आज के समय में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में अपने काम से नया मुकाम हासिल कर रही हैं। आज महिलाओं को जो अधिकार प्राप्त हैं उसकी नींव इतिहास में महिलाओं द्वारा रखी गई थी। उन्होंने पुरुषों के समान अधिकार लेने के लिए संघर्ष किया है। भारत में महिलाओं की स्थिति मजबूत बनाने के लिए महारानी गायत्री देवी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। महारानी गायत्री देवी शाही परिवार से थीं। शादी के बाद उन्होंने न केवल परिवार बल्कि अपने राज्य को भी संभाला।
जयपुर की महारानी गायत्री देवी अपनी स्ट्रॉन्ग पर्सनालिटी के साथ साथ अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती थी। ऐसा कहा जाता था उन्हें मेकअप की भी जरूरत नहीं होती थी। उनकी खूबसूरती में कोई भी कमी नहीं निकाल सकता है। आइए जानते हैं राजघराने की महारानी गायत्री देवी की कुछ अनसुनी बातें।
महारानी गायत्री देवी की शिक्षा
जयपुर की राजमाता गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 में लंदन में हुआ था। उनके पिता नारायण कूच बिहार बंगाल के युवराज के छोटे भाई थें। उनकी मां बड़ौदा की राजकुमारी इंदिरा राजे थीं। उनकी शुरुआती पढ़ाई शांतिनिकेतन से हुई थी। इसके बाद वह ग्लेन डोवेर प्रिपरेटरी स्कूल लंदन गईं। इसके बाद उन्होंने विश्व भारती यूनिवर्सिटी और स्विट्जरलैंड से अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
गायत्री देवी लव स्टोरी
गायत्री देवी की लव स्टोरी बेहद खास है। उन्हें घुड़सवारी और पोलो खेलने का बहुत शौक था। एक बार जब गायत्री देवी कोलकाता पोलो मैच देखने आई थी, तो उनकी मुलाकात जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह से हुई थी। दोनों को पहली मुलाकात में ही प्यार हो गया था। वह जब भी लंदन जाते थे, वह गायत्री देवी से मुलाकात जरूर करते थे। 6 साल लंबे लव अफेयर के बाद उन्होंने 9 मई 1940 को शादी की है।
महिलाओं के लिए स्कूल की स्थापना
रानी गायत्री देवी ने महिलाओं के अधिकार के लिए काफी संघर्ष किया है। शादी के बाद वह भारत में शाही तौर तरीके से रहने लगी थी। उस समय उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए जयपुर में स्कूल की स्थापना की थी।
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राजनीति करियर
राज माता गायत्री देवी शाही जीवन के साथ साथ राजनीति में भी काफी सक्रिय थी। आजादी के बाद उन्होंने 1962 में जयपुर की लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा मतों से जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। जनता के बीच उनके लिए काफी प्यार था।
इसी प्यार की बदौलत साल 1967 और 1971 के चुनावों में वह जयपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा की सदस्य चुनी गईं। उस समय उनकी इतनी बड़ी जीत थी कि उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था।
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गायत्री देवी और इंदिरा गांधी विवाद
एक बार संसद में गायत्री देवी और जवाहर लाल नेहरू की बहस हो गई थी। लेकिन जब इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान अपने हाथ में ली तब ये राजनीतिक विरोध पर्सनल बन गया। दरअसल गायत्री देवी और इंदिरा गांधी दोनों एक दूसरे को बचपन से जानती थीं।
दोनों ने गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर के द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन स्कूल से पढ़ाई की थी। संसद में एक बार इंदिरा गांधी ने गायत्री देवी को कांच की गुड़िया कह दिया था। इसके अलावा इमरजेंसी के समय गायत्री देवी को जेल भेजकर उनके जयगढ़ किले पर फौज भेज दी थी।
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Image Credit: Royalty of india instagram
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