अब पैडमेन को नोबल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का भी समर्थन मिल गया है। पिछले कुछ दिनों से फिल्म पैडमेन अपने विषय को लेकर खबरों में छाई हुई है। इस विषय ने कई लोगों को ध्यान अपनी ओर खींचा है और कई बड़े बॉलीवुड डायरेक्टर और प्रोड्यूज़र भी इसे फिल्म की तारीफ कर चुके हैं। अब इन नामों ने पाकिस्तानी कार्यकर्ता और नोबल शांति पुरुस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का भी नाम शामिल हो गया है जिन्होंने फिल्म को समर्थन देते हुए कहा है कि मैं यह फिल्म देखने के लिए काफी एक्साइटेड हूं।
फिल्म पैडमेन मासिक धर्म के दिनों में स्वच्छता पर जोर देती है और सैनिटरी पैड यूज़ करने का मैसेज देती है। मलाला कहती हैं, इस फिल्म का संदेश वास्तव में लोगों को प्रेरणा देता है।
'द ऑक्सफोर्ड यूनियन' के दौरान मलाला ने ट्विंकल खन्ना से मुलाकात की थी। तभी इन दोनों के बीच में फिल्म 'पैडमेन' को लेकर बात हुई थी। एक बयान के अनुसार, मलाला ने ट्विंकल से कहा, 'मैं पैडमैन फिल्म देखने के लिए बहुत उत्साहित हूं, क्योंकि इस फिल्म का संदेश बहुत ही प्रेरणादायक है।'
ट्विंकल यहां कई सांस्कृतिक, राजनीतिक और नामी हस्तियों के साथ मौजूद थीं। यह फिल्म पहले 25 जनवरी को रिलीज होने वाली थी, लेकिन पद्मावत उस दिन रिलीज हो रही है इसलिए अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म की डेट आगे बढ़ा दी है। फिल्म अब 9 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म में अक्षय कुमार, मुरुगनाथम की भूमिका निभा रहे हैं जिन्होंने 20 साल पहले कम लागत वाली सैनिटरी पैड बनाने की मशीन का निर्माण किया था। जिसके बाद भारत के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता में क्रांतिकारी बदलाव लाए थे।
From period taboos to period poverty, @mrsfunnybones takes the conversation on menstrual hygiene global at @OxfordUnion, the debating society of #OxfordUniversity pic.twitter.com/1o6zW8HJyP
— Akshay Kumar (@akshaykumar) January 19, 2018
द ऑक्सफोर्ड यूनियन में ट्विंकल खन्ना से बात करने के दौरान छात्र काफी एक्साइटेड थे। यह पहली फिल्म है जो इस यूनियन में दिखाई गई है। बैठक के दौरान ही ट्विंकल ने दर्शकों को बताया कि क्यों दुनिया को इस कहानी के बारे में जानने की जरूरत है और पीरियड से जुड़ी स्वच्छता से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डालना जरूरी है। उन्होंने कहा, 'माहवारी पर एक फिल्म बनाने के पीछे मेरा सबसे पहला मकसद एक ऐसे विषय पर जागरूकता फैलाना था, जिसे अब तक पर्दे में ही रखा जाता रहा है और इसे शर्मिंदगी से जोड़कर देखा जाता है।'
इस बैठक में ट्विंकल ने कुछ जरूरी और चौंकाने वाले फैक्ट भी रखे। ट्विंकल ने बताया कि, 'पहले मुझे लगता था कि पीरियड से जुड़ी शर्म केवल हमारे देश और अफ्रीका व बांग्लादेश जैसे विकासशील देशों में ही है। लेकिन प्लान इंटरनेशनल यूके जैसे कई समूहों के अनुसार, ब्रिटेन में 10 में से एक लड़की पीरियड के दौरान स्कूल नहीं जाती है। क्योंकि वह महंगा सैनिटरी पैड नहीं खरीद सकती। जिसके कारण मुश्किल दिनों में फटे-पुराने कपड़े जैसे घरेलू ऑप्शन्स से काम चलाती हैं।'
पीरियड और सैनिटरी पैड से जुड़े मुद्दों पर इस बैठक में खुलकर बात हुई। इसी बातचीत के दौरान वहीं बैठे लोगों ने सैनिटरी पैड हाथ में लेकर फोटो भी खिचवाई। अब यही फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है और इस फोटो के द्वारा मलाला को पाकिस्तान में कट्टरपंथी सोच रखने वाले लोग खूब ट्रोल कर रहे हैं। यही नहीं बल्कि, उन्हें लोगों ने बेशर्म से लेकर बेगैरत तक कह रहे हैं। आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब मलाला को ट्रोल किया है। इससे पहले भी मलाला को ट्रोल किया गया है। गौरतलब है कि मलाला की जींस पहने फोटो आई थी तब भी लोगों ने उनको लेकर घटिया बातें कही थीं।
अब तो फिल्म को नोबल शांति पुरस्कार विजेता मलाला युसुफ़ज़ई का भी साथ मिल गया है और ट्रोल के द्वारा नेगेटिव ही सही लेकिन पाकिस्तान में भी इसे पब्लिसिटी मिल गई है। अब देखना ये है कि ये समाज में महिलाओं से जुड़ी इस परेशानी को कितने अच्छे तरीके से दिखाती है?
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