत और सुप्रसिद्ध महिलाएं अम्बिका और अम्बालिका थीं। ये दोनों काशी नरेश की पुत्रियां थीं और धृतराष्ट्र और पांडु की माताएं थीं। कालांतर में इन दोनों स्त्रियों के आपसी मतभेद और इनके पुत्रों के बीच हस्तिनापुर के राज-पाट की लड़ाई ने महाभारत जैसे महायुद्ध को जन्म दिया।
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सत्यवती ने महाभारत युद्ध का बीज बोया
महाभारत में एक और चरित्र सत्यवती का है जो राजा शांतनु से विवाह करने के लिए तभी सहमत हुई जब उसके भावी पुत्रों को हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठाया जाए। शांतनु इस बात पर सहमत हो गए और उनके पुत्र भीष्म पितामह (भीष्म पितामह की मृत्यु का कारण) का जन्म हुआ। आगे चलकर राज-पाठ संभालने के बजाह भीष्म पितामाह ने ब्रह्मचर्य का व्रत ले लिए जिससे कभी उनकी शादी न हो और उनके बच्चे ही न हों जिससे कोई सिंघासन की लड़ाई न हो सके।
सत्यवती के पुत्र ने जब सिंघासन नहीं लिया तब ये अम्बिका और अम्बालिका के पुत्रों धृतराष्ट्र और पाण्डु को सौंपा गया। धृतराष्ट्र जन्मांध थे और पांडु अल्पायु में ही दुनिया से चले गए। उस समय कौरवों और पांडवों को राज्य संभालने की बात की गयी।
पांडु के पांच पुत्र हुए - युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे वहीं धृतराष्ट्र के 101 पुत्र और 1 पुत्री थी जो बाद में कौरवों के नाम से जाने गए। इन्हीं दोनों के बीच आगे चलकर महाभारत युद्ध हुआ। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सत्यवती ने ही महाभारत युद्ध के लिए बीज बोए थे।
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द्रोपदी बनीं महायुद्ध का कारण
महाभारत के युद्ध का सबसे बड़ा कारण उस समय की सबसे खूबसूरत स्त्री द्रोपदी को भी माना जाता है। महाभारत काव्य के अनुसार पांच पांडवों की पत्नी द्रौपदी अत्यंत खूबसूरत थीं और इस समय लोग उनकी एक झलक के लिए भी तरसते थे।
ऐसे में एक बार कौरवों का सबसे बड़ा पुत्र जब दुर्योधन इंद्रप्रस्थ आया तब उसने एक खूबसूरत दृश्य देखा जिसमें फर्श को सजाया गया था। दुर्योधन यह समझ नहीं पाया कि यह फर्श नहीं बल्कि एक खूबसूरत जलाशय है और वह उसमें गिर गया।
दुर्योधन को नीचे गिरा हुआ देखकर द्रोपदी (द्रौपदी की मृत्यु कैसे हुई थी) जोर से हंस पड़ीं और उन्होंने दुर्योधन को अंधे का पुत्र अंधा कहकर संबोधित किया। उसी समय दुर्योधन ने बदले की ठानी और आगे चलकर महाभारत युद्ध हुआ।
यह था महाभारत युद्ध का बड़ा कारण
एक बार दुर्योधन ने युधिष्ठिर को पासे के खेल के लिए आमंत्रित किया। जैसा कि खेल पहले से ही दुर्योधन के चाचा शकुनि द्वारा तय किया गया था, अतः पांडवों ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। उनके पास जब कुछ नहीं बचा तब दुर्योधन ने द्रोपदी को दांव में लगाने की मांग की। उसके बाद भरी सभा में द्रोपदी का अपमान किया गया और आगे चलकर यही महाभारत के युद्ध का कारण बना।
यदि हम महाभारत के युद्ध की बात करें तो उसके सही कारण का पता लगा पाना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि यहां बताए कारणों का जिक्र महभारत ग्रन्थ में मिलता है।
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