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भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी मौजूद है एक लाल किला, जानें कुछ रोचक तथ्य

दिल्ली ही नहीं पाकिस्तान में भी है लाल किला। आज के इस आर्टिकल में हम आपको पाकिस्तान के लाल किला के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताने वाले हैं।
Editorial
Updated:- 2023-02-20, 12:01 IST

भारत में कई ऐसी इमारतें हैं जो काफी मशहूर है। वही दिल्ली में स्थित लाल किला भी है जो भी लोग दिल्ली आते है वह लाल किला घूमने जाते ही हैं। ऐसे में आज हम आपको पाकिस्तान में स्थित लाल किला के बारें में विस्तार से बताने वाले है। यह किला तीन तरफ से नीलम नदी से घिरा हुआ है।

मुजफ्फराबाद फोर्ट है किला का नाम

पड़ोसी देश पाकिस्तान में मौजूद लाल किला को बनाने में करीब 87 साल का लंबा समय लगा था। इस्लामाबाद से तीन घंटे की दूरी पर स्थित मुजफ्फराबाद में यह लाल किला है। इसे मुजफ्फराबाद फोर्ट और रुट्टा किला के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चक शासकों ने मुगलों से बचने के लिए इस किले का निर्माण शुरू कराया था। इस किले को बनाने का कार्य 1559 में शुरू हुआ था लेकिन 1587 में मुगलों ने यहां कब्जा कर लिया था।

87 साल लगे किले बनने में

What is Muzaffarabad known for

इसके बाद से ही इस किले को बनाने का काम काफी धीरे हो गया। यही कारण है कि इसे बनने में करीब 87 साल लग गए। साल 1646 में यह किला बनकर तैयार हुआ था। उस समय यहां बोम्बा रियासत के सुल्तान मजफ्फर खान का शासन था, जिन्होंने मुजफ्फराबाद को बसाया था। इस किले को पूरे तरीके से साल 1846 में कंप्लीट किया गया था। (पाकिस्तान की ये फेमस रोटियां हैं बेहद जायकेदार)

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डोगरा वंश के महाराजा ने 1926 में किले को खाली कर दिया

उस दौरान यहां डोगरा वंश के महाराजा गुलाब सिंह राज किया करते थे। 1926 तक डोगरा वंश की सेना ने इस किले का इस्तेमाल किया था। इसके बाद इस किला को वह छोड़कर चले गए फिर से यह किला वीरान हो गया। यह किला तीन तरफ से नीलम नदी से घिरा हुआ है।

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1926 के बाद हुआ खंडहर

हैरान करने वाली बात यह है कि 1926 के बाद से पाकिस्तान की सरकार ने इस किले का सही तरीके से देखभाल नही किया। यही कारण है कि यह किला खंडहर में तब्दील हो गया। इतना बड़ा किला होने के बावजूद भी ना तो कोई यहां रहता है ना ही इसकी देखभाल की जाती हैं। यह पूरे तरीके से खंडहर बन गया है।

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Image Credit- Freepik

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