वास्तुशास्त्र में रसोई के लिए बहुत सारी बातें बताई गई हैं , जिनका पालन किया जाए तो आपके घर में सुख- शांति के साथ धन की भी कभी कमी नहीं होगी। खासतौर पर रसोई के सामन का वास्तु के हिसाब से रखरखाव और खरीदारी आपको बहुत सारे शुभ फल देगी। रसोई में वैसे तो बहुत सारे सामान और बर्तन होते हैं। यह सभी अलग-अलग महत्व रखते हैं। मगर, आज हम चकला और बेलन से जुड़े वास्तुशास्त्र के बारे में बात करेंगें। इस बारे में हमें उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित कैलाश नारायण शर्मा खास वास्तु टिप्स देंगे। यह टिप्स भेद प्रभावशाली हैं ओर इनका अनुसरण करने से आपको कई तरह के लाभ प्राप्त होंगे।
वैसे तो रसोई में रखा हर बर्तन ही साफ-सथरा होना चाहिए। मगर, चकले-बेलन की सफाई पर आपको विशेष ध्यान देना है। चकला-बेलन जब भी प्रयोग करें, उसके बाद उसे जरूर साफ करें। बहुत सारी महिलाएं चकले और बेलन पर रोटियां बेल कर उन्हें ऐसे ही रख देती हैं मगर चकला-बेलन की सफाई में लापरवाही बरतने से रोग और धनहानि हो सकती है। इसलिए चकला-बेलन रोज धोकर उसे सुखा कर रखें। ऐसा करने से घर परिवार निरोग रहता है।
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आपने कहावत सुनी होगी 'जहां चार बर्तन होते हैं आवाज आती ही हैं।' मगर, रसोई में बर्तनों से जितनी कम आवाज आए वास्तु के हिसाब से उतना ज्यादा अच्छ होता है। खासतौर पर रसोई में आप जब भी चकला और बेलन का इस्तेमाल करें कोशिश यही करें कि उसमें से आवाज न आए। पंडित कैलाश नरायण शर्मा की मानें तो चकले से जो आवाज आती है वह धनहानि का कारण बनती हैं। इसलिए जब भी आप चकले का इस्तेमाल करें आपको पहले उसके नीचे एक कपड़ा रख लेना चाहिए। इससे आवाज नही होती है। गरम तवे पर क्यों नहीं डालना चाहिए पानी, जानें वजह
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अगर आप अपनी रसोई के लिए नया चकला और बेलन खरीदना चाहती हैं तो आपको तो वास्तु के हिसाब से आपको उचित दिन ही नया चकला-बेलन घर लाना चाहिए। यदि आप लोहे या स्टील का चकला-बेलन खरीद रही हैं तो भूल कर भी शनिवार को न खरीदें। यदि चकला-बेलन लकड़ी का है तो इसे पंचंक, मंगलवार और शनिवार के दिन न लें। चकला जब भी खरीदें, बुधवार के दिन ही खरीदें। क्या वास्तु दोष है रसोई में कॉकरोच पैदा होने का सबसे बड़ा कारण?
रसोई में हर सामान रखने का सही स्थान होता है। चकला-बेलन भी आप यूंही कहीं भी नहीं रख सकती हें। वास्तु के हिसाब से चकला और बेलन सुखा कर ही रखना चाहिए। इसे कभी भी उल्टा न रखें। चकले और बेलन के लिए बाजार में स्टैंड आता है आप उसे खरीद सकती हैं। आटे के ड्रम पर या बर्तनों के बीच में चकले-बेलन को न रखें। ऐसा करने आप घर में रोगों को न्यौता देती हैं और धनहानि भी होती है। किचन में रखें बर्तन भी बिगाड़ सकते हैं आपका भविष्य
वास्तु में यह भी बताया गया है कि चकला-बेलन की धातु क्या होनी चाहिए। वास्तु के हिसाब से चकला और बेलन दोनों ही स्टील के हो तो यह सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वहीं लकड़ी के चकला-बेलन का यदि आप इस्तेमाल करती हैं तो यह आपको और आपके परिवार वालों को रोगी बनाते हैं। क्योंकि इसमें फफूंद लगने, तेल ज्यादा सोखने आदि की कमियां मानी गई हैं। यह सभी आपको रोगी बनाती हैं।
अगर आप, अपने घर में खुशहाली चाहती हैं तो आपको चकला-बेलन से जुड़े यह वास्तु टिप्स जरूर फॉलो करें। यहां आप और भी रसोई से जुड़े वास्तु टिप्स पढ़ सकती हैं।
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