12 साल में लगने वाला महाकुंभ इस वर्ष प्रयागराज संगम स्थल पर लग रहा है, जिसका आयोजन 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस बार महाकुंभ कई मायनों में अनोखा और अद्भुत होने वाला है। इस बात की चर्चा देश-विदेश हर तरफ हो रही है। श्रद्धालुओं को इस बार संगम तट पर कुछ बेहद खास और दिलचस्प नजारे देखने को मिल रहे हैं, जो न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटकों का ध्यान भी आकर्षित कर रहे हैं।
संगम स्थल पर होने वाली व्यवस्था ने न केवल पूरी दुनिया का ध्यान खींचा बल्कि यहां आने वाले साधु-संत और बाबा अपनी तपस्या और हठ के कारण सुर्खियों में बने हुए है। इस लेख में आज हम आपको संगम स्थल में आए अद्भुत बाबाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। इसमें टार्जन बाबा से लेकर चाबी बाबा जैसे अद्भुत बाबाओं का नजारा शामिल है, जो अपने विचित्र अंदाज और आकर्षक व्यक्तित्व के लिए चर्चा में बने हुए हैं।
लिलिपुट बाबा
अगर मैं आपसे कहूं कि आप महीने भर बिना स्नान किए रहें, तो आप पलट कर जवाब देंगे कि पागल हो क्या। लेकिन, आपको बता दें, प्रयागराज महाकुंभ में एक ऐसे बाबा आए हैं, जिन्होंने पिछले 32 वर्षों से स्नान नहीं किया है। उन्हें लोग लिलिपुट बाबा के नाम से जानते हैं। बाबा की लंबाई 3 फीट 8 इंच है, जिसे लेकर भी वह सुर्खियों में बने हुए हैं।
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अनाज वाले बाबा
साल 2021 में अपने सिर पर जौ उगाने को लेकर मशहूर हुए अनाज वाले बाबा एक बार फिर से सुर्खियों में बने हुए हैं। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले अमरजीत ने अपने सिर पर गेहूं, बाजरा और चना का पौधा उगा रखा है।
टार्जन बाबा
संगम स्थल पर लगने वाले कुंभ में दुनिया भर के बाबाओं का जमावड़ा देखने को मिलता है। 12 साल में लगने वाले महाकुंभ में बाबाओं का आना शुरू हो चुका है। इस लिस्ट में पहला नाम एंबेसडर कार से आने वाले बाबा का है, जिन्हें टार्जन बाबा लोग कहकर बुलाते हैं। मध्य प्रदेश में रहने वाले ये बाबा अपने साथ एक एंबेसडर कार लेकर चलते हैं और उसी में ही रहते हैं। बता दें इनके चर्चा में रहने का मुख्य कारण उनकी कार है, जो साल 1972 मॉडल की है, जिसका इस्तेमाल वह पिछले 35 साल से कर रहे हैं।
चाबी वाले बाबा
प्रयागराज संगम में होने वाले महाकुंभ में रायबरेली के रहने वाले बाबा ने 16 साल की उम्र में ही घर का त्याग कर दिया था। चाबी वाले बाबा, अपने साथ 20 किलो की चाबी लेकर यात्रा करते हैं। बता दें बाबा इसको राम नाम की चाबी बताते है। इसके अलावा संगम स्थल पर गोल्डन बाबा, टंकी बाबा और एक ऐसे बाबा हैं, जिन्होंने पिछले 50 वर्षो से अपना हाथ नीचे नहीं रखा है।
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