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madras hc says homemakers entitled to equal share of property

हाउसवाइफ का भी है पति की प्रॉपर्टी पर हक, पढ़ें मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि एक हाउसवाइफ अपने पति की कमाई से खरीदी गई संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी रखती है। आइए जानते हैं कोर्ट ने टिप्पणी में क्या कहा। 
Editorial
Updated:- 2023-06-26, 17:01 IST

एक गृहणी अपनी पूरी जिंदगी घर के कामकाज में गुजार देती है। बावजूद इसके उससे पूछा जाता है कि वो करती क्या हैं? बहुत बार महिलाएं परिवारिक परिस्थितियों को देखते हुए नौकरी तक छोड़ देती हैं। मगर इसका मतलब यह नहीं कि हाउसवाइफ का पति की प्रोपर्टी पर कोई हक नहीं है। हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट ने भी कहा कि गृहिणी अपने पति की आय से खरीदी गई संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी की हकदार होती है।

मद्रास कोर्ट ने क्या कहा 

madras high court on housewifes right

  • कोर्ट का कहना है कि एक पत्नी के लिए गृहिणी होना बिना छुट्टियों के 24 घंटे की नौकरी जैसा है। न्यायमूर्ति कृष्णन रामासामी ने कहा, "पत्नियां दशकों से घर संभाल रही हैं और परिवार की देखभाल कर रही हैं। उन्हें संपत्ति में हिस्सेदारी का हक है। शादी के बाद वह कई बार पति और बच्चों की देखभाल के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ देती हैं। यह अनुचित है जिसके परिणामस्वरूप आखिर में उनके पास अपना कहने के लिए कुछ भी नहीं होता।" 
  • कोर्ट ने कहा अभी तक कोई ऐसा कानून नहीं बना है जो कि गृहिणी महिलाओं के प्रयासों को प्रमाणिकता दे। उन्होंने कहा कि कोर्ट उन महिलाओं के कंट्रीब्यूशन को अच्छे से समझता है। 
  • मद्रास हाई कोर्ट ने ऐसा 2016 के एक केस की सुनवाई के दौरान किया है। दंपत्ति ने शादी की, दोनों के तीन बच्चे हुए और पति 1983 से 1994 तक जॉब के लिए मिडिल ईस्ट चला गया। जब वह भारत लौटा तो उसने पत्नी पर उसके पैसों से मनचाही प्रॉपर्टी खरीदने का आरोप लगाया। इसी केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महिलाओं हाउसवाइफ के हक की बात की। 

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क्या कहता है कानून 

हाई कोर्ट के वकील मनीश बताते हैं,  "हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार यदि पति ने अदालत के पत्नी के खिलाफ कोई कार्यवाही यानी तलाक की याचिका दायर की है, तो उस स्थिति में महिलाएं निर्वाह भत्ते के लिए एचएमए की धारा 24 के तहत आवेदन दायर कर सकती हैं। महिलाएं घरेलू हिंसा अधिनियम और 125 सीआरपीसी के तहत अपने पति से भत्ता की भी भी मांग कर सकती हैं। हालांकि, परिवार अपनी वसियत में से बहू को कितनी जमीन देना चाहे, यह उनका निजी फैसला है।" 

क्यों जरूरी है हाउसवाइफ के लिए हक? 

wife right on husband property

जरूरी नहीं है कि घर से बाहर जाकर ही परिवार के लिए योगदान दिया जाए। हाउसवाइफ भी परिवार के लिए बहुत कुछ करती हैं। ऐसे में उनको प्रॉपर्टी के हक से बाहर रखना सरासर गलत है और मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी भी यही बताती है।

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Photo Credit: Freepik  

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