भारतीय हिन्दू पंचांगानुसार करवा चौथ का त्योहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि को होता है। यानी यह त्योहार आज 17 अक्टूबर को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। करवा चौथ को “करक चतुर्थी”भी कहा जाता है। हिंदू परिवार की महिलाओं में इस त्योहार का बहुत महत्व है। इस त्योहार को शादीशुदा महिलाएं और वह कन्याएं रखती हैं जिनका विवाह तय हो गया होता है। करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा की जाती है। वैसे तो हर चौथ का महत्व है मगर करवा चौथ सभी चौथ में सबसे विशेष है। इस दिन हर महिला पूरे दिन उपावास रख कर रात में चंद्रमा के दर्शन करके ही अपना व्रत खोलती है। पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं, ‘इस वर्ष करवा चौथ का त्योहार विशेष है। इस बार 70 वर्ष बाद एक विशेष योग भी बन रहा हे। इस बार रोहिणी नक्षत्र और मंगल का योग एक साथ देखा जा रहा है। इस बार जो भी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करेंगी उनकी इस मनोकामना का पूर्ण होना तय है। आपको बता दें कि ऐसा योग तब भी बना था जब श्री कृष्ण और सत्यभामा का मिलन हुआ था।’ चलिए पंडित जी से जानते हैं कि इस बार किस शहर में कब चांद निकलेगा और करवा चौथ की पूजा विधि क्या है।
इसे जरूर पढ़े- करवा चौथ की मेहंदी में इन 6 तरीकों से लिखवाएं पति का नाम
मुंबई
पूजा का समय - 06.10 से 07.25 बजे तक
चन्द्र उदय का समय- 08.54 PM
लखनऊ
पूजा का समय - 06.48 से 07.40बजे तक
चन्द्र उदय का समय- 08.08 PM
दिल्ली
पूजा का समय - 05.46 से 07.02 बजे तक
चन्द्र उदय का समय- 08.20 PM
कोलकाता
पूजा का समय - 05.06 से 06.21 बजे तक
चन्द्र उदय का समय- 07.45 PM
जयपुर
पूजा का समय- 05.53 से 06.21 बजे तक,
चन्द्र उदय का समय- 08.29 PM
बेंगलुरु
पूजा का समय- 05.56 से 07.10 बजे तक
चन्द्र उदय का समय- 08.44 PM
इसे जरूर पढ़े- 4 लेटेस्ट बॉलीवुड डिजाइन वाले मांग टीका, आपके श्रृंगार में लगा देंगे चार चांद
कुकुम, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मेंहदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, चावल, सिन्दूर, मेंहदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूँ, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ, दक्षिणा के लिए पैसे। ये 5 आसान फेस्टिवल रंगोली डिजाइंस बना कर घर सजाएं
पण्डित दयानन्द शास्त्री कहते हैं,
‘यह सभी सामग्री आप एक दिन पहले ही एकत्र कर लें तो अच्छा होगा। इसके बाद व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन लें तथा शृंगार भी कर लें। इसके पश्चात यह संकल्प बोल कर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें। फिर पति की लंबी उम्र की कामना कर इस मंत्र का जाप करें। 'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।' ’
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।