कृष्णा राज कपूर ने सुबह चार बजे आखिरी सांसें लीं। उनकी मौत की खबर सुनकर पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर छाई हुई है। कृष्णा राज कपूर का चले जाना कपूर फैमिली और पूरे बॉलीवुड के लिए एक बड़ी क्षति है। 1946 में कृष्णा की शादी राज कपूर के साथ हुई थी।
राज कपूर की मौत के बाद कृष्णा परिवार की सबसे वरिष्ठ थीं, इसीलिए उन्होंने पूरे कपूर परिवार की जिम्मेदारियां संभाल रखी थीं, परिवार का वह पूरा खयाल रखती थीं। पूरे कपूर खानदान को एकता के सूत्र में बांधे रखने के लिए वह हमेशा कोशिशें करती रहीं। अब उनके जाने के बाद पूरा परिवार गमजदा है।
कृष्णा राज कपूर ने जिस तरह से राज कपूर का जिंदगी भर साथ दिया, वह किसी भी महिला के लिए मिसाल है। अनुपम खेर ने उनकी मौत पर कहा, 'श्रीमती कृष्णा राज कपूर जी की मौत पर मुझे गहरा दुख है। मैं अब तक जिन भी महिलाओं से मिला, उनमें वह सबसे डिग्नीफाइड और अफेक्शनेट थीं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। शोकाकुल कपूर और नंदा परिवार को मेरी तरफ से सांत्वना।
रवीना टंडन ने भी कृष्णा कपूर की मौत पर अपना दुख जताया है। उन्होंने लिखा, 'पूरे कपूर परिवार को मेरी तरफ से सांत्वना। कृष्णा राज कपूर के जाने के साथ एक युग का अंत हो गया। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति दे।'
राज कपूर को बार-बार किया माफ
राज कपूर अपनी बेहतरीन फिल्मों के साथ-साथ अपने अफेयर को लेकर भी खूब चर्चा में रहते थे। राजकपूर और नर्गिस का अफेयर किसी से छिपा नहीं है। लंबे वक्त तक राज कपूर और नरगिस का अफेयर रहा। राज कपूर की ज्यादातर फिल्मों में नर्गिस ही उनके साथ हुआ करती थीं। राज कपूर की नरगिस के साथ 'श्री 420', 'आवारा', 'बरसात' जैसी फिल्मों में जो कैमिस्ट्री दिखती थी, वह रियल लाइफ तक भी पहंच चुकी थी। राज कपूर और नर्गिस फिल्मों की शूटिंग से लेकर प्रमोशन तक जहां भी जाते थे, दोनों एक ही कमरे में ठहरते थे। एक समय ऐसा भी आया था, जब नरगिस ने आर के स्टूडियो के अलावा दूसरे प्रोडक्शन हाउस के लिए काम करना बंद कर दिया था। दोनों हर कीमत पर एक-दूसरे के हो जाना चाहते थे। लेकिन इतना सब हो जाने के बावजूद कृष्णा ने अपने पत्नी धर्म का पालन पूरी निष्ठा के साथ किया। समय के साथ नर्गिस और राज कपूर के रिलेशनशिप में दूरियां आ गई हैं और राज कपूर वापस अपनी पत्नी के पास वापस लौट आए।
ऋषि कपूर की शादी में नर्गिस से कृष्णा ने कही थी यह बात
कृष्णा कपूर कितनी सहृदय थीं, इसका पता उनकी उस बात से भी चलता है, जो उन्होंने नर्गिस से कही थी। ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी खुल्लमखुल्ला में इसका जिक्र किया है। ऋषि ने लिखा है, 'नर्गिस जी ने 1956 में 'जागते रहो' पूरी होने के बाद आरके स्टूडियो में क़दम नहीं रखा था, लेकिन मेरी शादी की संगीत सेरेमनी में शामिल होने के लिए वह सुनील दत्त के साथ आईं थीं। 24 साल बाद किसी कपूर इवेंट में शामिल होने को लेकर वो काफ़ी नर्वस महसूस कर रही थीं। मेरी मां ने उनकी हिचकिचाहट को समझते हुए उन्हें एक तरफ़ ले जाकर कहा था, 'मेरे पति अट्रैक्टिव हैं, रोमांटिक भी हैं। मैं आकर्षण को समझ सकती हूं। मैं जानती हूं आप क्या सोच रही हैं, लेकिन अतीत को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए। आप मेरे घर ख़ुशी के मौके पर आई हैं और आज हम दोस्तों की तरह यहां मौजूद हैं।' कृष्णा कपूर ने अपने पति की सारी गलतियों को माफ करते हुए बड़ा दिल होने का परिचय दिया और रिश्तों में किसी तरह की कड़वाहट नहीं आने दी।
वैजंती माला के साथ रिश्तों पर कृष्णा ने अपनाया था सख्त रुख
ऋषि कपूर ने अपनी किताब में वैजंती माला के साथ अपने पिता राज कपूर के संबंधों का जिक्र किया था, हालांकि वैजंती माला ने ऐसा कोई अफेयर होने से इनकार ककर दिया था। उन्होंने लिखा था, 'मुझे याद है कि जब पापा वैजंती माला के साथ रिलेशनशिप में थे, तब मां के साथ हम मरीन ड्राइव के नटराज होटल में शिफ्ट हो गए थे। इस होटल के बाद हम चित्रकूट के एक अपार्टमेंट में दो महीने तक रहे थे। मेरे पिता ने यह अपार्टमेंट मॉम और हमारे लिए खरीदा था। मां को वापस लाने के लिए वह जो कर सकते थे, उन्होंने किया, लेकिन मां तब तक नहीं मानी, जब तक उन्होंने अपनी लाइफ के इस चैप्टर को खत्म नहीं कर दिया।'
कुल मिला कृष्णा राज कपूर ने अपनी जिंदगी के उतार-चढ़ावों का पूरी दृढ़ता से सामना किया। उन्होंने अपनी लाइफ की बेहद मुश्किल स्थितियों का सामना जिस मजबूती के साथ किया, उससे हर महिला प्रेरणा ले सकती है। आज कृष्णा राज कपूर हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनका प्यार और आत्मीयता हमेशा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
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