करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत करती हैं और चांद देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं।
सारे दिन व्रत रखने के बाद शादीशुदा महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान गणेश, शिव-पार्वती और करवा माता की पूजा करती हैं। महिलाएं रात में चांद को अर्घ्य देती हैं और करवा चौथ की कथा पढ़ती हैं। सनातन धर्म में इसे विवाहित महिलाओं के लिए सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें इस साल कब मनाया जाएगा करवा चौथ और इसका क्या महत्व है।
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth Shubh Muhurat 2022)
- कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ: 13 अक्टूबर 2022, बृहस्पतिवार को प्रातः काल 01 बजकर 59 मिनट से
- चतुर्थी तिथि समाप्त 14 अक्टूबर, शुक्रवार को प्रातः काल 03 बजकर 08 मिनट तक।
- इस साल इस साल चंद्रोदय व्यापिनी मुहूर्त 13 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रहा है। इसलिए इस दिन ही पूजन शुभ होगा।
- करवा चौथ व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को शाम 5:46 बजे से 6:50 बजे तक है।
- यदि महिलाएं इसी मुहूर्त में पूजन करेंगी तो उनके लिए शुभ होगा।
करवा चौथ व्रत क्यों होता है ख़ास (Why Karwa Chauth Vrat Is Important)
ज्योतिष में करवा चौथ का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जो शादीशुदा महिला इस दिन निर्जला व्रत करती है और पूरी श्रद्धा भाव से चंद्रमा को अर्घ्यदेती है उसके पति को लंबी उम्र का आशीष मिलता है और पति और पत्नी का रिश्ता भी मजबूत होता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा करती हैं तो उन्हें अमर सुहाग का वरदान प्राप्त होता है।
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करवा चौथ के दिन कैसे करें पूजन (How To Perform Karwa Chauth Puja)
- करवा चौथ व्रत की पूजा के लिए जल से भरा लोटा एवं एक करवे में गेहूं भरकर रखें।
- पूजन के लिए दीवार या कागज पर चंद्रमा तथा उसके नीचे भगवान शिव और कार्तिकेय की प्रतिमा बनाएं।
- आप बाजार से भी करवा चौथ का कैलेंडर ला सकती हैं।
- इस दिन महिलाएं सारा दिन निर्जला व्रत रखें आप व्रत में फलाहार का सेवन भी कर सकती हैं।
- दिन भर के व्रत के बाद रात में चंद्रमा के दर्शन करें और चंद्र को अर्घ्य दें।
- चन्द्रमा से प्रार्थना करें कि आपके पति को दीर्घायु मिले।
- व्रत पूर्ण होने के बाद महिलाएं जल और भोजन ग्रहण कर सकती हैं।
इस प्रकार करवा चौथ में किया गया पूजन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है और पति को दीर्घायु मिलती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik.com
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