कार्तिक पूर्णिमा 2019: जानें शुभ मुहूर्त, महत्‍व और पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा 2019 का क्‍या है शुभ मुहूर्त और इस दिन कैसे करनी चाहिए आपको भगवान शिव और विष्‍णु की पूजा। 

Kartik purnima  shubh muhurat puja vidhi by pandit ji

भारत में कई सारे त्‍योहार मनाए जाते हैं। खासतौर पर हिंदुओं में हर त्‍योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। अगर हिंदुओं के सबसे बड़े त्‍योहार की बात की जाए तो दिवाली का त्‍योहार सबसे बड़ा त्‍योहार है। मगर, दीवाली के कुछ दिन बाद ही कार्तिक पूर्णिमा का त्‍योहार भी आता है। यह त्‍योहार हिंदू कलेंडर के कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन आता है। इसलिए इस त्‍योहार को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। वैसे भारत के कुछ स्‍थानों पर इस त्‍योहार को देव दिवाली भी कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवों की दिवाली होती है। इस त्‍योहार को शैव और वैष्‍णों दोनों ही भक्‍त धूम-धाम से मनाते हैं। इस दिन दिवाली की तरह दीप जलाने और दान करने की प्रथा रही है। बहुत सारे घरों में इस दि सत्‍यनरायण स्‍वामी की कथा की जाती है और उसका भोग ग्रहण किया जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। वहीं इसी दिन भगवान विष्‍णु के सबसे पहले अवतार मत्‍स्‍य का जन्‍म भी हुआ था। ऐसी भी मान्‍यता है कि इस दिन सिखों के गुरू गुरुनानक देव का जन्‍म भी हुआ था। इस दिन पंजाबी कम्‍युनिटी के लोग गुरुद्वारे और घरों को दीप और लाइट्स से प्रकाशित करते हैं। अगर आप भी इस त्‍योहार को धूम-धाम से मनाते हैं और विधिवत भगवान की पूजा करते हैं तो चलिए पंडित दयानंद शास्‍त्री से पूजा विधि औ शुभ मुहूर्त जान लें।

इसे जरूर पढ़ें: Vastu Tips: मन की शांति और धन प्राप्ती के लिए लौंग से करें ये उपाय

Kartik purnima  puja vidhi

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

आपको बता दें कि इस वर्ष 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जा रही है। पूर्णिमा 11 नबंबर को ही शाम 6 बजकर 2 मिनट से शुरू हो जाएगी और 12 नवंबर को शाम 7 बजकर 4 मिनट तक रहेगी। अगर आप इस दिन पूजा पाठ या दान पुण करना चाहते हैं तो आपको इन शुभ मुहूर्त में ही ऐसा करना चाहिए।घर में रखेंगी बांसुरी तो मिलेंगे ये 5 बड़े लाभ

इसे जरूर पढ़ें: Numerology: अपने Birthday Month से जानें कैसी है आपकी पर्सनालिटी

पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्मा,विष्‍णु और महेश। इन तीनों देवताओं की पूजा होती है। खासतौर पर लोग इस दिन भगवान नारायण को खुश करने के लिए सत्‍यनारायण की पूजा करते हैं। आपको बता दें कि इस दिन की शुरुआत सूर्यउदय से पूर्व स्‍नान करके अच्‍छे वस्‍त्र पहन कर भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करके उन लोगों को जरूरत का सामान दान करें जो वाकई जरूरतमंद हैं। ऐसा करने से भगवान विष्‍णु आप से आपार खुश हो जाएंगे।

Kartik purnima  shubh muhurat

आपको बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप दान करने का भी रिवाज है। इस दिन भगवान विष्‍णु के पहले अवतार मत्‍स्‍य का जन्‍म हुआ था। इस दिन लोग पवित्र नदी गंगा में स्‍नान करते हैं और गंगा माता की आरती करते हैं। इस दिन घरों और गंगा घाटों में दीप जलाने की परंपरा है। आपको बता दें कि इस त्‍योहार को भी लोग दिवाली की तरह ही पूरे उत्‍साह से मनाते हैं।पंडित जी से जानिए कि ‘मोती’ आपके लिए शुभ है या अशुभ

क्‍या है कथा

ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्‍य का वध किया था। त्रिपुरासुर का आतंक इतना ज्‍यादा बढ़ चुका था कि उससे तीनों लोक भयभीत थे। त्रिपुरासुर स्‍वर्ग में अपना अधिकार जमाना चाहता था और इस उद्देश्‍य से वह हमेशा ही देवताओं को परेशान करता रहता था। त्रिपुरासुर को भगवान ब्रह्मा का वरदान प्राप्‍त था कि दुनिया में उसे कोई नहीं मार सकता है। इसी वरदान के अहंकार में त्रिपुरासुर देवताओं को अपने अत्‍याचार से परेशान करता रहता था। मगर कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवा शिव ने अर्धनारीश्‍वर का रूप धारण कर त्रिपुरासुर का वध कर दिया।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP