अंडरगार्मेंट्स बहुत ही जरूरी होते हैं और यह हमारे निजी अंगों को सुरक्षित रखने का काम करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इन्हें डिजाइन करते समय बहुत ध्यान रखा जाता है जिसमें कंफर्ट ही नहीं इनके उपयोग को भी ध्यान में रखा जाता है। आपने देखा होगा कि अलग-अलग डिजाइन के अंडरगार्मेंट्स का काम भी अलग होता है। इनकी डिजाइनिंग में भी बहुत रिसर्च की जाती है और तभी आपको सही फिटिंग, साइज, कंफर्ट और प्रोटेक्शन मिल पाता है।
पर इनकी डिजाइनिंग से जुड़ी कुछ खास बातों पर शायद आपने ध्यान नहीं दिया हो। आज हम आपको अंडरगार्मेंट्स से जुड़े कुछ ऐसे ही फैक्ट्स बताएंगे। हमने इन्हें लेकर गूगल सर्च की और कुछ बेसिक सवालों को इकट्ठा किया जिन्हें गूगल पर सबसे ज्यादा पूछा जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं उन्हीं सवालों के जवाब।
ब्रा में लगे हुए को क्या कहा जाता है?
इसका नाम भी इसके काम की तरह बहुत ही टेक्निकल है। इन हुक्स को इनकी तकनीक के नाम पर क्लोजर बुलाया जाता है। दरअसल, ब्रा में लगे हुक्स hook and eye closure तकनीक से काम करते हैं। इसके अलावा, कंवर्टिबल ब्रा में एक जे-हुक (J-hook) भी होता है जिसका काम होता है ब्रा स्ट्रैप्स को रेसरबैक (Racerback) ब्रा में बदल देना।
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ब्रा और पैंटी में क्यों होता है बो (Bow)
अधिकतर लोगों को लगता है कि ब्रा और पैंटी में मौजूद बो सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ मुहिम के कारण लगाया जाता है। यह तथ्य भी सही है, लेकिन इसका एक और कारण बताया जाता है।
पुराने जमाने में महिलाएं कॉर्सेट पहनती थीं जिसमें व्हेल की हड्डी मौजूद होती है। इस हड्डी को बस्क कहा जाता था और उसे ऐसे फिट किया जाता था कि कॉर्सेट की स्ट्रैप आसानी से बंधे और उसकी पोजीशन खिसके ना। कॉर्सेट तो चले गए और धीरे-धीरे अंडरवियर और ब्रा आ गई।
अब इलास्टिक के आने से पहले उन्हें बांधने के लिए धागा इस्तेमाल होता था जिसे बांधा जाता था। यही फैशन बन गया और बो का शेप कहीं ना कहीं अंडरगार्मेंट्स में रह गया।
ब्रा के कप में क्यों बनी होती है लाइन?
खासतौर पर कॉटन की ब्रा अगर आप खरीदें तो पाएंगी कि इसके कप्स में लाइनिंग बनी हुई है। यह लाइन बनी होने का मतलब है कि वहां एक्स्ट्रा फैब्रिक लगाया गया है। कुछ पैडेड ब्रा में भी लाइन होती है, लेकिन यह अधिकतर कॉटन ब्रा का फीचर होता है।
ऐसा इसलिए ताकी कॉटन ब्रा भी आपको ज्यादा बेहतर कवरेज दे। ऐसे में निप्पल्स को ठीक से कवर किया जा सके इसलिए कपड़ा लगाकर एक्स्ट्रा सिलाई की जाती है जिसके कारण लाइन दिखती है।
लेडीज पैंटी में छोटी पॉकेट क्यों होती है?
लेडीज पैंटी के मुख्य हिस्से में एक जेब जैसा आकार होता है। यह जेब जैसा आकार कोई सामान रखने के लिए नहीं, बल्कि प्रोटेक्शन के लिए होता है। इसकी पूरी तरह से सिलाई इसलिए नहीं की जाती है ताकि मूवमेंट में कोई दिक्कत ना हो। बीच में लगाया गया कपड़ा सॉफ्ट होता है जिससे किसी भी तरह का डिस्चार्ज सोखा जा सके। जैसे नेट या सैटिन आदि कपड़ों से बने अंडवियर्स में बीच के हिस्से में कॉटन का कपड़ा लगाया जाता है।
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ब्रा का फुल फॉर्म क्या है?
फ्रेंच शब्द Brassiere (brassière) से ब्रा लिया गया है। 1893 में न्यूयॉर्क के ईवनिंग हेराल्ड न्यूजपेपर में सबसे पहले इसे इस नाम से पुकारा गया था और उसके बाद वोग मैगजीन ने इसे छापा था। धीरे-धीरे यह शब्द बहुत प्रचलित होने लगा और उसके बाद इसे ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में जोड़ लिया गया।
किसने किया था पैंटी का आविष्कार?
पैंटी का आविष्कार रोम से माना जाता है। हालांकि, उस दौर में इजिप्ट में भी इसका इस्तेमाल हो रहा था। पीरियड्स के दौरान महिलाएं इसे पहना करती थीं और इसे चमड़े से बनाया जाता था।
मॉर्डन पैंटी का स्वरूप Étienne Valton ने अपने भाइयों के साथ मिलकर बनाया था। तब से लेकर अब तक इसमें बहुत से बदलाव हो चुके हैं। 20वीं सदी में पैंटी को यह नाम मिला क्योंकि तब महिलाओं की अंडरवियर बहुत लंबी हुआ करती थी जो कटी हुई पैंट जैसी लगती थी।
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