बचपन का एक सपना हमेशा इतना काबिल होता है कि वो जवानी का जोश बने और इंसान को आगे बढ़ने में मदद करे। हममे से कई लोग ऐसे होते हैं जिनके पास हुनर भी होता है और अपने सपने को साकार करने का जिद भी और यही जिद आगे चलकर उन्हें इतिहास रचने में मदद करती है। इन दिनों ओलंपिक्स को लेकर चर्चा तो आपने भी सुनी ही होगी।
इतना ही नहीं, खिलाड़ियों के साथ कोच और रिजर्व प्लेयर्स भी गए हैं जिनका बस एक ही लक्ष्य है कि वो देश के लिए मेडल लाकर हमारा नाम रौशन करें। भारत जो पहले से ही खेल को बहुत अहम रखता है और जहां एक क्रिकेट मैच जीतने पर पूरे देश में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं एक ओलंपिक मेडल की कीमत कितनी है वो शब्दों में बयान नहीं की जा सकती है।
भारतीय हॉकी टीम अभी भी ओलंपिक्स की रेस में है शामिल-
भारतीय हॉकी टीम शुरुआती दौर में हारी थी और अब दक्षिण अफ्रीका से 4-3 से जीतकर अभी भी मुकाबले में बनी हुई है। इस बार हॉकी टीम को अब लगातार मैच जीतने होंगे तभी वो क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाए रखेगी। क्वालिफिकेशन राउंड में अभी भी एक पेंच बाकी है। जो लोग ये सोच रहे हैं कि भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक्स में आगे जाएगी या नहीं तो उन्हें ये समझनी होगी कि अगर आयरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन के गेम में आयरलैंड जीत जाती है तो प्वाइंट्स के हिसाब से वो भारत से आगे हो जाएगी और एक मैच जीतने के बाद भी भारतीय हॉकी टीम क्वालिफिकेशन राउंड से बाहर हो जाएगी।
भारतीय हॉकी टीम की एक खिलाड़ी नवनीत कौर भी अपने खेल के जरिए अपनी पहचान बना रही हैं। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में कुछ बातें।
26 जनवरी 1966 में जन्मी नवनीत अपने खेल के जरिए अपनी पहचान बना रही हैं। नवनीत को प्यार से उनके जानने वाले नवु कहकर पुकारते हैं। खेलने के अलावा म्यूजिक सुनने का शौक रखने वाली नवनीत कहती हैं कि उनकी टीम ने इतने सालों में बहुत मेहनत की है और वो 2005 से ही हॉकी खेल रही हैं।
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कैसे मिली हॉकी खेलने की प्रेरणा?
नवनीत को इसलिए हॉकी खेलने का मन किया क्योंकि उनका स्कूल शाहाबाद हॉकी अकादमी के बगल में था। बचपन से हॉकी देखकर ही वो इंस्पायर होती थीं और फिर 2005 में उन्होंने हॉकी अकादमी ज्वाइन कर ली। नवनीत 2017 में एशिया कप जीतने की खुशी को बयान करती हैं और याद करती हैं कि उन्हें किस तरह से सिर आंखों पर उठा लिया गया था। उनके पिता खुद एक एथलीट हैं और इसलिए उन्हें घर से ही खेलने की ट्रेनिंग मिली है।
जब तक खेल खत्म नहीं होता, कुछ भी खत्म नहीं होता-
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में नवनीत कौर ने खुलकर अपने उस सपने के बारे में बताया जो वो बचपन से देखती आ रही हैं। नवनीत का कहना है कि उन्होंने 79 गेम्स पहले ही खेल लिए हैं और अब वो ओलंपिक के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। बचपन से नवनीत का सपना था ओलंपिक में खेलने का और वो इस सपने को साकार करने जा रही हैं। नवजोत का कहना है कि 'जब तक खेल खत्म नहीं होता है, कुछ भी खत्म नहीं होता।'
नवनीत का कहना है कि, "मैं शाहाबाद मारकंडा नाम के एक छोटे से शहर से हूं जो हरियाणा से है। ये भले ही छोटा है, लेकिन यहां खेल को बहुत अहमियत दी जाती है। मेरी टीममेट्स रानी और नवजोत कौर भी यहीं शाहाबाद हॉकी अकादमी में ट्रेनिंग लेती थीं।'
जूनियर वुमन हॉकी वर्ल्ड कप में भारत को ब्रॉन्ज मेडल जिताने वाली टीम में नवजोत भी थीं और 2013 में जर्मनी से जीतकर जब वो लौटी थीं तब लोगों ने उन्हें सिर आंखों पर बैठा लिया था। नवनीत याद करके बताती हैं कि शाहाबाद के लोग नाचने लगे थे और जश्न का माहौल था। अब टोक्यो ओलंपिक्स जीतने की तैयारी पूरी है।
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2014 में सीनियर टीम का हिस्सा बनीं नवनीत-
नवनीत शुरुआत से ही जानती थीं कि उन्हें हॉकी खेलना है। 2014 में वो सीनियर टीम का हिस्सा बनीं और अपने खेल को और निखारने लगीं। 2018 तक आते-आते भारतीय टीम की प्रतिभा निखरती गई और इस टीम ने महिला वर्ल्ड कप, एशिया कप, एशियन गेम्स, एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी आदि में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर मेडल भी जीते।
नवनीत का कहना है कि ये टीम उनके परिवार की तरह है और ये उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा है।
कब होने वाले हैं भारतीय हॉकी टीम के क्वालीफाइंग मैच?
भारतीय महिला हॉकी टीम को कुल 5 मैच खेलने होंगे जिसमें से पहला 24 जुलाई को नीदरलैंड के साथ होगा। दूसरा 26 जुलाई को जर्मनी के साथ होगा, तीसरा 28 जुलाई को ग्रेट ब्रिटेन के साथ होगा, चौथा 30 जुलाई को आयरलैंड के साथ और पांचवा 31 जुलाई को साउथ अफ्रीका के साथ।
ये महिला पूल A के मैच हैं और हर मैच के बाद प्वाइंट्स मिलेंगे। ऐसे ही पूल B की टीम्स अलग हैं और अंत में जिन 8 टीमों के प्वाइंट्स सबसे ज्यादा होंगे वो ही 2 अगस्त को होने वाले क्वार्टर फाइनल्स में जाएंगी।
इन गेम्स में गोल का अंतर, कितने मैच जीते हैं, कितने गोल किए हैं, कितने समय में गोल किए हैं, कितने फाउल दिए हैं सभी का लेखा-जोखा रखकर प्वाइंट्स निर्धारित किए जाते हैं।
जिस तरह से नवनीत कौर अपने खेल को लेकर आश्वस्त हैं उसी तरह से हम भी उन्हें खेलता देखने के लिए आश्वस्त हैं। हम भारतीय हॉकी टीम और नवनीत कौर को आने वाले मैच के लिए शुभकामनाएं देते हैं। उम्मीद है भारतीय टीम इस बार जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।
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