टीवी एक्ट्रेस कविता कौशिक ने कहा है कि उन्हें और उनके पति रॉनित बिस्वास ने मिलकर फैसला लिया है कि वे बच्चे नहीं करेंगे। जहां बॉलीवुड और छोटे पर्दे के ज्यादातर सेलेब्स 30 और 40 की उम्र में पेरेंट बन रहे हैं या सरोगेसी के जरिए फैमिली प्लानिंग की बात सोच रहे हैं, वहीं कविता कौशिक ने अपने पति के साथ मिलकर फैसला लिया है कि वे कभी बच्चा नहीं करेंगे। कविता कौशिक ने इसकी वजह बताई हैं, 'मैं बच्चे के साथ नाइंसाफी नहीं करना चाहती।'
कविता आगे बताती हैं,'अगर 40 की उम्र में मेरा बच्चा होगा तो उसके 20 साल के होने तक हम बुजुर्ग हो चुके होंगे। मैं नहीं चाहती कि मेरा बच्चा अपने बुढ़ापे में बूढ़े मां-बाप की सेवा करे। यही नहीं कविता ने बच्चे की चाह ना होने की और भी वजहें गिनाईं, 'शायद हम उतने मैटरनल और पैटरनल ( मां और पिता के गुणों से युक्त) नहीं हैं। हम दुनिया पर और बोझ नहीं बढ़ाना चाहते। हम मुंबई जैसे शहर में एक और बच्चा नहीं लाना चाहते, जो पहले से ही काफी भीड़भाड़ वाला है। हम उसे मुंबई की स्ट्रगल भरी जिंदगी में नहीं ढकेलना चाहते।'
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कविता कौशिक ने बताया,
'रॉनित और मैंने एक दूसरे में पेरेंट्स और बचपन को खोज लिया है। रॉनित जब छोटे थे, तभी उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। मैं भी अपने पेरेंट्स की सिंगल चाइल्ड थी, इसीलिए मुझे भी अपनी फैमिली को सपोर्ट करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसीलिए अब हम अपनी जिंदगी बच्चों की तरह एंजॉय कर रहे हैं। हम घूमने जाते हैं, एक-दूसरे के साथ अच्छा वक्त बिताते हैं। कभी मैं उनके लिए पापा बन जाती हूं, कभी वो मेरे लिए मां बन जाते हैं। जो चीजें हमारी जिंदगी में नहीं हैं, हम उन्हें एक-दूसरे के लिए पूरा करने की कोशिश करते हैं। इसीलिए हमें बच्चे की जरूरत महसूस नहीं होती।'
अपना बेबी प्लान करने के बजाय इस कपल ने एक फैमिली को अडॉप्ट किया है और उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। कविता बताती हैं, 'हमने पहले ही पापा की एक्सटेंडेड फैमिली को अडॉप्ट किया हुआ है। हम उनकी पूरी देखरेख करते हैं। हमें दूसरे के काम आना पसंद है।
लाइफ कोच पंकज दीक्षित बताते हैं,
'आज के समय में शादी को लेकर यंगस्टर्स की सोच में तेजी से बदलाव आता दिखाई दे रहा है। युवा महिलाओं में पढ़ाई और उसके बाद नौकरी करने या अपना बिजनेस सेटअप करके अपनी पहचान बनाने का रुझान बढ़ता जा रहा है। शादी करने के बाद महिलाएं वर्क लाइफ बैलेंस पर ध्यान देते हुए नौकरी जारी रखना चाहती हैं और ऐसे में परिवार बढ़ाने के बारे में वे नहीं सोच पातीं। पहले के समय में पियर प्रेशर को देखते हुए कपल्स फैमिली की प्लानिंग करते थे, लेकिन आज के समय में यंगस्टर्स अपनी तरह से जिंदगी जीना चाहते हैं। बच्चे के होने के साथ ना सिर्फ उसके तमाम छोटे बड़े खर्चों के लिए व्यवस्था करने की जरूरत होती है, बल्कि पेरेंट्स को बच्चे की हेल्थ से लेकर उनकी पढ़ाई-लिखाई और संपूर्ण विकास की तरफ ध्यान देने की जरूरत होती है, जो आज के दौर के कपल्स के लिए काफी मुश्किल काम है। पहले के लोग यह सोचकर फैमिली प्लानिंग करते थे कि जब वे बुजुर्ग होंगे तो बच्चे उनका सहारा बनेंगे, लेकिन आज के समय में स्थितियां काफी बदल गई हैं। बच्चे नौकरी और प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए उनसे दूर चले जाते हैं, यहां तक कि बहुत से लोग विदेशों में जाकर भी बस जाते हैं। ऐसे में ज्यादातर बुजुर्गों को अपने बुढ़ापे में अकेले ही गुजर बसर करनी पड़ती है, संपन्न घरानों के बुजुर्ग भी केयरटेकर्स के भरोसे होते हैं या होमशेल्टर में जिंदगी बिताते हैं। एक और अहम बात ये भी है कि जिंदगी की जद्दोजहद में अक्सर कपल्स ये सोचते हैं कि उन्होंने जितना स्ट्रगल किया, वही सबकुछ उनके बच्चों को भी झेलना पड़ेगा, इसलिए बच्चों को ऐसी तकलीफदेह जिंदगी देने से अच्छा है कि बच्चे ना ही हों। हालांकि इसमें सही गलत जैसी कोई बात नहीं है। विदेशों में बच्चे ना करने का ट्रेंड लंबे समय से पॉपुलर रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसी चीज से हमारे देश के कपल्स भी प्रभावित हो रहे हैं।'
एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि देश और दुनिया की आबादी बढ़ने के साथ नेचुरल रिसोर्सेस पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। आबादी बढ़ने के साथ हरे-भरे जंगल कम होते जा रहे है। कचरा और प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, संसाधनों की कमी के चलते संघर्ष और हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में एंटी नेटलिस्ट्स की सोच है कि अगर आबादी कम होगी तो संसाधनों पर बढ़ रहे बोझ को भी काबू किया जा सकता है और धरती को भी इंसानों के रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाया जा सकता है। इसीलिए बच्चे ना पैदा किए जाएं और उन्हें धरती पर मिलने वाले दुख से बचाया जाए।
फैमिली न बढ़ाने की अवधारणा को एंटीनेटलिज्म का नाम दिया गया है। कविता कौशिक और उनके पति की राय को एंटीनेटलिज्म की अवधारणा से प्रेरित माना जा सकता है। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में समाज में कई सेलेब्रिटी जोड़ियां और आम महिलाएं भी एंटीनेटलिस्ट्स बन सकती हैं।
Image Courtesy: Instagram(@justronnit, ikavitakaushik)
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