मुगल साम्राज्य का दौर लगभग सन 1526 से 1707 तक रहा, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी। इसके बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां आदि के बाद अंतिम मुगल शासक औरंगजेब था। जिन्होंने अपने शासन के दौरान समाज का निर्माण किया। लेकिन मुगल वंश के कई ऐसे बादशाह रहे हैं, जिन्हें आजतक याद किया जाता है। इन्हीं बादशाहों में अकबर, जहांगीर, शाहजहां आदि का नाम सबसे ऊपर आता है।
हालांकि, जहांगीर एक ऐसा बादशाह रहा है, जिसने ना सिर्फ समाज के उत्थान के लिए कार्य किए बल्कि आनारकली से मोहब्बत की एक मिसाल कायम की है। हालांकि, जहांगीर ने अपने शासन के दौरान कई शादियां भी की थीं। लेकिन क्या आपको मुगल बादशाह जहांगीर यानि सलीम की पहली बेगम के बारे में पता है? अगर नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अकबर की कुल कितनी बेगमें थीं, इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी तो नहीं है। लेकिन आज हम इस लेख में जहांगीर की पहली बेगम के बारे कुछ रोचक तथ्य बता रहे हैं।
जहांगीर, अकबर के बाद मुगल साम्राज्य का सबसे महान बादशाह था। अकबर का जन्म 31 अगस्त 1569 को सिंध फ़तेहपुर सीकरी में शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में हुआ था, उनको सलीम और नूरुद्दीन मुहम्मद जहांगीर के नाम से भी जाना जाता था। जहांगीर, अकबर मुगल बादशाह का बेटा था, जिसने अपने शासनकाल में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्य करवाए। हिन्दुस्तान पर जहांगीर ने 3 नवंबर 1605 से लेकर 28 अक्टूबर 1627 शासन किया था। इस दौरान जहांगीर ने कई शादियां भी की थीं।
कई लोगों को ये नहीं मालूम कि जहांगीर की पहली पत्नी कौन थी और उनका नाम क्या था? अगर आपको भी नहीं पता है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जहांगीर की पहली बेगम यानि पत्नी मान बाई उर्फ शाह बेगम थीं। आपको बता दें कि मानबाई पंजाब के गवर्नर व अंबर के राजा भगवंत दास की बेटी थीं।साथ ही, वह राजपूत मुखिया मान सिंह की बहन थीं। वह जहांगीर की पहली बेगम थीं, जिन्होंने 1584 में मुगल शासक सलीम उर्फ जहांगीर निकाह कर लिया था।
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जहांगीर की सबसे पहली बेगम मानबाई थीं, जिन्हें शाह बेगम उर्फ मनाबाई यानि ‘द रॉयल लेडी’ था। हालांकि, इनका यह नाम जहांगीर से शादी करने के बाद रखा गया था। आपको बता दें कि मानबाई आमेर के राजा भगवंत दास की पुत्री और राजा बिहारीमल की पुत्री थी, जिनका निकाह बेहद कम उम्र में जहांगीर से करवा दिया गया था। साथ ही, मानबाई को द रॉयल लेडी की उपाधि इसलिए मिली क्योंकि उन्होंने जहांगीर को कई संतानें दी थीं। (जहांगीर की इन बेगमों के बारे में कितना जानते हैं आप)
इसलिए मान बाई का मुगल वंश को आगे बढ़ाने में अपना एक अहम योगदान दिया था। सलीम और मानबाई की पहली संतान सन 1586 में हुई थी और वह एक राजकुमारी थी। सलीम और मानबाई ने राजकुमारी का नाम सुल्तान-उन-निस्सा बेगम’ रखा था। इसके बाद मान बाई ने एक राजकुमार को जन्म दिया, जिसका नाम ‘खुसरौ मिर्ज़ा’ रखा गया था।
शाह बेगम यानि मान बाई की मृत्यु 16 मई सन 1604 में हुई थी। कहा जाता है कि मान बाई ने आत्महत्या की थी। इतिहास के अनुसार मान बाई ने अफीम पी लिया था। साथ ही, यह भी कहा जहांगीर का भाई बादशाह से अच्छा बर्ताव नहीं करता था। इस बर्ताव से परेशान होकर मानबाई ने आत्महत्या कर ली थी।
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राजकुमारी की मृत्यु के बाद बादशाह ने उनकी कब्र इलाहाबाद में बनवाई थी। आज इस मकबरे को शाह बेगम का मकबरा और खुसरो बाग के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यह खूबसूरत मकबरा लगभग सन 1606-07 में बनकर तैयार हुआ। (जानिए इस मकबरे दफन हैं अनारकली के अवशेष) इस मकबरे का निर्माण ‘अका रेज़ा’ नामक कलाकर ने किया था। यह मकबरा बहुत ही खूबसूरत है और आप यहां कई सारी चीजों का लुत्फ उठा सकते हैं।
उम्मीद है कि आपको जहांगीर की पहली पत्नी के बारे में जानकारी हो गई होगी। आपको लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक ज़रूर करें, साथ ही, ऐसी अन्य जानकारी पाने के लिए जुड़े रहें हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- (@Wikipedia and Google)
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