हर महिला को गोल्ड ज्वेलरी पसंद होती है। यही वजह है कि त्योहारों पर हम लोगों को ज्यादातर सोने की ज्वेलरी खरीदते देखते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं ज्वेलरी खरीदने से ज्यादा सोने का सिक्का या बिस्किट खरीदने में फायदा है।
अगर आप निवेश के लिए गोल्ड खरीदने का प्लान कर रही हैं, तो ज्वेलरी लेना फायदे का सौदा बिल्कुल भी नहीं है। जी हां, इसके पीछे एक सामान्य-सा कैलकुलेशन छिपा होता है। इस कैलकुलेशन के बारे में कोई भी सोनार या ज्वेलर नहीं बताता है, क्योंकि इसमें उनका घाटा होता है।
ज्वेलरी या सोने का सिक्का, क्या लेना फायदेमंद है?
इन्वेस्टमेंट या निवेश के लिए ज्वेलरी खरीदना फायदे का सौदा नहीं होता, यह बात अगर आपको परेशान कर रही है तो इसके पीछे की वजह जान लेना जरूरी है।
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मेकिंग चार्ज का खर्च
हर सोनार या ज्वेलर अपनी ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज लगाता है। यह मेकिंग चार्ज 5 से 30 फीसदी तक होता है। आसान भाषा में समझें, अगर आप 1 लाख की कोई ज्वेलरी खरीदती हैं तो उसमें 5 हजार से 30 हजार तक, मेकिंग चार्ज ही दे रही होती हैं।
कमाल की बात यह है कि जब भी आप एक्सचेंज या गोल्ड ज्वेलरी बेचने जाएंगी तो मेकिंग चार्ज का अमाउंट वापस नहीं होगा। वहीं सोने का सिक्का या बिस्किट खरीदने पर मेकिंग या अन्य चार्ज नहीं लगता है। बता दें, सोने का सिक्का 1 ग्राम का भी मिलता है और जब भी भविष्य में इसे बेचना चाहेंगी, तो ज्यादा रिटर्न मिलने के चांस होते हैं।
ज्वेलरी खरीद पर नुकसान
ज्वेलरी का डिजाइन बनाने में नग, मोती, डायमंड या अन्य रत्न भी लगते हैं। जिसका खरीदते समय वजन सोने के साथ जुड़ा होता है। लेकिन जब आप ज्वेलरी एक्सचेंज या रिटर्न करने जाएंगी तब सिर्फ गोल्ड की कीमत लगाई जाएगी। यानी मेकिंग के साथ-साथ नग, मोती और डायमंड की कीमत पानी में चली जाएगी।
अगर गोल्ड खरीदकर घर या लॉकर में ही रखना है, तो सोने का सिक्का या बिस्किट लेना ही फायदेमंद है। क्योंकि इसमें नग और रत्नों का एक्स्ट्रा चार्ज आपको नहीं देना होगा। साथ ही आप जब चाहें उससे गहने बनवा सकती हैं, तब सिर्फ आपको मेकिंग चार्ज ही देना होगा।
कैरेट का झोल
गोल्ड खरीदते समय उसकी शुद्धता का भी ध्यान रखना होता है। सबसे ज्यादा प्योर गोल्ड 24 कैरेट का होता है और इसे निवेश के लिए बेहतर माना जाता है। वहीं ज्वेलरी 14 कैरेट से 22 कैरेट में तैयार होती है। ज्वेलरी को रिटर्न करते समय कैरेट के अनुसार ही वैल्यू लगाई जाती है, वहीं सिक्के या बिस्किट के साथ ऐसा कुछ नहीं होता है।
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गिफ्ट में फायदा
अगर आप किसी को गोल्ड गिफ्ट करने के बारे में सोच रही हैं, तब भी सोने का सिक्का या बिस्किट फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि जब आप किसी को ज्वेलरी गिफ्ट करेंगी और उसे डिजाइन पसंद ना आए, तो यह घाटे का सौदा होता है। वहीं सोने का सिक्का या बिस्किट गिफ्ट में देंगी, तो वह शख्स अपनी पसंद की ज्वेलरी जब चाहे और जैसे चाहे बनवा सकता है।
सुरक्षित ऑप्शन
छोटे दुकानदार या ज्वेलर कैरेट में अक्सर घपला बाजी करते हैं, वह ज्वेलरी 22 कैरेट बताते हैं लेकिन जब आप उसे रिटर्न या बेचने जाएंगी तो वह 18 या 14 कैरेट निकलती है। ऐसे में सोने का सिक्का या बिस्किट सुरक्षित ऑप्शन हो सकता है, क्योंकि वह 24 कैरेट में आता है, साथ ही इसपर हॉलमार्क का निशान होना अनिवार्य है। ऐसे में सोने के सिक्के या बिस्किट को सुरक्षित ऑप्शन माना जाता है।
इस फेस्टिवल सीजन ज्वेलरी या सोने का सिक्का, क्या खरीदना फायदेमंद हो सकता है यह आप समझ ही गई होंगी। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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Image Credit: Freepik
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