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about sacred leaves which are related to hindu god

आखिर क्या है देवी-देवताओं का इन पवित्र पत्तों से संबंध

हिंदू धर्म में कई पेड़-पौधों का महत्व होता है। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों की पूजा-अर्चना भी होती है। चलिए आपको बताते हैं कि देवी-देवताओं का संबंध किन पवित्र पत्तों से होता है। 
Editorial
Updated:- 2023-06-20, 23:36 IST

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है। इस कारण से कई पेड़-पौधों की पूजा-अर्चना भी की जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति पीपल, नीम, इमली, तुलसी या फिर आम आदि के वृक्ष लगाता है, वह पुण्यात्मा होता है। हिंदू धर्म के पुराणों में भी पेड़-पौधों के महत्व को बताया गया है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि देवी-देवताओं का किन पवित्र पत्तों से संबंध माना जाता है। 

1)नीम की पत्तियां 

नीम में चमत्कारी औषधीय गुण होते हैं और इसे मां दुर्गा का रूप माना जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में इस पेड़ को नीमारी देवी भी कहते हैं। नीम के पेड़ को मंगलदेव भी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसकी पूजा करने से मंगल दोष दूर होते हैं। आपको बता दें कि ऊर्जांचल की प्रमुख शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर प्रांगण में स्थित विशालकाय नीम के वृक्ष की भी पूजा की जाती है। नीम के पेड़ में वर्षपर्यत फूल लगे रहते है जिसके कारण श्रद्धालु इसे भी मां का स्वरूप मानते है।

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2)केले के पत्ते 

कई धार्मिक कार्यों में केले के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। मान्यता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी वास करती हैं। सिर्फ यही नहीं, केले के पेड़ का संबंध बृहस्पति देव से भी माना गया है। मान्यता है कि केला वृक्ष के जड़ की गुरुवार को पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। केले का पेड़ ने केवल आपके घर में शुभता लाता है, बल्कि -संपत्ति भी प्रदान करता है। 

3) खेजड़ी वृक्ष की पत्तियां 

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हिंदू धर्म में शमी यानी खेजड़ी के वृक्ष की भी पूजा की जाती है। कई लोग दशहरे पर शमी के वृक्ष की पूजा करते हैं। माना जाता है कि भगवान राम द्वारा शमी के वृक्ष की पूजा की जाती थी। पांडवों द्वारा अज्ञातवास के आखिरी वर्ष में गांडीव धनुष इसी पेड़ में छुपाए जाने के उल्लेख मिलते हैं। खेजड़ी के वृक्ष की लकड़ी यज्ञ की समिधा के लिए पवित्र मानी जाती है और वसंत ऋतु में समिधा के लिए शमी की लकड़ी का प्रावधान किया गया है। 

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Image Credit: freepik

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