भारतीय का इतिहास हमेशा से रोचक रहा है क्योंकि इसमें दर्ज हर किरदार अहम है। फिर चाहे वो महिला हो या फिर पुरूष। लेकिन वो कहते हैं कि कोई भी राष्ट्र तब तक विकसित नहीं हो सकता है, जब तक उस देश की महिलाएं देश के विकास में कंधे से कन्धा मिलाकर नहीं चलती हैं। हमें हर क्षेत्रों में अपना दर्ज करने वाली कई ऐसी महिलाओं की कई साहसी कहानी मौजूद हैं, जिसमें ओमाना कुंजम्मा की कहानी एक है।
बता दें कि ओमाना कुंजम्मा भारत की पहली महिला मजिस्ट्रेट बनीं और अपनी सेवाएं लोगों के प्रदान की। मजिस्ट्रेट के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई सुधार करने के प्रयास किए, जिसके लिए सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में उनकी प्रशंसा हुई और कई तरह के सम्मान भी मिले। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको भारत की पहली महिला मजिस्ट्रेट ओमाना कुंजम्मा के जीवन के बारे में विस्तारपूर्वक बता रही हैं।
कौन थीं ओमाना कुंजम्मा?
Omana Kunjamma was India's first woman Magistrate. She was born in the Kanyakumari district, Tamil Nadu.#omanakunjamma#firstfemale#elected#magistrate#india#tamilnadu#didyouknow#interestingfacts#generalknowledgequestions#legalbots#legalbotsindiapic.twitter.com/RAw1vfe7HL
— LegalBots.in (@legalbots) September 30, 2021
ओमाना कुंजम्मा थिक्कुरिस्सी, नागरकोइल यानि तमिलनाडु की रहने वाली है। कहा जाता है कि इनका जन्म एक कुलीन मलयाली नायर परिवार में हुआ था। इतिहास के अनुसार इसके माता-पिता का नाम गोविंद पिल्लई और लक्ष्मी था। इसकी एक बड़ी बहन भी थीं, जिनका नाम थिक्कुरिसी सुकुमारन नायर था। (हिंदुस्तान की पहली महिला पायलट के बारे में जानें)
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मजिस्ट्रेट में बनाया अपना करियर
ओमाना कुंजम्मा को पढ़ने-लिखने का काफी शौक था। कहा जाता है कि 12 के बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई लॉ में की थी। हालांकि, इस दौरान इन्होंने काफी समस्याओं का सामना किया है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मजिस्ट्रेट में अपना करियर बनाया और तमिलनाडु के जिला कोर्ट में नौकरी की। (भारतीय सिनेमा की पहली एक्ट्रेस दुर्गाबाई कामत के बारे में जानें)
ओमाना कुंजम्मा की कहानी
कहा जाता है कि ओमना कुंजम्मा जब मजिस्ट्रेट बनीं तो इससे पहले कोई महिला मजिस्ट्रेट थीं। बता दें कि ओमना कुंजम्मा अपने काम को लेकर काफी ईमानदार थीं और किसी भी फैसले को बहुत ही जिम्मेदारी से सुनाती थीं। इनका काम न सिर्फ अपने जिला में कानून और व्यवस्था के रखरखाव करना था बल्कि पुलिस के कार्यों को नियंत्रित करना भी था।
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अचीवमेंट
ओमाना कुंजम्मा भारत की पहली ऐसी महिला हैं, उन्हें पहली बार मजिस्ट्रेट का पद हासिल किया। इस दौरान न सिर्फ उनके काम को सहारा गया बल्कि कई सर्टिफिकेट भी अपने नाम किए। बता दें कि भारत की पहली महिला मजिस्ट्रेट बनने के अलावा उन्होंने केरल की पहली महिला आईएएस अधिकारीबनने का खिताब भी अपने नाम किया।
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Image Credit- (@Wikipedia)
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