herzindagi
Temple yatra puri

जगन्नाथ यात्रा के पीछे की जानें कहानी

उड़ीसा में स्थित जगन्नाथ मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस यात्रा के पीछे की क्या है कहानी इसे आप यहां पर जान सकती हैं।
Editorial
Updated:- 2023-07-11, 13:18 IST

उड़ीसा के पूरी में स्थित जगन्नाथ जी का मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म में कहा जाता है कि, चार धाम में से एक पूरी भी है। इसको करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जगन्नाथ पुरी में भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण का मंदिर है। इस मंदिर में लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। इसका मुख्य आकर्षण का केंद्र है जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा। ये रथ यात्रा किसी त्योहारों से कम नहीं होती है। देश-विदेश से लोग इसमें हिस्सा लेने आते हैं।

क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ यात्रा

jaganath yatra

  • पुराणों के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की। जिसके बाद जगन्नाथ जी और बलभद्र अपनी बहन सुभद्रा के रथ पर बैठकर नगर घूमने गए। जिसके बाद वो मौसी के घर गुंडिचा भी गए और सात दिन तक यहां रूके। तभी से ये रथ यात्रा निकालने की परंपरा चली आ रही है। 
  • ऐसा भी कहा जाता है कि, भगवान कृष्ण के मामा कंस उन्हें रथ पर मथुरा बुलाते हैं। जिस पर सवार होकर वो अपने भाई के साथ मथुरा जाते हैं तभी से ये रथ यात्रा शुरू हुई।
  • कृष्ण की रानियां माता रोहिणी से कहती हैं कि वो उनकी रासलीला की कहानियां सुनाएं। माता रोहिणी को ऐसा लगता है कि कृष्ण की गोपियों के सामने सुभद्रा को ये कहानी नहीं सुननी चाहिए, इसलिए वो उसे कृष्ण, बलराम को रथ यात्रा के लिए भेज देती है। तभी वहां नारद जी प्रकट होते हैं और तीनों को एकसाथ देखकर प्रसन्न हो जाते हैं, और प्रार्थना करते हैं कि हर साल इनके दर्शन साथ में होते रहें। उनकी ये प्रार्थना स्वीकार हो जाती है तभी से इस रथ यात्रा को निकाला जाता है।

इसे भी पढ़ें:Jagannath Rath Yatra 2023: कब शुरू होगी जगन्नाथ रथ यात्रा? जानें ज्योतिष एवं धार्मिक महत्व

भगवान जगन्नाथ जी के रथ का निर्माण कैसे किया जाता है

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से पहले पवित्र वृक्षों की लड़कियां इकट्ठी की जाती है। इसके बाद इनसे रथ का निर्माण किया जाता है। इस रथ में नीम की लकड़ियों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। इसे 3 रथों का निर्माण किया जाता है। एक रथ में 14 पहिए दूसरे में 16 और तीसरे में 12 पहिए होते हैं। 

रथ यात्रा महोत्सव

yatra mahotsa

साल में पहली बार ऐसा होता है जब मंदिर के गर्भ से मूर्तियों को बाहर निकाला जाता है, और इनकी रथ यात्रा कराई जाती है। इसके बाद इन्हें वापस स्थान पर स्थापित कर दिया जाता है। ये महोत्सव सिर्फ जगन्नाथ में ही नहीं होता। बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद इस्कॉन मंदिर में भी रथयात्रा निकाली जाती है। इस दिन को त्योहार की तरह से मनाया जाता है।

इसे भी पढ़ें: Jagannath Rath Yatra 2023: क्या आप जानती हैं जगन्नाथ जी के महाप्रसाद से जुड़े रोचक तथ्य

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

 

उम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए नीचे आ रहे कमेंट सेक्शन में हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ। 

Credit- Herzindagi

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।