भारतीयों में गोल्ड ज्वेलरी को लेकर एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता है। कुछ लोग गोल्ड ज्वेलरी को निवेश का एक बेहतरीन ऑप्शन भी मानते हैं। यही वजह है कि त्योहार, शादी या अन्य किसी मांगलिक कार्य से पहले सोना खरीदना परंपरा-सा बन गया है।
त्योहारों के दिनों में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिसकी वजह से बाजार में नकली और मिलावटी गोल्ड भी आ जाता है। नकली-मिलावटी सोना खरीदने पर आपको मोटी चपत लग सकती है और मेहनत की कमाई बर्बाद हो सकती है। अगर आप भी इस फेस्टिवल सीजन में सोना खरीदने की प्लानिंग कर रही हैं और 22 कैरेट का गोल्ड रेट जानने के बाद बाजार जा रही हैं, तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें।
गोल्ड खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
गोल्ड रेट जानें
हर शहर में गोल्ड का रेट अलग होता है। क्योंकि डिमांड, इंपोर्ट कॉस्ट और अन्य चीजों पर गोल्ड का रेट तय होता है। गोल्ड भी शेयर मार्केट की तरह हर दिन उतरता-चढ़ता है। ऐसे में अगर आप गोल्ड की ज्वेलरी या अन्य कोई सामान खरीदने जा रही हैं तो अपने शहर का रेट जरूर चेक करके जाएं।
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प्योरिटी
खरीदने से पहले गोल्ड की प्योरिटी जान लेना बहुत जरूरी होता है। गोल्ड की प्योरिटी कैरेट (K) में मापी जाती है। सबसे प्योर यानी शुद्ध गोल्ड 24 कैरेट का होता है, लेकिन ज्वेलरी 18 से 22 कैरेट में तैयार होती है।
हॉलमार्क चेक करें
अगर आप गोल्ड खरीदने जा रही हैं तो हॉलमार्क जरूर चेक करें। क्योंकि हॉलमार्क से ही ज्वेलरी की शुद्धता सुनिश्चित की जा सकती है। बता दें, सोने की शुद्धता से ही रेट भी तय होता है।
मेकिंग चार्ज
गोल्ड की ज्वेलरी की खरीद पर हर दुकानदार और स्टोर मेकिंग चार्ज लगाता है। ऐसे में जब भी आप गोल्ड की खरीददारी करने जाएं, तो मेकिंग चार्ज के बारे में जरूर पता करें। साथ ही आप मेकिंग चार्ज पर मोल-भाव भी कर सकती हैं। क्योंकि, ज्यादातर ज्वैलर मोल-भाव करने पर मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं।
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मैन मेड या मशीन मेड
फेस्टिवल सीजन में गोल्ड की जमकर खरीदारी होती है, इसकी वजह से प्रोडक्शन भी बढ़ जाता है। ऐसे में ज्यादातर ज्वैलरी मशीनों से तैयार की जाती है। इसलिए जब भी आप सोना खरीदने जाएं तो ज्वेलर से जरूर पूछें कि यह मैन मेड है या मशीन मेड। क्योंकि मशीन से बनी ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज कम होता है।
वजन जरूर चेक करें
भारत में ज्यादातर वजन के अनुसार ही गोल्ड ज्वेलरी बेचा जाता है। ज्यादा वजन की ज्वेलरी की कीमत भी ज्यादा होती है और अगर ज्वैलरी में डायमंड या अन्य कीमती स्टोन लगे हैं तो यह बढ़ जाती है। अक्सर, ज्वैलर स्टोन्स के साथ ही ज्वेलरी का वजन करते हैं। ऐसे में जब भी ज्वैलरी खरीदें, तो इस बात को याद रखें कि स्टोन की वजह से आप उस गोल्ड की कीमत दे रही हैं, जो मौजूद भी नहीं है। फेस्टिवल सीजन में अगर आप अपनी गोल्ड ज्वेलरी की सफाई कराने जा रही हैं, तो भी ज्वेलर को देने और लेने के बाद वजन जरूर चेक करें।
ऑफर पर ध्यान दें
त्योहारों के मौसम में बहुत सारे ज्वैलर ऑफर निकालते हैं, जिसमें वह मेकिंग चार्ज कम या जीरो भी कर देते हैं। अगर आप फेस्टिवल सीजन में ज्वेलरी खरीदने की प्लानिंग कर रही हैं तो अलग-अलग ज्वेलर्स के ऑफर जरूर चेक करें।
बॉय-बैक पॉलिसी
किसी भी ज्वैलर से गोल्ड खरीदते समय उसकी बॉय-बैक पॉलिसी भी समझ लेनी चाहिए। क्योंकि कई ज्वेलर्स और बड़े स्टोर बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज को काटे उस तारीख की गोल्ड कीमत पर ज्वेलरी वापस लेते हैं।
बिल जरूर लें
आप किसी भी स्टोरी से ज्वेलरी की खरीददारी करें, लेकिन बिल लेना ना भूलें। बिल पर ज्वेलरी का वजन और प्योरिटी से जुड़ी अन्य डिटेल्स भी चेक करें। टैक्स या अन्य चार्ज से बचने के लिए कच्चा बिल बिल्कुल ना लें, क्योंकि वह विश्वासी नहीं होता है।
फेस्टिवल सीजन में गोल्ड की खरीददारी के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, यह आप समझ ही गई होंगी। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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Image Credit: Freepik
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