जानें New Criminal Law में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कितनी सजा का प्रावधान है?

नए भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं से संबंधित अपराधों के खिलाफ न्यू क्रिमिनल लॉ में 16 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने पर कठोर कारावास की सजा निश्चित की गई है।

 
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भारतीय न्याय व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए 1 जुलाई, 2024 को पूरे देश में 3 नए कानून लागू किए गए हैं। अब किसी भी केस की सुनवाई भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के अंतर्गत की जाएगी। अपराधों का वर्णन और सजा की जानकारी भारतीय न्याय संहिता में दी गई है। बता दें कि नई कानून प्रणाली में महिलाओं से संबंधित अपराधों के लिए पूरा एक अलग से टॉपिक है।

भद्दी टिप्पणी करने पर इस सजा का प्रावधान

धारा 79 में लड़कियों की लज्जा भंग करने के उद्देश्य से बोले गए शब्द, इशारा करना या गलत हरकत करने पर सजा का प्रावधान है। ऐसे मामले में पकड़े गए दोषी को 3 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है।

नए कानून में इस रेप का जिक्र नहीं, जाने क्या कहता है नियम

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आईपीसी में 511 धाराएं थी। जबकि भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं। बता दें कि BNS में टोटल 19 चैप्टर हैं। इसमें मौजूद 5वें चैप्टर में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध पर बनाए गए नियम के बारे में बताया गया है। बता दें कि इस संहिता में मैरिल रेप का जिक्र नहीं किया गया है। धारा 63 के अपवाद (2) में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ जबरदस्ती संबंध बनाता है तो इसे रेप नहीं माना जाएगा। अगर उसकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा हुई थी। वहीं तलाक के बाद अगर वह व्यक्ति महिला के साथ रेप जैसा अपराध करता है। धारा 67 के अनुसार उस व्यक्ति को 2 से 7 साल की जेल और जुर्माना भी देना होगा।

रिश्ते में धोखे से संबंध बनाने पर होगी यह सजा

BNS की धारा 69 के अनुसार धोखा देकर किसी महिला के साथ संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। किसी महिला से शादी करने का वादा करके शारीरिक संबंध बनाता है, तो वह सजा का हकदार माना जाएगा। इसके अलावा इसमें रोजगार या प्रमोशन का झूठा वादा, लालच और पहचान छिपाकर शादी करना शामिल है। दोषी पाने पर 10 साल की सजा के साथ जुर्माना भरना होगा। (दफ्तर से जुड़े ये नियम जरूर होने चाहिए पता)

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Image Credit-Freepik

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