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Maha Kumbh stampede security arrangements

Maha Kumbh 2025 Security Rule: महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था किसके हाथ में होती है? कौन-कौन होते हैं जिम्मेदार, जानिए

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दिन जगह-जगह से लोग स्नान के लिए आए हुए थे। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। इससे कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल भी हुए। ऐसे में, अब लोग आम जानता की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर विश्व प्रसिद्ध इस मेले में इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया? चलिए इस सवाल का जवाब यहां जान लेते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-01-30, 15:58 IST

महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र धार्मिक आयोजन है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम भी कहा जाता है। इस मेले में करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत संगम और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करके आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं। ऐसे में, इस विशाल आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। 

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दिन जगह-जगह से लोग स्नान के लिए आए हुए थे। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। इससे कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल भी हुए। ऐसे में, अब लोग आम जानता की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर विश्व प्रसिद्ध इस मेले में इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया? इसके लिए जिम्मेदार कौन है और इसकी सुरक्षा किसके हाथ में होती है? चलिए हम आपको इसी के बारे में आगे विस्तार से बताते हैं।

महाकुंभ की सुरक्षा किसके हाथ में होती है?

Prayagraj Stampede 2025 Image

महाकुंभ में आम जनता की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए कई स्तरों पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाती है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 75 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। यहां सुरक्षा के लिए विशेष रूप से अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। इन अधिकारियों में एक जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी शामिल होते हैं, जो मेले की समग्र सुरक्षा और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

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इस प्रकार, महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था राज्य सरकार के उच्च पदस्थ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में संचालित होती है, जो मेले के दौरान कानून-व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन सेवाओं और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हैं। सुरक्षाकर्मियों के अलावा, कई सेंट्रल एजेंसियां और पैरामिलिट्री फोर्सेज को भी शामिल किया गया है। इसमें NSG के कमांडो, स्पेशल टास्क फोर्स, एंटी टरर स्कॉड, NCRF और SDRF भी शामिल हैं।

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मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में क्या हुआ?

Kumbh 2025 accident

मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ 2025 में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। प्रयागराज में आयोजित इस महाकुंभ मेले के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद, सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के दिन होने वाले अमृत स्नान को रद्द कर दिया। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। साथ ही, श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें।

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