सृष्टि के रचयता ब्रह्म देव के बारे में बहुत लोग ही जानते हैं। ऐसे तो सबको पता है कि ब्रह्म देव ने ही सृष्टि का निर्माण किया है लेकिन ब्रह्म देव से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी या तो है ही नहीं है फिर है भी तो वह आधी-अधूरी। उदाहरण के तौर पर, मां सरस्वती के बारे में लोगों के दो मत हैं, कुछ लोग कहते हैं कि मां सरस्वती ब्रह्म देव की पत्नी हैं तो वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि वह उनकी पुत्री हैं। यहां तक कि एक मत ये भी कहता है कि ब्रह्म देव ने अपनी ही बेटी यानि कि माता सरस्वती की सुंदरता से मोहित होकर उनसे विवाह कर लिया था। जब हमने इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से पूछा तो उन्होंने हमें सटीक और स्पष्ट उत्तर बताया। आइये जानते हैं इस विषय में कि मां सरस्वती ब्रह्मा की पत्नी हैं या फिर पुत्री।
मां सरस्वती का क्या है ब्रह्म देव से रिश्ता?
शास्त्रों में जो लिखा है उसके अनुसार, जब ब्रह्म देव ने सृष्टि की रचना की थी तब उन्हें अपना ही बनाया गया संसार नीरस यानी कि अधूरा और फीका लग रहा था। ब्रह्म देव ने आंख बंदकर जब संसार की पुनः कल्पना की तब उस कल्पना में एक दिव्य ऊर्जा भी उन्हें नजर आई। उसी दिव्य ऊर्जा ने देवी का रूप धारण किया और ब्रह्म लोक में प्रकट हुईं।
देवी रूपी यही ऊर्जा को सशरीर जब ब्रह्म देव ने देखा तो उनकी सुन्दरता और सौम्यता को देख ब्रह्म देव ने उन्हें सरस्वती नाम दिया। सरस्वती 'सरस' और 'वती', इन दो शब्दों से मिलकर बना है। सरस का अर्थ होता है वाणी और वती यानी कि जिसके पास वह वाणी है। मां सरस्वती को ब्रह्म देव ने ज्ञान, विद्या, कला आदि की देवी होने का दायित्व सौंपा।
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मां सरस्वती के दर्शन करने सभी देवगण पहुंचे। साथ ही, भगवान शिव माता पार्वती के साथ और भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के साथ ब्रह्मलोक में प्रकट हुए। इसके बाद भगवान शिव और भगवान विष्णु की प्राथना पर ब्रह्म देव ने माता सरस्वती से पूर्ण विधि-विधान के साथ विवाह किया। इससे यह स्पष्ट है कि माता सरस्वती ब्रह्म देव की अर्धांगिनी ही हैं।
अब आता है ये सवाल कि अगर माता सरस्वती ब्रह्म देव की पत्नी हैं तो उन्हें ब्रह्मा की बेटी वाली बात का क्या अर्थ है, तो बता दें कि इसके पीछे का सत्य यह है कि माता सरस्वती ने जब प्रथम बार वीणा बजाई थी तब उसी तरंगों से एक छोटी कन्या उत्पन्न हुई थी। माता सरस्वती ने उसका नाम स्वरा रखा, जो ब्रह्म देव और मां सरस्वती की पुत्री कहलाईं।
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इसी स्वरा का आगे चलकर नाम सरस्वती पड़ गया। इसी कारण से लोक मान्यताओं में यह भ्रांति मौजूद है कि ब्रह्म देव ने अपनी बेटी सरस्वती से ही विवाह किया था जबकि यह पूर्णतः अनुचित है। ब्रह्म देव की पत्नी माता सरस्वती अलग हैं और स्वरा से बनी ब्रह्म देव की पुत्री सरस्वती अलग हैं। शास्त्रों के अलावा, ब्रह्म पुराण में भी यही वर्णित है।
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