कोलकाता में हुए रेप-मर्डर केस ने देश को फिर से हिलाकर रख दिया है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए अपराध के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम संजय रॉय है और वह सिविक वालंटियर रह चुका है। डॉक्टर की जांच पड़ताल में पता चला है कि वह एक आदतन अपराधी है, जिसके खिलाफ इससे पहले भी कई बार शिकायत की जा चुकी है। आरोपी कैसे पकड़ा गया और उसे लेकर अब तक क्या-क्या खुलासे हुए हैं, आइए आपको विस्तार से बताएं-
कैसे पकड़ा गया था आरोपी?
संजय रॉय जो इस मामले का मुख्य सस्पेक्ट है ब्लूटुथ इयरफोन की वजह से पकड़ा गया था। संजय ने 2019 में पुलिस फोर्स जॉइन की थी और वह अक्सर आरजी कर हॉस्पिटल में काम के सिलसिले में जाता रहता था। जिस सेमिनार रूम से डॉक्टर की बॉडी मिली वहां पुलिस को एक टूटा-फूटा-सा ब्लूटुथ इयरफोन भी मिला था। जब पुलिस ने सीसीटीव फुटेज देखी तो पता चला कि वह इयरफोन संजय के गले में थे, जब वह 4 बजे के आसपास इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसा था। हालांकि, 40 मिनट बाद जब वह वहां से निकला, तो उसकी गर्दन पर इयरफोन नहीं था।
31 वर्षीया डॉक्टर की पोस्टपार्टम रिपोर्ट में यह कंफर्म किया गया था कि डॉक्टर को सेक्शुअली असॉल्ट किया गया था। इसी आधार पर डॉक्टर पर शक हुआ और पुलिस ने आरोपी को धर लिया।
आदतन अपराधी है आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ कई शिकयतें दर्ज हो चुकी हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि कोलकाता पुलिस को आरोपी के मोबाइल फोन पर पोर्न क्लिप्स मिली हैं। इतना ही नहीं, उसके पड़ोसियों ने बताया है कि वह 4 बार शादी कर चुका है। उसका कोई भी रिश्ता लंबा नहीं चला, क्योंकि वह अपनी पत्नियों के साथ हिंसा करता था।
चौथी पत्नी घरेलू हिंसा की शिकायत कर चुकी थी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉय की पहली पत्नी बेहाला से थी और दूसरी पत्नी और तीसरी पत्नी पार्क सर्कस और बैरकपुर से थीं। ये तीनों ही शादियां इसलिए नहीं चलीं, क्योंकि अपनी पत्नियों के साथ घरेलू हिंसा करते थे। चौथी पत्नी ने तो पुलिस में रॉय के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत तक की थी। रॉय की चौथी पत्नी की पिछले वर्ष कैंसर से मृत्यु हो गई थी।
उनकी एक पत्नी की मां ने कथित तौर पर रॉय के महिलाओं के प्रति हिंसक स्वभाव की पुष्टि की है। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी सास ने बताया कि आरोपी ने उनकी बेटी से शादी करने के लिए अपनी पिछली शादियों को छुपाया था। वह अक्सर उसे प्रताड़ित करता था और जब यह बात उन्हें पता चली थी, तो उन्होंने अपनी बेटी को प्रताड़ित करने के लिए उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
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जॉब रैकेट का हिस्सा था आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉय जॉब रैकेट का हिस्सा था। वह लोगों को पुलिस में भर्ती करना के वादे से पैसे ऐंठता था। दरअसल, रॉय 2019 में स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस के आपदा प्रबंधन समूह में शामिल हुआ था, लेकिन बाद में उसे पुलिस कल्याण प्रकोष्ठ में स्थानांतरित कर दिया गया।
इसके बाद वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पुलिस चौकी में चला गया और सभी विभागों तक उनकी पहुंच थी। रॉय कथित तौर पर अस्पताल में एक रैकेट का हिस्सा था, जो मरीजों के रिश्तेदारों से भर्ती और बिस्तर के लिए पैसे लेता था। रॉय अक्सर पुलिस अधिकारी की तरह कपड़े पहनता था और पुलिस बैरक में रहने के लिए अपने कनेक्शन का इस्तेमाल करता था। अगर मरीजों को सरकारी अस्पताल में बिस्तर नहीं मिलता था, तो वह पास के नर्सिंग होम में बिस्तर खोजने के लिए उनके रिश्तेदारों से पैसे भी लेता था।
कोलकाता पुलिस ने पीड़ित और आरोपी दोनों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए थे और उनसे डेटा निकालने की प्रक्रिया भी चल रही है। पुलिस ने रॉय पर बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है।
कोई सेक्यूरिटी नहीं है हॉस्पिटल की बिल्डिंग के पास
कोलकाता केस में डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद से प्रदर्शन जारी हैं। हॉस्पिटल में काम कर रहे रेजिडेंट्स का आरोप है कि आपातकालीन इमारत के सेमिनार कक्ष में जहां डॉक्टर का शव मिला था, वहां कोई सीसीटीवी कवरेज नहीं है। उनके मुताबिक, मंजिलों पर स्थित वार्ड्स में भी कोई सीसीटीवी नहीं है। सिक्यूरिटी कैमरा सिर्फ इमारत के मुख्य द्वार पर ही है। वहीं, अधिकांश सीसीटीवी काम नहीं करते। फ्लोर पर कोई भी लाइट नहीं है।
संस्थागत व्यवस्थाओं से जुड़े मामलों में डीन या अन्य अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। हालांकि, कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर मामले में इंस्टीट्यूट फेलियर्स के बजाय सिर्फ आपराधिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इतना ही नहीं, अस्पताल अधिकारियों ने परिवार को गुमराह करते हुए बताया कि उनकी बेटी की मौत 'आत्महत्या' से हुई।
देवी की पूजा करने वाले इस देश में महिलाओं के खिलाफ होते अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे न जाने कितने अपराधी हैं, जो हमारे आसपास आजाद घूम रहे हैं और हमें उनकी भनक तक नहीं होगी। कब आएगा वो दिन जब देश में कोई और निर्भया नहीं बनेगी?
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Image Credit: Freepik
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