कुछ लोगों की जिंदगी इतनी दिलचस्प होती है कि उन्हें देखकर अपने आप ही प्रेरणा मिलती है। ऐसे ही लोगों में शुमार हैं रानी रामपाल। हरियाणा की रानी भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं और भारत के टोक्यो ओलंपिक 2021 के दस्ते को लीड कर रही हैं। महज 26 साल की उम्र में ये उपलब्धि काफी बड़ी है पर रानी इससे भी कम उम्र से भारत के नाम को रौशन कर रही हैं।
अपनी काबिलियत के दम पर रानी ने विदेशों में भारत को जीत दिलाई है और 15 साल की उम्र में ही रानी ने अपनी जगह नेशनल टीम में बना ली थी। टोक्यो ओलंपिक में पहली बार भारतीय महिला हॉकी टीम सेमी फाइनल्स में पहुंची है और ये अपने आप में किसी उपलब्धि से कम नहीं है। रानी रामपाल भी अपनी टीम के साथ कड़ी मेहनत कर रही हैं और अब जब टीम इंडिया के पास गोल्ड जीतने का सपना है तो चलिए हम महिला हॉकी टीम की कप्तान के बारे में कुछ बातें जान लेते हैं।
रानी रामपाल बहुत ही गरीब घर से आती हैं। उनके पिता रिक्शा चलाते थे और दो वक्त का खाना भी उनके परिवार के लिए मुश्किल हो जाता था। 4 दिसंबर 1994 को पैदा हुईं रानी ने शहर की हॉकी टीम के लिए 6 साल की उम्र में ही रजिस्टर कर लिया था। शुरुआत में उनके सामने कई कठिनाइयां आईं, लेकिन रानी ने हमेशा उनका सामना पूरे जोश से किया। कड़ी मेहनत से उन्होंने भारतीय महिला हॉकी टीम में अपनी जगह बनाई।
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शाहाबाद हॉकी एकेडमी में कोच बलदेव सिंह की ट्रेनिंग में रानी आगे बढ़ीं और जूनियर नेशनल्स का हिस्सा बनने के बाद वो नेशनल टीम में चुन ली गई। उन्होंने अपना सीनियर इयर डेब्यू तब किया जब वो सिर्फ 15 साल की थीं। यही कारण है कि वो देश में महिला हॉकी टीम की अब तक की सबसे युवा खिलाड़ी बन गई थीं। रानी के लिए एकेडमी का नियम भी बदला गया था। कोच बलदेव सिंह का कहना था कि एकेडमी में कम उम्र वाली लड़कियों को एंट्री नहीं थी, लेकिन रानी में इतना टैलेंट था कि उनके लिए नियम को रिलैक्स किया गया था।
जैसे ही रानी एक प्रोफेशनल खिलाड़ी बन गईं GoSports Foundation ने उन्हें आर्थिक मदद देनी शुरू कर दी और धीरे-धीरे रानी के सपने साकार होने लगे। 2016 में रियो ओलंपिक्स के दौरान रानी भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रही थीं। आपको बता दें कि भारतीय हॉकी टीम ने 36 साल बाद ओलंपिक्स में क्वालीफाई किया था।
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भारतीय महिला हॉकी टीम को कुल 5 मैच खेलने होंगे जिसमें -
ये महिला पूल A के मैच हैं और हर मैच के बाद प्वाइंट्स मिलेंगे। ऐसे ही पूल B की टीम्स अलग हैं और अंत में जिन 8 टीमों के प्वाइंट्स सबसे ज्यादा होंगे वो ही 2 अगस्त को होने वाले क्वार्टर फाइनल्स में जाएंगी।
इन गेम्स में गोल का अंतर, कितने मैच जीते हैं, कितने गोल किए हैं, कितने समय में गोल किए हैं, कितने फाउल दिए हैं सभी का लेखा-जोखा रखकर प्वाइंट्स निर्धारित किए जाते हैं।
रानी का खेल समय के साथ निखरा है और उसमें परिपक्वता आई है। रानी और उनकी को हमारी तरफ से आने वाले मैच के लिए ऑल द बेस्ट। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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