Hanuman Temple: यहां बिना छत के रहते हैं हनुमान, खौफनाक किस्से से जुड़ी है कथा

आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां हनुमान जी बिना छत के स्थापित हैं और छत बनवाने की हिम्मत आज तक कोई नहीं कर पाया है। 

hanuman temple without roof

Bina Chhat Wale Hanuman Ji: दुनियाभर में कई अनोखे और रहस्यमयी हिन्दू मंदिर हैं। अकेले भारत में ही मंदिर और उनसे जुड़ी रोचक कथाएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक है हनुमानी जी के मंदर की कथा। यह इकलौता ऐसा हनुमान मंदिर है जहां हनुमान जी के सिर पर छत नहीं हैं।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने हमें इस मंदिर से जुड़ा बड़ा ही हैरतंगेज रहस्य बताया। उन्होंने हमें कहा कि इस मंदिर की छत बनवाने वाले के जीवन में अशुभ परिणाम पनपने लगते हैं और अप्रिय घटनाएं घटित होने लगती हैं।

  • हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह राजस्थान के जालोर के कानिवाड़ा में स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां के हनुमान जी की मूर्ति प्रगट्य है यानी कि किसी ने बनवाई नहीं है बल्कि स्वयं हनुमान जी इस स्थान पर प्रकट हुए थे। यह मंदिर 500 साल पुराना माना जाता है।
  • इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति की विशेषता यह है कि यहां हनुमान जी (हनुमान जी के व्रत की विधि) अपने पैर जोड़कर बैठे हैं और हनुमान जी की प्रतिमा सूर्यमुखी है। अब आते हैं इस मंदिर के मुख्य रहस्य पर जो इसकी कभी न बन पाने वाली छत से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर की छत से जुड़ी एक कथा है।
hanuman temple without roof katha
  • पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत साल पहले एक महान हनुमान भक्त इस मंदिर में हनुमान दर्शन की इच्छा लिए आए थे। यहां आकर उन्होंने हनुमान जी के दर्शन किये और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर में मौजूद सेवक से जब उन्होंने मंदिर की छत को लेकर सवाल किया।
  • तब सेवक ने बताया कि हनुमान जी का आदेश है कि मंदिर में छत न डलवाई जाए। हनुमान भक्त ने सोचा कि उनके प्रभु बिना छत के कैसे रहेंगे तो उन्होंने मंदिर की छत का निर्माण शुरू करवाया। मंदिर के पुजारी जी एवं अन्य लोगों ने उन्हें बहुत समझाया मगर भक्त किसी की कहां सुने।
jalore hanuman mandir
  • जैसे ही मंदिर की छत का निर्माण कार्य आधे में पहुंचा कि तभी मंदिर की छत टूट गई। ऐसा कई बार हुई कि जैसे ही मंदिर (मंदिर में प्रवेश के समय क्यों करते हैं सीढ़ियों को स्पर्श) की छत बनकर तैयार होने वाली होती कि तभी किसी न किसी कारण मंदिर की छत टूट जाती। हनुमान भक्त को कुछ समझ नहीं आ रहा था। ऐसे में उन्होंने हनुमान जी से प्रार्थना की।
  • तब हनुमान जी ने सपने में आकर उन्हें बताया कि वह नहीं चाहते कि इस मंदिर में छत का निर्माण हो। हनुमान जी का आदेश मान वह भक्त अपने घर लौट गया और यह कथा प्रचलित हो गई कि हनुमान जी का आदेश है कि इस मंदिर में छत का निर्माण न हो। तब से आज तक कोई भी यहां छत नहीं बनवा सका है।
kaniwada hanuman ji
  • मान्यता है कि जब-जब जिसने भी यहां मंदिर की छत का निर्माण कराने की कोशिश की है उसके जीवन में घोर संकट आ गया, निर्माण करने वाले कर्मचारियों की मृत्यु हो गई और निर्माण कराने वाले व्यक्ति के घर बीमारी का बसेरा हो गया।

तो य कारण था हनुमान जी के इस मंदिर में बिना छत न होने का। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Wikipedia

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP