देश भर में इस समय नवरात्री की धूम है। इस बार कोरोना महामारी के चलते लगभग हर जगह पहले के मुकाबले पूजा भव्य तो नहीं हो रही, लेकिन इन सब के बीच कोलकाता में मां दुर्गा का एक पंडाल काफी चर्चा में है। इस पंडाल में मां दुर्गा की जगह प्रवासी मजदूरों की मूर्ति लगाई गई हैं, जो कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के संघर्ष की कहानी बयां कर रहा है। कोलकाता हमेशा से दुर्गा पूजा के मामले से समूचे देश में प्रमुख शहर माना जाता है। कोलकाता में हर साल कुछ ऐसे पंडाल या मूर्तियां बनती हैं जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ चर्चा का भी विषय रहते हैं। इस बार भी दक्षिण कोलकाता के बेहाला में एक दुर्गा पंडाल की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब देखी जा रही है। चलिए जानते हैं क्या है इस पंडाल में खास-
पंडाल में प्रवासी महिला मजदूरों की प्रतिमा के जरिए उन संघर्षों की यात्रा को दर्शाया गया है, जब कोरोना महामारी और बाद में लॉकडाउन के बाद हजारों किलोमीटर पैदल चलकर महिलाएं अपने घर वापिस लौट रही थी। ये हम सभी जानते हैं कि देश में लॉकडाउन के बाद किस तरह हज़ारों माताओं ने भूखे-प्यासे ही सिर पर समान रख शहरों से अपने-अपने गांव की ओर सफर शुरू कर दिया।
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West Bengal: Kolkata Puja pandal replaces traditional Durga idol with woman carrying a child
— ANI (@ANI) October 16, 2020
"The idea came during lock-down when I saw the plight of migrant workers. A woman walking from such afar sans aid with 4 children is something I consider worth deifying," says the artist pic.twitter.com/UVrve59UQ4
इस पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा की जगह प्रवासी महिला मजदूर की मूर्तियां लगी हैं। इस मूर्ति में साड़ी पहनी एक महिला बिना कपड़े पहने बच्चे को गोद में लिए हुए सड़क पर चलती हुए नज़र आ रही है। साथ में एक-दो और बच्चे हैं जो अपनी मां के साथ पैदल चल रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस पंडाल में सिर्फ मां दुर्गा की मूर्ति ही नहीं बल्कि, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की मूर्ति की जगह प्रवासी महिला मजदूरों की मूर्तियां हैं। (दीपक जलाते वक्त रखें इन वास्तु टिप्स का ध्यान)
कहा जा रहा है इस पंडाल में चार मूर्तियां हैं जो सभी प्रवासी मजदूरों को समर्पित हैं। ये भी कहा जा रहा है कि पंडाल में प्रवासी महिला मजदूरों को देवी की बेटियों के रूप में मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मां दुर्गा, मां सरस्वती के साथ लक्ष्मी जी का वाहन 'उल्लू' और मां सरस्वती जी का वाहन हंस को भी पंडाल में स्थापित किया गया है। (इस तरह करें देवी शैलपुत्री की पूजा)
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सोशल मीडिया पर इस पंडाल को लेकर काफी चर्चा है। कहा जा रहा है कि इस कलाकारी के पीछे रिंटू दास है। जैसे ही सोशल मीडिया पर इस पंडाल की मूर्तियां वायरल होने लगी, लागों ने सोशल मीडिया पर जम के तारीफ की। किसी ने कमेंट्स में 'जय माता दी' तो किसी ने 'ग्रेट आर्ट एंड वर्क' कोम्मेट्स किए। (गणपति बप्पा की पूजा करने से मिलते हैं ये 8 लाभ)
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Image Credit:(@twitter,ani)
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