जानें भारत में सरोगेसी से जुड़े ये कानून

भारत में सरोगेसी से जुड़े हुए भी कुछ कानून बनाए गए हैं जो आपको जरूर पता होने चाहिए। तो चलिए इस लेख में उन कानूनों के बारे में। 

what are the surrogacy laws in india

आपने हाल ही में ऐसे कई सारे बॉलीवुड कपल के बारे में सुना होगा जिन्होंने सरोगेसी तकनीक से बच्चा पैदा किया है। सरल भाषा में बताएं तो सरोगेसी बच्चा पैदा करने की एक आधुनिक तकनीक है। इस तकनीक के जरिये कोई अन्य महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिये किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है। जो महिला प्रेग्नेंट होती है वह बच्चे को अपने गर्भ में पालती है और फिर बच्चा पैदा होने पर वह कपल को बच्चा दे देती है।

आपको बता दें कि जो महिला बच्चे को जन्म देती है और जो कपल सरोगेसी करवाते हैं उनके बीच एक एग्रीमेंट भी होता है। इससे जुड़े हुए कुछ कानून भी हैं जिनके बारे में कलेक्ट्रेट परिसर लखनऊ में ए वन चेम्बर के क्रिमिनल एडवोकेट शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने हमें बताया है।

जानिए साल 2019 में क्या था सरोगेसी का कानून?

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आपको बता दें कि साल 2019 के नियम के अनुसार सरोगेसी के लिए सरोगेट महिला के पास मेडिकल रूप से पूरी तरह फिट होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए और जब वह मेडिकल रूप से फिट होगी तो वह सरोगेट मां बन सकती हैं।

इसके साथ-साथ जो कपल सरोगेसी करवा रहे हैं उन्हें भी इसका प्रमाण पत्र देना होगा जिसमें यह बताया गया हो कि वह माता-पिता बनने के लिए मेडिकल अनफिट हैं। आपको बता दें कि सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2020 में इसमें बदलाव किए गए थे।

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सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2020

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आपको बता दें कि साल 2020 में सेरोगेसी रेग्युलेशन बिल में कई तरह के सुधार किए। इस बिल के अनुसार कोई भी इच्छुक महिला सरोगेट मदर बन सकती है लेकिन यह बिल कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाता है।(भारतीय अनमैरिड कपल्स को जरूर पता होने चाहिए ये कानूनी अधिकार) क्रिमिनल एडवोकेट शैलेन्द्र प्रताप सिंह के अनुसार पुराने बिल के अनुसार अगर किसी महिला की उम्र 21 से 35 साल है तो वह सरोगेट मदर बन सकती है लेकिन इस सरोगेसी रेग्युलेशन बिल के बाद इसे 25 उम्र से 35 साल की महिला ही सरोगेट मदर बन सकती है।

कई कपल सरोगेट मदर का शोषण भी करते हैं इस कारण से कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाई गई है। आपको बता दें कि कई बार अविवाहित महिलाएं आर्थिक तंगी की वजह से भी सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार हो जाती हैं।

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इन कारणों से हो सकती है सरोगेसी

आपको बता दें कि शैलेन्द्र प्रताप सिंह के अनुसार भारत में सरोगेसी से बच्चे को जन्म देने के लिए तब अनुमति होती है जब कपल मेडिकल अनफिट होता या फिर गर्भधारण करने से महिला की जान को खतरा हो। इन कारणों की वजह से कपल सरोगेट मदर का सहारा ले सकता है। इन नियमों में सरोगेट मदर का हित हो इसे भी ध्यान में रखा गया है।(पिता की संपत्ति में क्या होते हैं बेटी के अधिकार, जानिए)

तो ये थे सरोगेसी से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण नियम जो आपको जरूर पता होने चाहिए। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

image credit-freepik

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